BDO , SDO , DM साहेब के लिए घुस की राशी पंचायत के वार्ड सदस्य वसूल रहे ?
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BDO , SDO , DM साहेब के लिए घुस की राशी पंचायत के वार्ड सदस्य वसूल रहे ?
गरीबों को इंद्रा आवास देने के बदले प्रति आवास 10, 000 घुस देना मस्ट है ? क्या 10000 जो गरीबों से वसूली जा रही उसकी रकम BDO ,SDO , DM ,और बाकी वारिये अधिकारीयों तक पहुँच रही ? क्या इस को वसूलने की जिम्मेदारी पंचायत के वार्ड सदस्यों को मिली हुई ?
कहने और सुनने में भले ही ये बातें अजीब मालुम होती है ,मगर जो हकीकत उभर कर सामने आ रही वह इसी बात की पुष्टि करती है ।
पुरबी चंपारण के कल्यानपुर प्रखंड के मनी छपरा पंचायत के वार्ड एक के रहने वाली एक गरीब महिला मखनी ,पति मैनुद्दीन से इंद्रा आवास के बदले यह कह कर दस हज़ार रूपये की माग की के बगैर घुस के इंद्रा आवास नहीं मिलता , इस दस हज़ार की राशी में तमाम अधिकारीयों BDO ,कल्याणपुर ,SDO और DM मोतिहारी का हिस्सा बंधा हुआ , बगैर ये सब किये किसी को नहीं मिलता ,इतना सब पाठ पढ़ा कर दो हज़ार रुपया एडवांस नवंबर 2013 में ले लिया , बाकी शेष राशि लाभार्थी के अकाउंट में जमा होने के बाद लाभार्थी से वसूल की जायेगी । बेचारी मखनी को न तो आज तक इंद्रा आवास ही मिला और न शातिर वार्ड सदस्य मोजम्मिल हुसैन ने पैसा ही वापस किया ।
ये कहानी सिर्फ मखनी ,पति मैनुद्दीन की है ये कहानी आम गरीबों के साथ हो रही गरीब बेचारा कानूनी चक्कर के पचरे में पड़ना नहीं चाहता और सिस्टम ऐसे भ्रष्टों की संरक्षक बनी हुई इसलिए ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हैं ।
गरीबों को इंद्रा आवास देने के बदले प्रति आवास 10, 000 घुस देना मस्ट है ? क्या 10000 जो गरीबों से वसूली जा रही उसकी रकम BDO ,SDO , DM ,और बाकी वारिये अधिकारीयों तक पहुँच रही ? क्या इस को वसूलने की जिम्मेदारी पंचायत के वार्ड सदस्यों को मिली हुई ?
कहने और सुनने में भले ही ये बातें अजीब मालुम होती है ,मगर जो हकीकत उभर कर सामने आ रही वह इसी बात की पुष्टि करती है ।
पुरबी चंपारण के कल्यानपुर प्रखंड के मनी छपरा पंचायत के वार्ड एक के रहने वाली एक गरीब महिला मखनी ,पति मैनुद्दीन से इंद्रा आवास के बदले यह कह कर दस हज़ार रूपये की माग की के बगैर घुस के इंद्रा आवास नहीं मिलता , इस दस हज़ार की राशी में तमाम अधिकारीयों BDO ,कल्याणपुर ,SDO और DM मोतिहारी का हिस्सा बंधा हुआ , बगैर ये सब किये किसी को नहीं मिलता ,इतना सब पाठ पढ़ा कर दो हज़ार रुपया एडवांस नवंबर 2013 में ले लिया , बाकी शेष राशि लाभार्थी के अकाउंट में जमा होने के बाद लाभार्थी से वसूल की जायेगी । बेचारी मखनी को न तो आज तक इंद्रा आवास ही मिला और न शातिर वार्ड सदस्य मोजम्मिल हुसैन ने पैसा ही वापस किया ।
ये कहानी सिर्फ मखनी ,पति मैनुद्दीन की है ये कहानी आम गरीबों के साथ हो रही गरीब बेचारा कानूनी चक्कर के पचरे में पड़ना नहीं चाहता और सिस्टम ऐसे भ्रष्टों की संरक्षक बनी हुई इसलिए ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हैं ।
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