" यू ए पी ए " कानून काला ही नहीं बल्कि अँधा कानून है , इसके तेहत बंद होने वालों को सिर्फ अँधेरा मिलता है , इस कानून को विदेश में बैठे हुए भारत के आकाओं के इशारे पर बनाया गया , हमें ऐसे लोगों को चुनना होगा जो इस अंधे कानून को खतम करा सके (जनाब मुमताज़ आलम , चेयरमैन बिहार मदरसा बोर्ड )

पटना 3 मार्च ।

विभिन संगठनों के बैनर तले सोमवार को यहाँ पटना के इतिहासिक अंजुमन इस्लामिया हॉल में यू ए पी ए कानून की मुखालफत में एक बड़ी कांफ्रेंस आयोजित की गयी । जिस में इस कानून को फ़ौरन ख़त्म करने का लोगों ने एक सुर में मांग की ।कांफ्रेंस की अध्यक्षता बिहार रियासती हज कमिटी के चेयरमैन मौलाना अनिसुर रहमान कासमी ने की । इस कांफ्रेंस में विभिन संगठनों के नेताओं के अलावा बड़ी तादाद में ओलेमा एकराम ,आइमा मसाजिद , दानिश्वर और विशेषज्ञ कानून और विभिन्य सियासी जमातों के लोग शामिल हुए ।

यू ए पी ए कानून के सामने आते ही दानिश्वेरान और समाजी सरोकार के कार्यकर्ताओं ने इस अंधे कानून और इस की शख्ती के सिलसिले में नेहायत परिशानी में पड़ गए । उनका मानना था की  यू ए पी ए  कानून हमारे मुल्क के नेजामे अदल यानी इन्साफ करने के तरीकों के हिसाब से यह कानून एक सियाह धब्बा है । इंसान के तमाम पहलू इसके ख़त्म करने करने की मांग करता है ।हमारा मुतालेबा है कि इस एक्ट को फौरी तौर पर  ख़त्म किया जाए ।कयोंकि अगर यह कानून इसी शक्ल में आगे भी नाफ़िज रहा तो इसके बुड़े परिणाम सामने आयेंगे । कयोंकि  संकीर्ण जेहन और बिमार जेहन के अफसरों को खुला मौका मिल जाएगा की वह किसी ख़ास गिरोह , जमात ,और संगठन के खेलाफ इसका प्रयोग आगे भी करते रहेंगे ।

यह कानून सबसे जेयादः गैर कानूनी है । जिसमे कानूनी चाराजुई की कोई गुंजाइश बाक़ी नहीं रह जाती ।
आज भी हजारों बेक़सूर नौजवान जिनका संबंध मुसलमानों ,सिखों ,दलितों और आदिवासी समुदाय से ,इस कानून के तेहत बेला वजह बंद कर रखे गए हैं । इस कानून के कुछ दफात तो नहायत ही गैर स्वैन्धानिक और गैर इंसानी है । इसी सिलसिले में 3/3/14 को अंजुमन इस्लामिया हॉल में  एक स्पेशल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया ,जिसमें दानिशवरों की बहुत बड़ी तादाद शरीक हुई और उसने यू ए पी ए कानून के मुख्तलिफ पहलुओं पे चर्चा करते हुये अपनी अपनी राये पेश की .........
मदरसा बोर्ड के चेयरमैन मुमताज़ आलम ने कहा कि  ....................................................................

यू ए पी ए कानून एक अँधा कानून है ,कयोंकि  इस कानून के तेहत गिरफ्तार लोगों को सिर्फ और सिर्फ अँधेरा मिलता है .....................................................।

इस कानून को विदेशों में बैठे हुए आकाओं के इशारे पर संपर्दायिक ताक़तों ने बनवाया है ।।।।।।।
आपको समझना होगा कि हमें ऐसे लोगों का आने वाले इन्तिखाब में इस अंधे कानून के बारे में बात करना होगा ,जिसमें बेक़सुरों को बंद किया जा रहा है .........................................................

मौलाना सैयद निजामुद्दीन अमीरे शरियत ,इमारते शरिया ने ख़त के जरिये कहा कि ................................

पहले टाडा और पोटा लाया गया -और अब यू ए पी ए लाई गयी है । इमारते शरिया इस कानून के खेलाफ पहले से ही तहरीक चला रख्खी है । इस कानून में बेक़सूर पिसे जा रहे हैं ..............इस कानून को जल्द से जल्द खत्म करना होगा ...............

मौलाना वली रहमानी अपने न आने के लिए मा'जरत का इज़हार किया और अपने भेजे गया लिखित संदेश के जरिये कहा कि  मुझे अफ़सोस है कि हम इस कांफ्रेंस में शरीक नहीं हो रहे हैं । इस लोकतांत्रिक  देश में ऐसा  कानून जिस में  बेक़सूर लोगों पर जुल्म यू ए पी ए कानून के जरिये किया जा रहा है , इस कानून से विशेष कर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है । ये कानून असल में टाडा और पोटा से भी जेयादा खतरनाक है । इसे जल्द से जल्द वापस लिया जाना चाहिए ताकि बेक़सूर लोगों को इसका शिकार न होना पड़े .........................................................................................।

इमारते शरिया के नाजिमुल आला मौलाना अनिसुर रहमान काश्मी ने कहा कि जुल्म के खेलाफ आवाज उठाने के लिए हम यहाँ पर जमा हुए हैं , दुनिया में हमेशा संच की जीत हुई  है । हमारे देश की सरकार यू ए पी ए के जरिये लोगों पर जुल्म ढा रही है ।इस मुल्क में टाडा और पोटा और अब यू ए पी ए के जरिये 76 हजार लोगों को बंद किया जा चूका है , इसमें जेयादा तर मुसलमान हैं । यह भी कहने की जरुरत नहीं है गुजरात में किस समुदाय के लोगों को बंद किया गया ,और आसाम में किसे । सबसे जेयादा मुसलमान इस कानून के शिकार  हुए हैं ।इस कानून को बनाने में कथित सेक्युलर पार्टियां बराबर की शरीक हैं , जो पार्लियामेंट के  बाहर मुसलमानों की हिफाज़त की  बात करती है और पार्लियामेंट के अन्दर ऐसे कानून बनवाने में सहयेता करती है जो इस देश के मासूमों  को कुचल सके ।



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