पार्लियामेंट और मुंबई पर हमले हुकूमत ने ही करवाए थे

 पार्लियामेंट और मुंबई पर हमले हुकूमत ने ही करवाए थे
न्यू डेल्ही 1 4  जुलाई ( एजेंसी ) इशरत जहाँ फर्जी एनकाउंटर मामले में सी बी आई और आई बी के दरमयान जारी झगरे के दौरान गृहमंत्रालय के एक पूर्व अधिकारी ने बेहद चौकाने वाला दावा किया है , अफसर का कहना है के 2 0 0 1 में पार्लियामेंट हिउसे पर 2008 में मुंबई में हुए  आतंकी हमले की साजिश खुद सरकार ने कराये थे , इशरत जहाँ फर्जी एनकाउंटर मामले में अदालत को दिए एक हलफनामे में गृहमंत्रालय में तत्कालीन अंडर सेक्रेटरी आर वी एस मणि ने कहा है के आई पी एस अधिकारी सतीश वर्मा ने कहा था के ये दोनों आतंकी हमले दहशतगर्दी के खेलाफ बनाये जाने वाले कानून को मजबूत आधार प्रदान करने के लिए कराये गए थे , श्री वर्मा कुछ दिन पहले तक सी बी आई ,  एस आई टी की जाच टीम के सदस्य थे , मणि के मुताबिक़ बर्मा ने कहा था के 1 3  दिसंबर 2001 को पार्लियामेंट हाउस पर हमला पोटा कानून को पास कराने से पहले किया गया था , जबके 26/11 /2008 को मुंबई पर हुए हमले दह्शात्गार्दाना हमले के बाद गैर कानूनी रोक थाम अधिनियम में संसोधन
किया गया , गृहमंत्रालय के पूर्व अधिकारी का कहना है के इशरत जहाँ मामले की जाँच कर रही सी बी आई ,एस आई टी के एक सदस्य ने पार्लियामेंट और मुंबई पर 26/11 के दह्शात्गार्दाना हमले के लिए उस वक्त की सरकारों पर साजिश रचने का इल्जाम लगाया था ,एक अंग्रेजी अखबार के रिपोर्ट के मुताबिक़ इशरत जहाँ  एनकाउंटर मामले  की जांच में सरकार के तरफ से अदालत में हलफ़नामे पर दस्तखत करने वाले गृहमंत्रालय के पूर्व अतिरिक्त सचिव आर वी एस मणि ने कहा के हाल तक सी बी आई ,एस आई टी  के सदस्य रहे सतीश वर्मा ने बताया था के दोनों आतंकी घटना की साजिश उस वक्त की सरकार ने रची थी ,श्री मणि ने सतीश के हवाले से कहा के 13/12/2001 को पार्लियामेंट पर हमले के बाद पोटा कानून लागु किया गया ,फिर 26/11/2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले के बाद गैर कानूनी सरगर्मी रोक थाम सम्बंधित कानून में तबदीली की गई ,याद रहे के दोनों हमलों के वक़्त क्रमशः बी जे पी और कांग्रेस की सरकारें केंद्र में थी . गुजरात कैडर के आई पी एस अधिकारी सतीश वर्मा ने कहा था के मुझे पता नहीं क्या शिकायत है ? किसने की ?और कब की ? न इसे जान्ने में मेरी कोई दिलचश्पी है ,इस तरह के मामलों में मीडिया से बात नहीं कर सकते , आप सी बी आई से पूछिए , इशरत जहाँ मामले में गठित  एस आई टी सदस्य सतीश वर्मा का हाल हे में जुनागर पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में प्रिंसिपल की हैसियत से ट्रान्सफर किया गया है ,हाल ही में शहरी मंत्रालय में डिप्टी ऑफिसर बनाये गए आर वी एस मणि ने अपने आला अधिकारियों को लिखे ख़त में कहा है के सतीश वर्मा वही कह रहे जो पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आई एस आई कहती है , उनके मुताबिक़ ,बर्मा ने 2 2 जून को अहमदाबाद में उस वक़्त कही थी जब वह एनकाउंटर मामले में गृहमंत्रालय के दो हलफनामे पे उनसे पुच -ताछ कर रहे थे   , मणि ने शहरी विकाश मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी को लिखे ख़त में इल्जाम लगाया है के वर्मा ने उनके एक बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया थे , जिसमें कहा गया था के , एनकाउंटर मामले में पहला हलफनामा आई बी के दो अधिकारी ने तैयार किया था , मणि ने कहा के मै यह जानता था के ऐसा बयान मेरे अपने उस वक्त के सीनियर अधिकारी पर झूठे इल्जाम लगाने जैसा है , इसलिए मैंने इस बयान पर हस्ताषर करने से इनकार कर दिया (उर्दू दैनिक पिन्दार पटना दिनाकं 15/7/2013 से लिया गया है )

