पंजाब बिजली विभाग के भ्रष्ट J.E. प्रेम जैन को बरखास्त करो



Mukesh Thakur
पंजाब बिजली विभाग के भ्रष्ट J.E. प्रेम जैन को बरखास्त करो
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"जनलोकपाल" भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आपका हथियार है...

हमारे देश में हर जगह ऐसे दबंग उपलब्ध है जो क्षेत्र के सरकारी अधिकारियों और पुलिस महकमे को अपने पांव की जूती समझते हुये उनका उपयोग करते हुये क्षेत्र में दबदबा व आतंक कायम करते हैं| संगठन के पास आये इस मामले में क्षेत्र के दबंग बिजली चोर(जो पिछले 5-6 वर्षों से बिजली चोरी कर रहे हैं) वे अपने ऊपर ऊँगली उठाने वालों को प्रताड़ित व आतंकित करने के लिये सरेआम पीड़ित चन्दन के खिलाफ झूठी F.I.R. करने के साथ-साथ बिजली विभाग के भ्रष्ट अधिकारी J.E. प्रेम जैन व उनके साथियों के साथ मिलकर बिजली चोरी के झूठे मामले में पीड़ित चन्दन फँसाया| जिसके परिणामस्वरूप पीड़ित दर-बदर की ठोकरें खा रहा है|
संगठन ने मामले की पूरी विवेचना व विश्लेषण करने के बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों को पत्र भेजकर भ्रष्ट J.E. प्रेम जैन को बर्खास्त करने और उसके खिलाफ F.I.R. दर्ज करने की शिकायत की है| साथ ही दबंग द्वारा पीड़ित पर झूठी F.I.R. दर्ज करने के खिलाफ, F.I.R. दर्ज करने के लिये भी पत्र भेजा है| आज हम सब को चाहिये कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करते हुये उन्हें सज़ा दिलवाई जाये| अगर संबंधित अधिकारी साफ-साफ सबूत होने के बाद भी उचित कार्यवाही नहीं करेंगे तो संगठन जरूरत पड़ने पर लोकपाल में शिकायत भेजेगा जिससे ऐसे अधिकारियों को सज़ा मिल सके| आज हम सब के लिये, भ्रष्टाचार मिटाने के लिये लोकपाल के पास ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायत करना अति आवश्यक है|

हमारे देश में सरकारी अधिकारी इस कदर बेईमान और भ्रष्ट हो चुके हैं कि उनकी गलती को सबूतों के साथ दिखाने के बावजूद न तो पुलिस विभाग उनके खिलाफ कार्यवाही करता है और न ही संबंधित विभाग के अधिकारी उन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत करते हैं|

यह मामला केवल संगठन के पास आये पीड़ित चंदन कुमार पुत्र श्री. जगन्नाथ झा(मकान नं 101 बी, स्वाती नगर, जस्सियाँ रोड़, लुधियाना, पंजाब - 141005) व्यक्ति का ही नहीं है बल्कि देश में मौजूद हर क्षेत्र के उस व्यक्ति से जुड़ा है जो कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में इन भ्रष्ट अधिकारियों से शोषित हुये हैं या शोषित हो रहे हैं| यह भ्रष्ट अधिकारी हालात ऐसे पैदा कर रहे हैं कि पीड़ित व्यक्ति उधम सिंह बनकर इन्हें दफ्तर से खींच कर लातघूसों की बरसात तो करें ही साथ में जूतों की माला पहनाकर गधे पर बैठाकर पूरे गली मौहल्ले की सैर भी करायें| वह तो भला हो कि शरीफ व्यक्ति के पास आसानी से मौत रूपी हथियार(गन आदि) वगैरह नहीं मिल पाते अगर मिल जाते तो हर गली-मौहल्ले में हमें उधम सिंह नजर आता और भ्रष्ट अधिकारियों का दूर-दूर तक नामोनिशान नहीं रहता, जबकि यह मौत के हथियार बदमाशों को बड़ी आसानी से उपलब्ध होते हैं और वे उनका उपयोग खुलेआम डराने-धमकाने का तो करते ही हैं साथ में गुंडा-गर्दी और दादागिरी करते नजर आते हैं|

