कभी कभी "खुदा" अपनी "कुदरत" को खोल-खोल कर दिखा देता है ताकि इंसान उससे "इब्रत" हासिल कर सके, और सही राह पर आ जाये"।
कभी कभी "खुदा" अपनी "कुदरत" को खोल-खोल कर दिखा देता है ताकि इंसान उससे "इब्रत" हासिल कर सके, और सही राह पर आ जाये"।
"इसकी सबसे ताज़ा और ज़िंदा मिसाल कल बुधवार 3, फरवरी 2016 की है।
हुआ यूँ कि "मुरुंड" जोकि मुम्बई के पास एक "समुंद्री बीच" है। वहाँ उस बीच पर मुम्बई के कुछ स्टूडेंट घूमने के लियें गए थे। उन्हीं स्टूडेंट्स में से 14 स्टूडेंट का एक ग्रुप "बोट" की सवारी करने लगा। इसी दौरान एक "ग़ज़बनाक हादसा" हो गया और उनकी "बोट" डूब गयी जिसमे सभी 14 स्टूडेंट भी बोट के साथ डूब गए। आनन् फानन में लोगों ने पुलिस और गोताखोर बुलाये। तब गोताखोरों ने स्टूडेंट्स की लाशों को ढूंढना शुरू किया, 14 स्टूडेंट्स में से 13 स्टूडेंट्स की लाशें तो मिल गयीं थी लेकिन एक लाश नहीं मिल पा रही थी सारी रात कोशिश करने के बाद भी एक लाश का पता नहीं लग पा रहा था। इसी दौरान वहाँ के जो स्थानीय लोग वहाँ जमा थे उनमे से दो लोग, मौलाना लियाक़त, और मौलाना सलमान, आगे आये और पुलिस से दरख्वास्त की कि आप लोगो ने बहुत कोशिश कर ली, अब एक मौका हमें दें, हम समुन्द्र में जाकर अल्लाह से दुआ करेंगे। तब पुलिस ने उन्हें इजाज़त दे दी, और वे दोनों मौलाना लियाक़त, और मौलाना सलमान, एक छोटी "बोट" में सवार होकर उस जगह पर पहुँचे जहाँ "बोट" डूबी थी। और उन्होंने तब वहाँ "अज़ान" देनी शुरू की। एक "अज़ान" मुक़म्मल हुई, उसके बाद दूसरी "अज़ान" मुक़म्मल हुई, जैसे ही तीसरी "अज़ान" मुक़म्मल हुई तो वहाँ पर मौजूद हर शख्श हैरान रह गया क्योंकि वो 14वीं लाश ऊपर आकर पानी पर तैर रही थी, "अल्लाहुअकबर" वहाँ मौजूद सारे पुलिस अधिकारी और गोताखोर ये देख कर दंग रह गए और और उन्होंने माना कि वाकई में "खुदा" की "कुदरत" और "रहमत" बहुत बड़ी है, और वो वक़्त-वक़्त पर अपनी "कुदरत" और "रहमत" लोगों को खोल खोल कर दिखाता रहता है, जिससे कि लोग "इब्रत" हासिल करें और सही रास्ते पर आ जाएँ। अल्लाह हमें और आपको सही मायनों में दीन के रास्ते पर चलने की तौफीफ दे। (आमीन)
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