bharat ke home minister ke beyan par doctor ahsan ki paratikirya.

मुसलमानों की  वैक्तिगत परगति को किसी का  एहसान करार देना उनकी काबलियत और योग्यता के खेलाफ है ,भारत के गृहमंत्री का इशारा इतिहास में पहली बार मुस्लिम आईपीएस अफसर जनाब एस एम इब्राहीम को इन्तेलिगेंस ब्यूरो का चीफ बनाये की तरफ था ,इससे इब्राहीम की य्ग्यता पर शिंधे ने सवालिया निशान लगा दिए।इसपर प्रश्न उठाया जा सकता है के क्या अन्य दुसरे धर्म और जाति के लोग अपनी योग्यता के कारण तरक्की नहीं बलके किसी के रहमो करम और चापलुशी के आधार पर ही ऊँचे पदों पर अबतक बैठाया जाता रहा है उनके योग्यता के आधार पर नहीं ?क्या मुसलमानों को उचे पदों को पाने के लिए चापलुशी का सहारा लेना होगा ? ये  बातें बिहार के मशहूर समाजी कार्यकर्ता एवं साहित्यकार  डॉक्टर कमरुल अहस न एक प्रेस रिलीज़ जारी कर कही ,जिसे उर्दू दैनिक के दिनांक 20/12/2012 के पेज 09 भी देखा जा सकता है   

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"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"