संगठन के पास चन्दन का मामला आया था जिसकी पूरी कहानी पिछले जिसमें चन्दन पर बिजली चोरी का झूठा मामला बनाते हुये 28000/- का चालान बनाया गया था जिसकी शिकायत विश्लेषणों के साथ संगठन के द्वारा करने के बावजूद चालान की रकम को घटाकर 15460/- रु. ही किया गया मगर मामले में पूरे सबूत भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ होने के बावजूद भी उनके खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की गई बल्कि रकम कम करके वापस चालान दिया गया, साथ ही तरह-तरह से डराया जा रहा है SHO, SDO व हवलदार द्वारा की "चाहे आप कुछ भी कर लो SDO इतने ताकतवर है, कि अगर साफ भी दिखाई देगा और आप सबूत भी लाकर दे देंगे जिससे यह साफ पता चल जाये कि SDO या J.E. प्रेम जैन झूठ बोलकर गलत तरीके से पीड़ित को फँसा रहे हैं तो भी उनके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हो सकेगी" और हवलदार द्वारा यह कहा जा रहा है कि अगर पैसा नहीं भरोगे तो F.I.R. दर्ज होगी और आपको 10000/- से 15000/- रु. अलग से ज़मानत के लिये भी खर्चा करना पड़ जायेगा| इस प्रकार से घेर कर पंजाब बिजली विभाग का कर्मचारियों व अधिकारियों का गिरोह बेकुसूरों को भी कुसूरवार सिद्ध करने पर तुल जाता है जिसकी वजह से मजबूर व्यक्ति कहीं से भी कर्जा लेकर इनका भुगतान बिना किसी विरोध के आत्मसमर्पण करते हुये कर देता है| यह बिलकुल वही बात हुई जैसे किसी बेकुसूर गरीब व्यक्ति पर चोरी का इल्जाम लगाकर जेल में बन्द कर दिया और जमानत का खर्चा न होने की वजह से वह डेढ वर्ष तक जेल में बंद रहा जबकि चोरी की सज़ा अगर 1 वर्ष की है तो उस बेचारे को बेगुनाह होते हुये भी लगाया गया गुनाह कबूल करना फायदे का सौदा नज़र आयेगा और मजबूरन समाधान का रास्ता निकालने के लिये और खुद को और अधिक शोषित होने से बचाने के लिये यह सौदा करते हुये झूठे आरोप को कबूल करना पड़ेगा| बिलकुल यही हालात हमारे देश के सरकारी विभागों के भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से देश में व्याप्त है|

इस मामले में भी यह भ्रष्ट अधिकारी J.E. प्रेम जैन जो दिये सबूतों की घटनाओं के आधार पर पूरी तरीके से चोर व कमीना नज़र आ रहा है मगर इसके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जैसे कि यह पिछले कई वर्षों से इसी क्षेत्र में तैनात है| इसका मतलब है कि इसे इस क्षेत्र की एक-एक बिजली कनेक्शन की पूरी-पूरी जानकारी अवश्य होगी जैसे बिजली बिल न भरे होने की वजह से किस मकान की लाईन कटी(जैसे दिलवारा उर्फ काका और प्रवीन(मकान नं. 102, मनोज कॉलोनी, जस्सियाँ रोड़, लुधियाना, पंजाब)) हुई है और इस क्षेत्र के हर परिवार को मालूम भी है कि इस मकान में पिछले 4-5 वर्षों से बिजली चोरी करके उपयोग की जा रही है मगर क्या इस कमीने भ्रष्ट J.E. प्रेम जैन को पता नहीं होगा? दूसरी बात पीड़ित चन्दन के द्वारा तीन वर्ष पहले कॉमिर्शियल मीटर के लिये आवेदन किया गया था क्या यह बात इस कमीने J.E. प्रेम जैन को पता नहीं थी?
यह मालूम होने के बाद भी इस भ्रष्ट कमीने J.E. प्रेम जैन ने कार्यवाही नहीं की तो साफ है कि वह ऊपर से लेकर नीचे तक रिश्वत की दलदल में डूबा हुआ है जिसकी संपत्ति(उसके व उसके रिश्तेदारों की) जाँच कराई जाये तो पूरी कहानी खुल कर सामने आ जायेगी|

