"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"
सिमरन प्रजापति with Rekha Vinod Jain and 4 others
क्या खुब लिखा है किसी ने ...
"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... !
जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !!
वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... !
जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"
न मेरा 'एक' होगा, न तेरा 'लाख' होगा, ... !
न 'तारिफ' तेरी होगी, न 'मजाक' मेरा होगा ... !!
गुरुर न कर "शाह-ए-शरीर" का, ... !
मेरा भी 'खाक' होगा, तेरा भी 'खाक' होगा ... !!
जिन्दगी भर 'ब्रांडेड-ब्रांडेड' करने
वालों ... !
याद रखना 'कफ़न' का कोई ब्रांड नहीं होता ... !!
कोई रो कर 'दिल बहलाता' है ... !
और कोई हँस कर 'दर्द' छुपाता है ... !!
क्या करामात है 'कुदरत' की, ... !
'ज़िंदा इंसान' पानी में डूब जाता है और 'मुर्दा' तैर के
दिखाता है ... !!
'मौत' को देखा तो नहीं, पर शायद 'वो' बहुत
"खूबसूरत" होगी, ... !
"कम्बख़त" जो भी 'उस' से मिलता है,
"जीना छोड़ देता है" ... !!
'ग़ज़ब' की 'एकता' देखी "लोगों की ज़माने
में" ... !
'ज़िन्दों' को "गिराने में" और 'मुर्दों' को "उठाने
में" ... !!
'ज़िन्दगी' में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री"
होगी, ... !
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी ।
मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से ना जाने
कौनसी "मुलाक़ात" "आख़री होगी" ... !!
"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... !
जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !!
वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... !
जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"
न मेरा 'एक' होगा, न तेरा 'लाख' होगा, ... !
न 'तारिफ' तेरी होगी, न 'मजाक' मेरा होगा ... !!
गुरुर न कर "शाह-ए-शरीर" का, ... !
मेरा भी 'खाक' होगा, तेरा भी 'खाक' होगा ... !!
जिन्दगी भर 'ब्रांडेड-ब्रांडेड' करने
वालों ... !
याद रखना 'कफ़न' का कोई ब्रांड नहीं होता ... !!
कोई रो कर 'दिल बहलाता' है ... !
और कोई हँस कर 'दर्द' छुपाता है ... !!
क्या करामात है 'कुदरत' की, ... !
'ज़िंदा इंसान' पानी में डूब जाता है और 'मुर्दा' तैर के
दिखाता है ... !!
'मौत' को देखा तो नहीं, पर शायद 'वो' बहुत
"खूबसूरत" होगी, ... !
"कम्बख़त" जो भी 'उस' से मिलता है,
"जीना छोड़ देता है" ... !!
'ग़ज़ब' की 'एकता' देखी "लोगों की ज़माने
में" ... !
'ज़िन्दों' को "गिराने में" और 'मुर्दों' को "उठाने
में" ... !!
'ज़िन्दगी' में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री"
होगी, ... !
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी ।
मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से ना जाने
कौनसी "मुलाक़ात" "आख़री होगी" ... !!
What is written someone khub ... read more
"They are inscribed ', ' lets baksh...!
That ' luck ' is bad..!.!
They are not ' bakshe hargis '...!
That ' fixed ' is bad ... it would be a ' mine ' it!!! ", not thy will ', ' million...!
Not ' persistent ' will not ' fun ' my responds will ...!!
Greer is not to "Shah-e-body", is...!
I have also noticed ' thy ' floating around would also!!
The ' branded ' around-branded life...!
Remember "the coffin" is not a brand ... and more!!!
A weeping heart ' belt ' is. ..!
No more laughing ' hides ' pain..!.!
What is ' nature ' of karamat,...!
' Alive human being is immersed in the water ' and ' floats ' alive shows..!.!
' Death ' not seen, but maybe there will be a lot of "beautiful", "she". ...!
"Kambakhat" which also meets the "leaves" to live, "..!.!
' Saw ' the ' unity ' gazab "people's time in"...!
"Dropping in" to "and" zindon murdon "to" in "..!.!
' Life ' in which zane would not talk to "screen" ... you!
Not what will night "screen" zane.
See, similar, do things which go a right stick man "will screen" the visitation "..!.! (Translated by Bing)
"They are inscribed ', ' lets baksh...!
That ' luck ' is bad..!.!
They are not ' bakshe hargis '...!
That ' fixed ' is bad ... it would be a ' mine ' it!!! ", not thy will ', ' million...!
Not ' persistent ' will not ' fun ' my responds will ...!!
Greer is not to "Shah-e-body", is...!
I have also noticed ' thy ' floating around would also!!
The ' branded ' around-branded life...!