न्यू डेल्ही 1 4  जुलाई (एजेंसी) गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंदर मोदी की हत्या से सम्बंधित इशरत जहाँ फर्जी एनकाउंटर मामले में फंसे आई बी के जॉइंट डायरेक्टर राजेंदर कुमार के ख़ुफ़िया जानकारी पर संगीन सवाल उठने लगे हैं , इशरत जहाँ फर्जी एनकाउंटर के साथ सादिक जमाल एनकाउंटर मामले की जाँच कर रही सी बी आई को ऐसे पुख्ता सुराग मिले हैं .जिससे राजेंदर कुमार की यह जानकारी ,किसी खास मकसद के तेहत दी गई मालुम हो रही है , सरकार के आला सूत्रों के मुताबिक़ सादिक के फर्जी एनकाउंटर के तार अंडरवर्ल्ड से जुड़े है , राजेंदर कुमार ने ही गुजरात की आई बी ब्रांच के नेत्रित्व के दौरान 1 अक्तूबर 2002  को ख़ुफ़िया कानकारी मुहैया कराइ थी के सादिक जमाल लश्कर - ए -तैयेबा का दहशतगर्द है और मुख्य मंत्री नरेंदर मोदी की हत्या के लए तैयार बैठा है , सी बी आई के मुताबिक़ यही जानकारी 3 जनवरी 2003 को सादिक के कथित हरता की वजह बनी थी , वजेह रहे के इसके एक साल बाद राजेंदर कुमार ने इशरत जहाँ और इसके तीन दोस्तों के बारे में ठीक इसी तरह ख़ुफ़िया जानकारी उपलब्ध कराइ थी , आला सरकारी सूत्रों ने बताया के सादिक 1 9 दिसंबर 2002 को अपनी गिरफ्तारी से तक़रीबन आठ माह पहले दुबई से नौकरी कर के वापस आया था , वह दुबई में अंडर वर्ल्ड  दाउद इब्राहिम के करीबी छोटा शकील के रिश्तेदार के यहाँ काम करता था , इस मामले में दायर चार्जशीट में कहा है के वहां सादिक का शमीम चक्लूं नाम के दाउद के गुर्गे से झगडा हो गया था , सूत्रों के मुताबिक यह बात भी सामने आई के सादिक ने इस खानदान की किसी औरत के साथ बदसलूकी की थी , सी बी आई ने इस बात को रिकॉर्ड नहीं किया है , झगडे की सुलह सफाई के बाद सादिक हिन्दुस्तान वापस आ गया , सूत्रों के मुताबिक़ इस झड़े के बाद से ही दाउद के लोगों ने सादिक को मारने का फैसला कर लिया था , दुबई की शख्त कानून की वजह से वहां छोड़ दिया गया , सी बी आई इस बात की भी जांच कर रही है के इस मामले से राजेंदर की ख़ुफ़िया जानकारी की किस हद तक सम्बन्ध है ?(उर्दू दैनिक पिन्दार पटना दिनाकं 15/7/2013 से लिया गया है )

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