इस भ्रष्ट कमीने(यह कमीने शब्द हमें ना चाहते हुये भी बार-बार इसलिये लिखना पड़ रहा है क्योंकि सारी भ्रष्ट हरकतें प्रेम जैन की खुलेआम बेखौफ होकर की जा रही हैं, कानून नाम का डर इस इंसान को है ही नहीं) की हालत यह है कि जब दिलवारा और प्रवीन बिजली चोरी करते हैं, से संबंधित पत्र-विभाग में भेजा गया तो जाँच करने के लिये आई टीम के आने से एक दिन पहले इस भ्रष्ट कमीने J.E. प्रेम जैन ने दिलवारा को आगाह करने के लिये 23.09.2013 की शाम 7.00 से 8.00 बजे के आसपास अपने दो साथियों के साथ "छापा मारने के लिये बिजली विभाग की टीम आने वाली है" की जानकारी दिलवारा को दी जिसके परिणामस्वरूप दूसरे दिन सुबह दिलवारा के यहाँ Direct Line हटाकर पड़ोसी के घर से Line लगाई गई| इसका मतलब साफ है कि कॉमिर्शियल मामले में पीड़ित चन्दन को जानबूझ कर फँसाया जा रहा है|

अब बात करते हैं बिजली चोरी से संबंधित मामला पीड़ित के ऊपर बनाने के बारे में :
संबंधित चालान में साफ-साफ लिखा है कि ऊपर बिजली की कुंडी लगा कर Main Switch Off करके मीटर से पहले जोड़ बना कर सीधे तार लगाकर बिजली उपयोग कर रहा था और एक बात यह भी लिखी है कि जब Meter Check किया तब Meter की Pulse Blink कर रही थी|

यहाँ पर इन्ही अधिकारियों के शब्दों का अगर विश्लेषण करें तो पता चलेगा कि एक तरफ तो यह कह रहे हैं कि "Main Switch Off था और बिजली Direct तार लगाकर उपयोग की जा रही थी" जबकि दूसरी तरफ कह रहे हैं कि "मीटर Blink कर रहा था" इसका मतलब साफ है कि मकान के अन्दर जो भी बिजली उपयोग की जा रही है वह मीटर के द्वारा ही की जा रही है| अगर ऐसा नहीं होता तो Meter Blink बिलकुल भी नहीं करता, हाँ यह आरोप लगा सकते हैं कि बेवकूफ बनाने के लिये मीटर में अलग से उपयोग किये जाने वाले किसी बल्ब या छोटे यंत्र को लगा दिया गया होगा जिससे मीटर Blink करता रहे लेकिन यह अधिकारी कोई दूध पीते बच्चे नहीं है जो ऐसा कोई भी कारस्तानी को अनदेखा कर दे, जिसका मतलब साफ है कि यह अधिकारी पीड़ित को फँसाने के लिये साफ-साफ झूठ बोल रहे हैं|

इन अधिकारियों ने Main Switch की फोटो भी मोबाईल द्वारा ली थी| यह हम सब और साधारण इन्सान आसानी से समझ सकता है कि अगर कोई भी सुबह-सुबह छः बजे के आसपास बिना किसी पूर्व सूचना(वैसे भी छापा मारते समय कोई भी पूर्व सूचना नहीं दी जाती) के छापा मारने पहुँचे तो सबूत के साथ पकड़ने के लिये कोई भी अधिकारी सबसे पहले उस जगह की फोटो या वीडियो लेगा जहाँ से कुंडी लगाई जाने का अन्देशा हो| क्या इन अधिकारियों ने ऐसा कुछ किया? अगर नहीं तो इसका साफ मतलब है कि वहाँ कोई कुंडी लगी हुई नहीं थी क्योंकि अगर होती तो यह अधिकारी जरूर उसकी फोटो या वीडियो जरूर लेते, इसी प्रकार बिजली का मीटर जो पीड़ित के मकान के बाहर लगा है जिसे एक आम इन्सान भी बिना घरवाले को बताये आसानी से देख सकता है और वीडियो ले सकता है|

यह हम सब जानते हैं कि रात के समय बिजली का कोई न कोई सा उपकरण(बल्ब, पंखे या कूलर) चलते रहते हैं इसका मतलब साफ है कि मीटर भी लगातार Blinking करता रहेगा जबकि अगर बिजली चोरी की जा रही होगी तो मीटर Blink नहीं करेगा| क्या इन अधिकारियों ने ऐसा कोई वीडियो Blink करते या न करते हुये लिया? यह सब नहीं किया इसका साफ-साफ मतलब है कि इन अधिकारियों को पीड़ित के खिलाफ बिजली चोरी से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई भी सबूत नहीं मिल पाया| इसलिये यह अधिकारी भ्रष्ट व चोर साफ नजर आ रहे हैं क्योंकि सबूत नहीं मिलने के बावजूद इस पीड़ित पर बिजली चोरी का आरोप लगाते हुये व कागजात(चालान) में तकनीकी(चालान में 2KW की जगह 200KW लिखा गया) गलती करते हुये अपनी तानाशाही के साथ चालान बनाने का कार्य किया है जो यह साफ दर्शाता है कि यह भ्रष्ट अधिकारी साफ-साफ झूठे साबित होने के बावजूद अपने पद पर कार्यरत हैं, जिन्हें फौरन बरखास्त करना अति-आवश्यक है|

