Skip to main content

अभयानंद जी के डी जी पी पद से हटाये जाने पर जेयादातर जनता खुश

अपने महान देश की यह शर्मनाक विडंबना है। बहुत बडी-बडी बातें, लोक-लाज, पद की मर्यादा-गोपनीयता आदि के नाम पर छुपा ली जाती है। और मजे में लगातार होती रहती हैं। यानी, मसलों का समाधान नहीं होता।
मुझे, डीजीपी अभयानंद के इस्‍तीफे के मामले में कुछ-कुछ इसी तरह की बात लग रही है। दरअसल, मुख्‍यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा है कि अभयानंद ने खुद इस पद को छोडने की इच्‍छा जताई थी। इसलिए पीके ठाकुर को नया डीजीपी बनाया गया है। इसमें और कोई कारण नहीं है। राजनीतिक कारण तो बिल्‍कुल नहीं।

यानी, अब इस बारे में जो भी बोलना है, अभयानंद को बोलना है।
--- तो क्‍या अभयानंद इन कारणों को बताएंगे। उन्‍होंने तो इस पद को बडी खुशी-खुशी कबूल किया था। कोई भी करेगा। आखिर कोई लोकसेवक अपने पेशे के चरम पद को क्‍यों नहीं हासिल करेगा। मुझे याद है डीजीपी बनने के बाद अभयानंद बेली रोड स्थित महावीर मंदिर में पूजा करने भी गए थे। सब कोई जाता है। खुश होने पर भगवान को प्रणाम करता है।

