कल्याणपुर थाना कांड संख्या-261/13 में पुलिस द्वारा की गई मनमानी



FIR दर्ज कराने वाले रामस्नेही शर्मा के आरोपों के अनुसार पुलिस ने धारा नहीं लगाया है।मेरे द्वारा इस कांड का समीक्षा करने के बाद मामला सामने आया है कि पुलिस ने डकैती का धारा 395 लगाने के बजाय चोरी का धारा 380 लगाया है।मारपीट में गंभीर जख्म पहुँचाने का धारा 325 के बजाय साधारण जख्म का धारा 323 लगाया है,हथियार से गंभीर चोट पहुँचाने का धारा 326 के बजाय हथियार से साधारण चोट पहुँचाने का धारा 324 लगाया है।रंगदारी करने के लिए मारपीट कर डराने धमकाने का धारा 387,महिलाओं के साथ बदसलूकी का धारा 509,धमकी देने का धारा 506,गृह-अतिचार का धारा 448,आग लगाकर क्षति पहुँचाने का धारा 435 और 5 या 5 से ज्यादा लोगों द्वारा दंगा फसाद करने का धारा 147,148 और 149 के तहत मामला दर्ज किया ही नहीं गया।अनुसंधानकर्ता द्वारा मामले को भूमि-विवाद बताकर रामस्नेही शर्मा पर समझौता करने का दवाब बनाया जा रहा है।यदि भूमि-विवाद के कारण 11 लोगों द्वारा घर पर हमला करके लूटपाट की जाती है और शरीर को जख्म पहुँचायी जाती है तो क्या वह अपराध नहीं होता?अनुसंधानकर्ता को निलंबित किया जाना चाहिए।
Kalyanpur station scandal-261/13 by police in arbitrary FIR lodging according to the ramasnehi Sharma charges police section is not to review the case of my case unfolded after police robbery section instead of section 395 of the theft 380. abusing co-star in section 325 of the pick instead of simple wound scars of section 323 hasSection 326 of hurting, arms instead of serious weapons to normal section of hurting 324. rearranged to make intimidating bully of abusing co-star section 387, women section of section 509 of the badly handled, threaten 506, House-trespass of section 447, section 435 of harming and torched 5 or 5 section to riot by more than people are anticipating trouble 147148 and not only booked under 149. researcher by the case As a land-dispute should be created to settle on ramasnehi Sharma. if ground-attack at home by 11, due to the controversy by looting and scarred body is what he pahunchayi crime should be suspended? researcher. (Translated by Bing)

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