एक तकनीकी तरीका है बिजली चोरी का पता लगाने के लिये जैसे, पुराने बिजली बिलों का विश्लेषण करके| जिनका विश्लेषण करने पर कहीं से भी यह पता नहीं चल रहा कि यह परिवार बिजली चोरी कर रहा होगा(विश्लेषण का पूरा विवरण पूरानी पोस्ट पर मौजूद है)|
यह मामला सामने आने के काफी समय पहले से यह भ्रष्ट अधिकारी J.E. प्रेम जैन पीड़ित को डरा-धमकाकर पैसा वसूल करने की कोशिश करता रहा है, जिसका सबूत है 08.06.2013 को भ्रष्ट J.E. प्रेम जैन अपने तीन साथियों के साथ चन्दन की दुकान पर दोपहर में अवैध वसूली करने के लिये आया था(जिसकी Mobile Location की जानकारी के लिये R.T.I. Cyber Crime में दे दी गई है)| इसी प्रकार 07.08.2013 को भी भ्रष्ट J.E. प्रेम जैन अपने इन्हीं तीन साथियों के साथ 2.00pm से 4.00pm बजे के बीच चन्दन की दुकान पर अवैध वसूली के लिये आया था(जिसकी Mobile Location की जानकारी के लिये R.T.I. Cyber Crime में दे दी गई है) और इस वक्त चन्दन की माँ ने रोज़-रोज़ की अवैध वसूली से तंग आकर भ्रष्ट J.E. प्रेम जैन को सुनाते हुये कहा कि "दिलवारा सिंह जैसे बिजली चोरों को आप जैसे लोग कुछ नहीं कहते और हमसे पैसा माँगने और धमकी देने चले आते हो" जिसकी भ्रष्ट J.E. प्रेम जैन ने उन्हें देख लेने की धमकी दी और परिणाम यह हुआ कि दिलवारा सिंह जो चन्दन की दुकान पर उससे उधारी में सामान लिया करता था उसने चन्दन से झगड़ा किया और मारपीट की साथ ही चन्दन के खिलाफ ही झूठी F.I.R. भी दर्ज कर दी जिसका सबूत उसके Medical Legal Report से एक बच्चे को भी समझ आ जायेगा कि यह F.I.R. झूठी है जिसका अदालत में मामला शुरू हो गया है| इसी समय भ्रष्ट J.E. प्रेम जैन के तीनों साथियों ने चन्दन के घर व दुकान का बिजली का Load की जाँच करने के लिये घर के अन्दर जाकर एक-एक बटन व बल्ब का Load की जाँच की, यह कार्य क्यूँ किया और इसकी रिपोर्ट कहाँ है? इसकी जानकारी भी नहीं दी गई|

इसके बाद जब संगठन की तरफ से बिजली चोरी से संबंधित पत्र बिजली विभाग में गया तो दिलवारा सिंह और प्रवीन के यहाँ छापा मारने से एक दिन पहले भ्रष्ट J.E. प्रेम जैन अपने इन्हीं तीन साथियों के साथ दिलवारा और प्रवीन को आगाह करने गया(जिसकी Mobile Location की जानकारी के लिये R.T.I. Cyber Crime में दे दी गई है) अब अगर यह सबूत यह दर्शाते हैं कि प्रेम जैन दिये गये समय व तारीख पर चन्दन की दुकान पर या दिलवारा और प्रवीन के मकान पर मौजूद था तो उसका कारण क्या था? अगर भ्रष्ट J.E. प्रेम जैन अपने तीन साथियों के साथ चन्दन की दुकान पर मौजूद था तो क्या उस समय चन्दन की दुकान नहीं चलाया करता था? अगर चलाया करता था तो इस भ्रष्ट J.E. प्रेम जैन ने उस समय उसके ऊपर चालान क्यूँ नहीं बनाया? इसी प्रकार वह दिलवारा और प्रवीन के यहाँ मौजूद था तो क्या उसे वहाँ बिजली चोरी करते या दूसरे मकान से बिजली का कनेक्शन लेते हुये तार दिखाई नहीं दिये? इस सब सवालों का जवाब हमें अपने आप बता देगा कि यह भ्रष्ट अधिकारी कितने ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार में डूबे हुये हैं और जनता के पैसों का किस प्रकार अपने फायदे के लिये गलत उपयोग कर रहे हैं यह इस विभाग में रहने के काबिल नहीं हैं अतः जब यह अधिकारी ही भ्रष्ट हैं तो वे किस प्रकार ईमानदारी से किसी कार्य को अन्जाम दे सकेंगे जिसका मतलब साफ है कि चन्दन के ऊपर लगाया गया बिजली चोरी का इल्जाम पूरी तरीके से झूठा है और व्यवसायिक मीटर के नाम पर उसे गुमराह करके उसका शोषण करने की कोशिश की जा रही है| जरूरत है उचित इंसाफ की!

