मुठभेड़ पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश
वेबसाइट तक पहुंचाने वाले लिंक सामग्री को स्किप करें Accessibility Help साइन इन करें बीबीसी सूची सेक्शन मुठभेड़ पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश 4 घंटे पहले साझा कीजिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर पुलिस मुठभेड़ की जांच होनी चाहिए और कथित तौर पर फर्ज़ी मुठभेड़ से जुड़े पुलिस कर्मियों को न तो पदोन्नति दी जाए और न ही वीरता पुरस्कार. मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पब्लिक यूनियन फ़ॉर सिविल लिबर्टीज़ (पीयूसीएल) की याचिका की सुनवाई के बाद ये दिशा निर्देश जारी किए. सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख दिशा निर्देश - हर पुलिस मुठभेड़ की प्राथमिकी (एफ़आईआर) दर्ज़ करना अनिवार्य होगा. - हर मुठभेड़ की जांच सीआईडी या अन्य स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए. - पुलिस मुठभेड़ की जांच की प्रगति रिपोर्ट हर छह माह में संबंधित राज्य मानवाधिकार आयोग या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजनी होगी. - जांच खत्म होने तक मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों को प्रमोशन या वीरता पुरस्कार नहीं दिया जाएगा. - आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 176