इस देश के मुसलमानों और पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए और कौन -कौन सा खेल खेलोगे ? कोई ऐसा खेल इनसे बचा है ? जो इन लोगों ने नहीं खेला , मगर सवाल पैदा होता है के आखिर ये खेल कब तक ? ऐसे खेल से कौन फायेदा उठा रहा ? देश का कानून और सभ्य हिन्दू कहाँ है जिसे अपने मजहब की बदनामी की फिकर नहीं ? कहीं देश के सभ्य हिन्दुओं की अंदरूनी सहमती तो नहीं । दुनिया में अब ये पैगाम जाने लगा है की हिन्दू धर्म में साजिश - छल कपट बहुत है , वह दुसरे मजहब पे लॉजिक से हावी तो हो नहीं सकता , इसके लिए साजिश जैसी गन्दी चीजों का हथियार के तौर पे इस्तेमाल करने लगा है . कभी पाकिस्तानी झंडा खुद लहरा कर मुसलमानों के सर बांध दो । तो कभी देश के किसी कोने में ब्लास्ट करवा दो उसमे मुसलमानों को भ्रष्ट और बिकाऊ अधिकारीयों की मिली भगत से नाम जोड़वा दो ,तो कभी गाये मांस को मंदिर में रखवा दो मगर जो सबसे बड़ा खतरा मुझे नजर आता है इस खेल का धर्म विशेष और देश विशेष को बदनाम करने के चक्कर में मामला तो उलटा हो ही रहा देश भी कमजोर और खोखला हो सकता है मुझे सबसे जेयादा दर इसी बात का लगता है , चूँकि हमारा मुल्क कई पड़ोसी दुश्मनों से घिरा है , इसलिए ऐसे लोगों से सख्ती से निपटने की जरुरत है ,जांच में धर्म के चश्मे को उतरना फेंकना होगा वर्ना बाद में शायद ये गीत गाना पड़ेगा ।सब कुछ लुटा के होश में आये तो क्या हुआ ?

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"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"