आज जरूरत है, ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को बरखास्त करने की इन्साफ की जबान में कहा जाता है कि "दस चोरों को बाद में पकड़ो मगर ऐसे भ्रष्ट व कमीने अधिकारियों को पहले पकड़ो व बरखास्त करो साथ में जूतों की माला पहना कर, मूँह काला करके, गधे पर बैठाकर पूरे मौहल्ले में घुमाओ"|

संगठन संबंधित मामले में जाँच करने के लिये संबंधित विभागों में पत्र भेज रहा है, अगर उचित कार्यवाही नहीं हुई तो संगठन बिजली विभाग के दफ्तर के सामने भ्रष्ट अधिकारियों J.E. प्रेम जैन और दूसरे जाँच अधिकारियों की पूरी रिपोर्ट बाँटने का कार्य तब तक जारी रखेगा जब तक इन्हें बरखास्त करके इनके खिलाफ कार्यवाही नहीं की जायेगी|
संगठन की सदस्यों व पाठकों से अपील है कि पंजाब बिजली विभाग के Chief Engineer Mob. 75895-11502 और Commissioner of Police(Ludhiana) Shri Nirmal Singh Dhillon Mob. 98141-14787 को फोन या SMS करें|

SMS में लिखें :
Plz. visit "http://www.14122013.bvbja.com/" pidit ko nyay dilaye aur koshish kare ki pidit ko lokpal ke paas na jana pade.

धन्यवाद
सोनिका शर्मा
मोब. 09920913897
भ्रष्टाचार विरूद्ध भारत जागृति अभियान
http://www.bvbja.com/

पोस्ट(http://www[dot]25092013[dot]bvbja[dot]com) पर मौजूद है|

साथ में संलग्न दस्तावेज़
• Chief Engineer का जवाब(लगाई गई R.T.I. पर)
• आरोपी दिलवारा सिंह के खिलाफ F.I.R दर्ज करने से संबंधित पत्र
• भ्रष्ट पंजाब बिजली विभाग के J.E. प्रेम जैन के खिलाफ जाँच करवाने से संबंधित पत्र

CC :
बिजली चोरी से संबंधित मामले में विवेचना के साथ भेजे गये पत्र :
1. Chief Secretary - Page 1, Page 2 & Page 3
2. Vigilance Bureau - Page 1, Page 2 & Page 3
3. Chief Engineer - Page 1, Page 2 & Page 3
4. Commissioner of Police - Page 1, Page 2 & Page 3
5. CMD(PB State Power Corporation Ltd.) - Page 1, Page 2 & Page 3
6. Punjab State Human Rights Commission - Page 1, Page 2 & Page 3
7. CMD(Punjab State Transmission Corporation Ltd.) - Page 1, Page 2 & Page 3
8. Anti Power Theft Police Station - Page 1, Page 2 & Page 3
9. SHO(Salem Tabri) - Page 1, Page 2 & Page 3

झूठी F.I.R. से संबंधित मामले में विवेचना के साथ भेजे गये पत्र :
1. Punjab State Human Rights Commission - Page 1, Page 2 & Page 3
2. Chief Secretary - Page 1, Page 2 & Page 3
3. Vigilance Bureau - Page 1, Page 2 & Page 3
4. Commissioner of Police - Page 1, Page 2 & Page 3
5. SHO(Salem Tabri) - Page 1, Page 2 & Page 3

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