यदि अख़लाक़ की हत्या पर अपनी राजनीति चमकाने वालों को बाकी की लाशों में वोटबैंक नज़र नहीं आता तो क्या उपेक्षित रह जायेंगी ये लाशें??? क्या हम इनके लिए न्याय नहीं मांगेंगे??? और याद रखिये कि सिर्फ़ दलित और मुस्लिम ही नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक संवैधानिक व्यवस्था पर विश्वास रखने वाला हर जाति का इंसान इस समय निशाने पर है.. बीएचयू के प्रोफेसर संदीप पाण्डेय के साथ हुआ दुर्व्यवहार यही कहता है।
Razia S. Ruhi
( Facebook )
गत दिनों दक्षिणभारतीय दलित छात्र #रोहित_वेमुल्ला की निर्मम हत्या कर दी गयी, रोहित (पीएचडी) शोधछात्र थे और सक्रीय रूप से अम्बेडकर विचारधारा से जुड़े थे। इस हत्या का जिमेदार एबीवीपी को बताया जा रहा है जो भाजपा की ही स्टुडेंट विंग है और भाजपा नेताओं के इशारे पर चलती है।
इस कैम्पस में ये लगातार तीसरी हत्या है, और सरकार चुप.. एबीवीपी की गुंडागर्दी जारी है।
अगर याद हो तो हैदराबाद विश्वविद्यालय में कुछ दिन पहले ही 5 दलित छात्रों को जातीय घृणा के कारण प्रताड़ित करने का मामला सामने आया था.. जो अम्बेडकर विचारधारा को लेकर मुखर थे।
यानी मुस्लिमों के साथ दलितों को भी निशाना बनाया जा रहा है क्यों कि ये दोनों ही मनुवादी हिन्दू राष्ट्र बनाने में बाधक हैं। अख़लाक़ हत्याकाण्ड के बाद से जाने कितनी लाशों को रौंदते हुये हम रोहित की लाश तक आ पहुंचे हैं, केंद्र और राज्य एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते रहें लेकिन कौन नहीं जानता कि हिंदुत्व के ठेकेदारों के हौंसले किसकी दम पर बुलंद हैं...
यदि अख़लाक़ की हत्या पर अपनी राजनीति चमकाने वालों को बाकी की लाशों में वोटबैंक नज़र नहीं आता तो क्या उपेक्षित रह जायेंगी ये लाशें??? क्या हम इनके लिए न्याय नहीं मांगेंगे???
और याद रखिये कि सिर्फ़ दलित और मुस्लिम ही नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक संवैधानिक व्यवस्था पर विश्वास रखने वाला हर जाति का इंसान इस समय निशाने पर है.. बीएचयू के प्रोफेसर संदीप पाण्डेय के साथ हुआ दुर्व्यवहार यही कहता है।
ज़रूरत है हमें एक दूसरे के साथ खड़े होने की.. ताकि हमे धर्म जाति के नाम पर लड़ा कर कोई भी तानाशाह शोषणकारी व्यवस्था अपने मंसूबे पूरे करने में कामयाब न होने पाये।
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