झूठा फंसाना किसी के साथ गुलाम जैसा व्यवहार करना है।
झूठा फंसाना किसी के साथ गुलाम जैसा व्यवहार करना है।इस देश का 70 प्रतिशत मामला झूठा होता है और इतना ही सही मामला को समाज में दबा दिया जाता है।INDIA AGAINST FALSE CASE के नाम से मैं एक LAW FIRM खोलूँगा और गंभीर झूठे मामले के खिलाफ वकील बनूँगा।झूठे फंसाकर मानवाधिकार के साथ साथ कई मौलिक अधिकारों का भी हनन किया जाता है।झूठे फंसाकर अनुच्छेद 21 यानि जीने के अधिकार का हनन किया जाता है।साथ ही,कभी कभी अनुच्छेद 20(3) और 22 का भी हनन कर लिया जाता है।कई बार जाति,धर्म,आर्थिक पिछड़ापन के कारण भी झूठा फंसाया जाता है जो अनुच्छेद 14 और 15 का हनन है और झूठे मामले के कारण कई की रोजगार चली जाती है जो अनुच्छेद 19 और 21 का हनन है।समाज झूठा मामला से सबसे ज्यादा त्रस्त है।महज किसी के बयान के आधार पर कार्यवाही करना बेवकूफी है।आपलोग सुप्रीम कोर्ट में मेरा द्वारा दायर जनहित याचिका को जरुर पढ़ें।
(Rahul kumar के फेसबुक वाल से)
Falsely implicate someone like slaves with. This is the case the country 70 percent false and suppressed in society as right case. INDIA called the FALSE CASE AGAINST a LAW FIRM I will be serious and false case against lawyer kholunga. false phansakar human rights abuses of fundamental rights along with. Article 21 false phansakar that live with rights abuses., Sometimes the article 20 (3) and 22 are also abuses. many times due to race, religion, economic pichdapan also falsely implicated which article 14 and 15 of the abuses and false cases because many of the jobs moved to which article 19 and 21 abuses. most of the false case stricken society. based on a mere statement to act stupid. public interest litigation filed by Supreme Court aplog to notice my Read. (Translated by Bing)
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