उर्दू हिन्दुस्तान के नजरिये की मोकम्मल तर्जुमान(प्रतिनिधित्व),भोपाल में जस्टिस काटजू की कयादत में उर्दू वेरासत कारवां का इस्तकबाल

भोपाल 23 दिसंबर (यू एन आई )उर्दू न सिर्फ एक खालिस हिदुस्तानी जुबान है जिसने इस मुल्क की सोंधी मिट्टी में जन्म लिया बलके इसने अहद (जमाने )में हिन्दुस्तान की तहजीबी (सांस्कृतिक )विरासत को जला बख्शी और कसरत कशरत में वहदत (अनेकता)में एकता के नजरिये को अमली रूप दिया लेकिन बद्किश्मती से मुल्क के बटवारे के बाद एक साजिश के तहत  इसे एक मख्शुश फिरका (एक खास समुदाय से )जोड़  कर इसकी तरक्की की राहें रोकने की कोशिश की गई ,इसलिए अब  वक़्त  आ   गया है के इसके साथ होने वाली नाइन्साफियों का एजाला (दूर )किया जाए ,इन खेयालात का इज़हार मुख्तलिफ मजाहेब (विभिन्व धर्मों )और समाजी व सियासी पसमंजर रखने वाले दानिश्वरों व अहले बशिरत ने किया ......रियासत मध्य प्रदेश की राजधानी और नवाबों की नगरी भोपाल में प्रेस कौंसिल  ऑफ़ इंडिया (PCI )के चेयरमैन और मोह्सिने उर्दू  जस्टिस (रिटायर्ड )मारकंडे काटजू की सरबराही (प्रतिनिधितिव )में आने वाले "उर्दू वेरसत कारवां "का इस्तकबाल करते हुए इन अहम् शख्सियतों ने इस बात पर  बरमला इज़हार भी किया के इस पुर आशूब दौर में जब बाज ताक़तें (कुछ ताकतें )हिंदुस्तान के ताने बाने को बिखेरने की शाजिशों में मशरूफ (लगे )हुए  हुए हैं उर्दू का फरोग लाजमी है ,कयोंके "हिंदुस्तानियत "के नजरिये की मोकम्मल तर्जुमानी (प्रतिनिधितिव )अगर कोई जुबान कर सकती है तो वह है उर्दू रियासत के गवर्नर श्री राम नरेश यादव ने कल से पहर "उर्दू वेरसत कारवां "की आमद पर ख़ुशी का इज़हार करते हुए कहा के उर्दू इस हिन्दुस्तान एक अज़ीम (महान)जुबान (लैंग्वेज)है जो यहीं पैदा हुई और परवान चढ़ी है ,आज़ादी की लड़ाई में इस जुबान की कुर्बानियों को हरगिज फरामोश नहीं किया जा सकता ........हिन्दुस्तान की दो बड़ी कौमों हिन्दुओं और मुसलामानों की तक्शिम करने की साजिश के तहत उस वक़्त मुल्क पर काबिज अंग्रेजों ने लेसनी बुनियादों (जुनान की बुनियादों )झगड़े कराये, पिपुल्ज यूनिवर्सिटी के खचाखच भरे हॉल में कावां के अराकिन, यूनिवर्सिटी  के  छात्र और मोअज्जज शहर और दीगर सामेइन से खाताब (संबोधित )करते हुए गवर्नर मौसूफ़ ने कहा के दिलों को जोड़ने वाली शिरीं जुबान उर्दू से संबधित  गलत फहमियों को दूर करने का जो बीड़ा जस्टिस काटजू और उसके साथियों ने उठाया है वह कबीले तारीफ़ है और मुल्क की वहदत व कौमी एक्जहती की खातिर इस तहरीक में हर हुब्बूल वतन (देश भग्त )हिन्दुस्तान को शामिल होना चाहिए।क़ब्ल अजिं जुमा की शाम को यहाँ उर्दू कारवां का इस्तकबाल करते हुए मध्य प्रदश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात का यकीन दिलाया के उनकी रियासत में उर्दू के साथ किसी प्रकार का भेद भाव नहीं बरता जायेगा ,उर्दू से सम्बब्धित जो भी मामले उनके सामने लाये जाएँगे वह उन्हें हल करने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे .
नोट :-उपरोक्त खबर दैनिक पिन्दार के 24/12/2012 से ली गई है 

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