अभयानंद को दिसम्‍बर में रिटायर करना है। आखिर इससे पहले ही ऐसा क्‍या हो गया, जो उन्‍होंने पद छोडने की इच्‍छा व्‍यक्‍त कर दी। इस पद पर रहते उनकी उपलब्धियों की कमी भी नहीं है।
वे दूसरों की तुलना में बहुत मजबूत हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उनका स्‍वयंसेवी भाव तो प्रेरक है।
खैर, चर्चा में कई कारण हैं, उनके पद छोडने के। आइपीएस अफसरों के हालिया तबादले में उनकी नहीं सुनी गई। कई ऐसे अफसर उनकी राय के बिना हटा दिए गए, जिनको उन्‍होंने पुलिस व्‍यवस्‍था के सफल संचालन के लिए बेहद जरूरी समझा हुआ था, रखा हुआ था। ऐसी ही कुछ और बातें भी हैं।
लेकिन क्‍या अभयानंद इन मसलों को अपनी जुबान देंगे। या वाकई ये सब बेकार की बातें हैं। चूंकि ये बातें तो चर्चा में हैं। इसे तार्किक व तथ्‍यपूर्ण भी बनाया-बताया गया है।
अगर ये गलत या अधकचरी हैं भी, तो इसे रोकने की जिम्‍मेदारी किस पर है। चूंकि ये बातें तो जब-तब चर्चा में आती रहेंगी। अभयानंद खुद इसे रोकेंगे। सरकार रोकेगी।
या अभयानंद इसी विडंबना को विस्‍तारित करेंगे कि पद पर रहते कुछ नहीं। हां, पद छोडने के बाद भाई लोग किताब या संस्‍मरण जरूर लिखते हैं।
मगर यह भी ध्‍यान रहे, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। और कोई फायदा नहीं होता है। ऐसे नमूने थोक भाव में हैं।
LikeYesterday at 18:14
Sanjay Verma
Istife ki mul bajah wahi hai jiski charcha aap ya khas kar rahe hai
LikeYesterday at 18:42
Dhruva Singh
बिहार में या कहे की पुरे देश में ही इस तरह का पद राजनीत से प्रभावित पद माना जाता है ,हम आप को इसका भी ख्याल रखना चाहिए इए पुरे प्रकरण पर
LikeYesterday at 18:53
Nirmal Kumar Chakraborty
Dare 2 speak the truth.aude sapre.
LikeYesterday at 19:10
Rakesh Ranjan
अपनी हार की खीझ नीतीश कुमार निकालने के लिए बिहार को फिर से जंगलराज में धकेल रहे है.उनका कहना साफ है जब विकाश पर वोट नहीं दिया तो फिर भुगतो पहले की स्थिति को ही...मै तो बड़े भैया की मदद से सत्ता में आ ही जाऊंगा.
LikeYesterday at 20:12
Nirmal Kumar Chakraborty
Democracy without transparency
LikeYesterday at 20:16
Navin Kumar Verma
kuchh to bat jarur hai
LikeYesterday at 20:37
Navin Kumar Verma
Kuchh bat to jarur hai
LikeYesterday at 20:42
Kameshwar Gupta
dgp ahiyanandji ko hatna janta ke hit me hai.police station me khule aam ghuskhori kafi bada hua hai,bina paisa ke police kam nahi karti hai,paisa leker dosi ko nirdosh or nirdosh ko dosi bana rahi hai,ulta mokdma karna aam hai ,kitne hi logo ko paise ke liye jail me bhej chuki hai ,ye jach ka bisay hai,iske pichhe ka karn hai police se monthly paisa pahuchane ka khel,is khel me koun log hai ye bhi jach ka bisay hai.jati biseskk posting karna ak bara khel ho sakta hai,apne chune huye logo ko posting bhi is khel me sanil hai,yahi karan hai ki bihar me kafi apradh ho rahe hai,jdu ko 2 seat milne ka karan bhi janta ka ashantosh hai,lisme police ke dwara kiya gaya atiyachar hai,shayad thakur ji isme sudhar kar sake?isme meadia ki bhumika ho sakti hai sudhar karne me isliye aap ko ye jankari de raha hu
Unlike1Yesterday at 20:49
Ravindra Nath Singh
ye laloo ji ke gathbandhan ka kamaal hai..
Like10 hours ago
Ranbir Nandan
तबादला करना सरकार का रूटिन वर्क है। समाचार पत्रों से ज्ञात होता है कि पुलिस विभाग में इधर कुछ तबादलें हुए, तो अभ्‍यानंद जी रूष्‍ट थे, क्‍या‍ेकिं उनसें पूछा नहीं गया । मेरा मानना हैं कि इधर के दिनों में नौकरशाहों में एक बिमारी आ गयी, कि वे अपने को विधायिका से सर्वोच्‍च समझने लगे हैं, और इसी कारण असंतोष होता है। मनुष्‍य की स्‍वाभाविक प्रवृति अच्‍छे कार्य करने की होती है। श्री अभ्‍यानंद जी ने समाज में अच्‍छे कार्य किये, तो उन्‍होंने मनुष्‍य जीवन को सार्थक किया, परंतु यदि अच्‍छे कार्योे से वे अभिमान में आ गए तो यह अच्‍छा नहीं हुआ । कहनें में कोई अतिश्‍योक्ति नहीं कि यदि सामाजिक स्‍तर के कार्यकर्ता, एम.पी, एम.एल.ए, एम.एल.सी भी अभ्‍यानंद के समय जायज विषयों पर भी कुछ कहते थे तो उनकी बातों को सुनना क्‍या, उनकी प्रतिष्‍ठा का भी सम्‍मान थानें स्‍तर पर, अनुमंडल स्‍तर पर, जिला स्‍तर पर नहीं होता था। एक समाज के प्रत्‍येक व्‍यक्ति का कर्तव्‍य होता है कि वह समाज को बनाने में मेहनत करें, परंतु यदि अच्‍छे कार्यो को मूर्त रूप देते समय उसे यह अभिमान हो जाए कि मै हीं सर्वश्रेष्‍ठ हूं, तब उसके द्वारा लिए गए निर्णय में पारदर्शिता का अभाव होता है। श्री अभ्‍यानंद जी ने अपने विभाग में सिपाही से लेकर वरिष्‍ठ पदाधिकारियों के तबादलों में जो निर्णय अपने कार्यकाल में लिया था उसमें पारदर्शिता का अभाव झलकता था। एक ईमानदार छवि वाले पदाधिकारी के साथ ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए, क्‍याेकिं उससे कानून व्‍यवस्‍था प्रभावित होती है। नए डी.जी.पी अच्‍छे पु‍लिसिंग के बारे में जाने जाते हैं अाशा है इनके समय में बिहार पुलिस की एक अच्‍छी छवि उभरेगी एवं जन प्रतिनिधियों को भी सम्‍मान मिलेगा ।
Unlike19 hours ago
Sanjay Verma
Ranvir ji bilkul vyabharik aur tarkik tathya rakh rahe hai ise koi alag najarie se dekhna uchit nahi hai
Like6 hours ago
Kameshwar Gupta
aarthik apradh ikai ne sushashan ki bat laga rahi hai,imandar officer ko fasa ker dohan kar rahi hai,riswat khor ko bacha rahi hai ye khel paisa ke liye ho raha hai.jisme nitish ji ka zero ghuskori ka abhiyan puri tarah se fail kiya ja raha hai. jiska koi ma-bap nahi hai use koi justice nahi mil pa raha hai,in officer's ko bali ka bakra banaya ja raha hai,or jail,suspend ,dismiss kiya ja raha hai or aapke newspaper me pramukhta se chhapa ja raha hai,jisme court bari ker rahi hai or nispaxchh jach me nirdos nikal rahe hai ye bhi jach ka subject hai.aap khud chhan-bin karege to sach samne aayega.
Like6 hours ago
Kameshwar Gupta
ek or khel june 2014 me chal raha hai jo nitish ji ka zero ghuskori ka abhiyan puri tarah se fail kiya ja raha hai. ye bhi paisa ke liye ho raha hai,abhi aap pwd ka mamle ka chhan-bin karege to khud pata chal jayega.medical office,reo,bhawan,electic,traffic,gramin vikas......etc me jaker khud pata kare.....baki to aap bahut hi hosiyar hai....mai janta ka sachchi or taji khaber de raha hu ki pure bihar me janta me khaber faili hui ha ki...akhir padadhikari janta ko muft me sewa kiyo nahi de pa rahe hai,padadhikari ki kiya majburi hai jo pahle ye officer sewa muft me dete they or aaj badle -badle kiyo hai? janta ko ye bhi bishwas nahi ho raha ki monthly pay to suna tha but monthly tax officer ko chukana hai ,yesa kabhi bhi nahi suna gaya 60 sal me? ab aap hi justice kare ki jdu ko 2 seat mila to kiska dosh hai?
Like5 hours ago
Randhir Kumar Rai
KARAN SIRF JATIGAT AUR VYAKTIGAT HAI.
Like5 hours ago
Bishnu Narayan Choubey
अभ्‍यानन्‍द जी लोकसभा चुनाव में सरकार के मर्जी के अनुसार काम नही किया। सभी मतदान केन्‍द्रों पर पारा फोर्स की तैनाती करा दी। इतने बड़े पद पर बैठाने के बाद अपनी जाति का वोट नीतीश जी को नही दिला पाए। एैसे में उनका जाना पहले से ही तय था।
Like15 hours ago
Kameshwar Gupta
ek sawal aap se -Dr.Arjun singh ji s/o let kapildevbabu jab pmch me htey to shusashan tha,sabhi marij, staff,janta, karjkarta unka samman karte the,iske pichhe unki imandari or sewa bhav tha,inko bech me hi hata diya kiyo? yese log aaj bhi hazaro-hazar imandar log hai jise side kiya ja raha hai,yese officer's ko sarkar pagal samajhti hai ,jo kisi kam ka nahi hai?to fir zero ghuskori ka abhiyan chalane ka koi ouchitya hai?
Like5 hours ago
Kameshwar Gupta
ab kal hi DR.Vimal karak ko hataya gaya pmch se iske pichhe bhi Dr.Arjun singh jaise karan hai ab aap bataye ki pmch me ki gunjais kaise hai? maine kewal ek udahran matra diya hai jo sabhi jagho ka sanket hai?
Like5 hours ago
Kameshwar Gupta
Akhilesh Cr shared Sudhir Kumar Jatav's status update.
2 mins ·