Remember "the coffin" is not a brand ... and more!!!
A weeping heart ' belt ' is. ..!
No more laughing ' hides ' pain..!.!
What is ' nature ' of karamat,...!
' Alive human being is immersed in the water ' and ' floats ' alive shows..!.!
' Death ' not seen, but maybe there will be a lot of "beautiful", "she". ...!
"Kambakhat" which also meets the "leaves" to live, "..!.!
' Saw ' the ' unity ' gazab "people's time in"...!
"Dropping in" to "and" zindon murdon "to" in "..!.!
' Life ' in which zane would not talk to "screen" ... you!
Not what will night "screen" zane.
See, similar, do things which go a right stick man "will screen" the visitation "..!.! (Translated by Bing)
You, सिमरन प्रजापति and 114 others like this.
Lovely Girdher Desh Premee
kya baat simran ji
kya baat simran ji
Samiullah Khan
2 good
2 good
Om Prakash Gupta
Nice True
Nice True
Arif Saifi
Very nice so beautiful line !!
_______________ ____________
ताज्जुब ना कििजयेगा..!
गर कोई दुश्मन भी आपकी ख़ैरियत पूछ जाये..!
ये वो दौर है जहाँ..!
हर मुलाक़ात में मक़सद छुपे होते है .!
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Very nice so beautiful line !!
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ताज्जुब ना कििजयेगा..!
गर कोई दुश्मन भी आपकी ख़ैरियत पूछ जाये..!
ये वो दौर है जहाँ..!
हर मुलाक़ात में मक़सद छुपे होते है .!
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Shahzad Khan
लाजवाब सिमरन जी
लाजवाब सिमरन जी
Khurshed Alam
bahot umda veri nice post
bahot umda veri nice post
Ziya Khan
आओ प्यार का फूल खिलाते है
मिलकर नफ़रत के काटे हटाते है
तहज़ीब है गंगा जमुना की हम
चंद दुश्मन हमें तुम्हे लड़ाते है
होली में उड़ा गुलाल असमानो पर
दशहैरे में सब रावण को जलाते है
दिवाली में पटाखों की गूँज सुनी है
ईद भी साथ मिल कर हम मानते है
मेरे पड़ोसी हिन्दू है वालिद बीमार है
मेरे इस दुःख में पहले वो घर आते है
तुम चाहे जितना भी ज़हर फैलाओ
हम लोग नफ़रत का ज़हेर हटाते है
नफ़रत ने हिन्दु मुस्लिम को क़त्ल किया
अब हम लोग इस साँचे मे नहीं समाते है
तुम हिदु हम मुस्लिम क्या फर्क पड़ता है
कटी ऊँगली का रंग आपस में मिलाते है
आप कंठी माला पढ़ रहे हो तो पढ़ते रहो
हम अपनी तसबिह कहाँ तुम्हे पढ़ाते है
बहुत हुआ Ziya Khan हम सब पर ज़ुल्म
अब सियासत को हम लोग आज़माते है
आओ प्यार का फूल खिलाते है
मिलकर नफ़रत के काटे हटाते है
तहज़ीब है गंगा जमुना की हम
चंद दुश्मन हमें तुम्हे लड़ाते है
होली में उड़ा गुलाल असमानो पर
दशहैरे में सब रावण को जलाते है
दिवाली में पटाखों की गूँज सुनी है
ईद भी साथ मिल कर हम मानते है
मेरे पड़ोसी हिन्दू है वालिद बीमार है
मेरे इस दुःख में पहले वो घर आते है
तुम चाहे जितना भी ज़हर फैलाओ
हम लोग नफ़रत का ज़हेर हटाते है
नफ़रत ने हिन्दु मुस्लिम को क़त्ल किया
अब हम लोग इस साँचे मे नहीं समाते है
तुम हिदु हम मुस्लिम क्या फर्क पड़ता है
कटी ऊँगली का रंग आपस में मिलाते है
आप कंठी माला पढ़ रहे हो तो पढ़ते रहो
हम अपनी तसबिह कहाँ तुम्हे पढ़ाते है
बहुत हुआ Ziya Khan हम सब पर ज़ुल्म
अब सियासत को हम लोग आज़माते है
Shamsida Tayab
Preet badhakar dost ko bhul na jana yehi toh sanam. tumne humein hai sikhayii....
Preet badhakar dost ko bhul na jana yehi toh sanam. tumne humein hai sikhayii....
Yaduansi Rishi Kumar
wow simaran ji es post ko sms kar do plz 08543985243 pr
wow simaran ji es post ko sms kar do plz 08543985243 pr
Like Yesterday at 19:48
Firoj Khan
सब बातें दिल को छू गई।
सब बातें दिल को छू गई।
Like Yesterday at 20:46
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