Sudhir Kumar Jatav
एक आदमी 117 हजार करोड़ के मकान में मुंबई में 27 मंजिले मकान में रहता है । परिवार में कुल सदस्य पाँच हैं । उस परिवार के प्रत्येक सदस्य पर अलग अलग रहने के लिए भी उसी मकान में छह मकान होते हैं । वो आदमी मुकेश अम्बानी है । आज देश में जब करोडो लोग सड़को पर जीवन गुजार देते हैं । सडको पर पैदा होते हैं और सडको पर ही मर जाते हैं । कभी उनको अपना मकान नसीब नहीं होता । उसी देश में एक ऐसा आदमी भी रहता है जो 27 मंजिले मकान में रहता है । उस मकान में कमरे कितने हैं उनकी कोई गिनती नहीं । ये संपत्ति के अधिकार का दुरूपयोग नहीं है क्या ? क्या ये नहीं होना चाहिए कि एक आदमी अपनी आवश्यकता के अनुसार उतनी ही समाप्ति एकत्र करें जितनी संपत्ति से वो अपना और अपने परिवार का पालन पोषण, रहन सहन सुविधापूर्ण आराम से कर सके ना कि विलासितापूर्ण जीवन जिए । इससे अमीर गरीब के बढ़ते फासले में कमी आएगी और देश में समानता बढ़ेगी । सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या सरकार ऐसा करेगी ? नहीं सरकार ऐसा कभी नहीं करेगी क्योंकि सरकार भी वो ही लोग बनाते हैं । सारे जीवन इतना सच झूठ बोलने के बाद जब अंतिम संस्कार होगा तो कोई 27 मंजिला मकान तो क्या दो गज जमीन भी छोडिये दो फुट जमीन भी नहीं मिलेगी । सीधे आग के हवाले कर कुछ हवा में और कुछ पानी में बहा दिया जायेगा ।
Like4 hours ago
Ravindra Nath Bhaiya
sab laalu ka karamat aur nitish ke haar ka karn hai
Like2 hours ago
Md Kausar Nadeem
‪#‎ranbir‬ nandan ji मैं आपकी बातों से सहमत हूँ ।
LikeMore32 minutes ago

Comments

Popular posts from this blog

"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

#Modi G ! कब खुलेंगी आपकी आंखें ? CAA: एक हज़ार लोगों की थी अनुमति, आए एक लाख-अंतरराष्ट्रीय मीडिया