स्टूडिओ और एडिटर के कमरे में क्या होता है कब से कब हमलोगों को तो पता ही है,

Santosh Singh added 3 new photos.
कल देर शाम दिल्ली से हमारे एक पत्रकार मित्र का फोन आया आपके मेल पर एक खबर भेजे हैं देख लिजिएगा,,, खबर से लौटेने के बाद मैंने मेल खोला 9 मिनट का भिजुउल था खुलने में थोड़ा वक्त लगा लेकिन मेल का मजबून मैं खोलते ही समझ गया वीडियो दिल्ली सरकार में मंत्री रहे संदीप कुमार का था,,,,,,
वीडियो देखने के बाद मुझे लगा कि केजरीवाल जल्दबाजी में फैसला ले लिये ,,,,,,, जहां तक मुझे लग रहा है कि वीडियो चार पांच वर्ष पहले का है जब संदीप छात्र रहे होगे।। वीडियों में कही से भी जबरदस्ती या फिर बहला फुसला कर शारीरिक सम्बन्ध स्थापित करने कि बात नही दिख रही थी मुझे नही लगता है कि सहमति से शारीरिक सम्बन्ध बनाना कानून कि तो छोड़िए नैतिकता के कसौटी पर भी खड़ा नही उतरता है वो भी उस देश में जहां शारीरिक सम्बन्ध बनाने से जुड़ी एक से एक तस्वीरें मंदिरों में बनी हुई है।।
कामसूत्रा जैसी पुस्तके इसी देश में लिखी गयी है फिर पता नही सवाल किस आधार पर उठाया जा रहा है।।।
वैसे मैं आपको बता दूं दिल्ली में मुद्रिका,आईआईटी,मुखर्जीनगर,मांडल टाउन,इंदिरा विहार,हटसन लाइन,ख्वाजा सराह जैसे दो दर्जन से अधिक इलाके हैं जहां काफी संख्या में दूसरे राज्यों से आकर छात्र दिल्ली विश्वविधालय के विभिन्न कांलेजों में पढते हैं या फिर प्रतियोगिता परीक्षा कि तैयारी करते हैं,,,,,,,,,, उसका इस तरह का शारीरिक सम्बन्ध मेड सरभेन्ट ,गली में कूड़ा उठाने वाली से बनाते हुए मैंने देखा है 1994----95 कि बात कर रहे हैं उस 30 से 40 प्रतिशत छात्र इस तरह के रिश्ते बनाते थे ,,,गर्लफ्रेंड के साथ लिभिंग रिलेशन तो आम बात हो गया था जरुरी नही था कि उससे शादी करे ही ,,,,,जिस वीडियो पर बबाल कर रहे हैं ना दिल्ली के कई शैक्षणिक संस्थान में किसी भी समय दिख जाता था,, दिल्ली विश्वविधालय और धौला कुंआ के पास स्थिति रिंझ और पार्क में चले जाते तो इससे भी बूरी स्थिति देखने को मिलता था,,,,,,,,
मैं व्यक्तिगत रुप से जानता हूं एक अधिकारी है काफी चर्चित भी है उनका मेड सरभेन्ट से इस तरह का रिश्ता था कौन नही जानता था,,, लेकिन उस वक्त भी बिहार,, बिहारी स्वभिमान और पढाई को लेकर जो कमीटमेन्ट था उससे वो कभी समझौता नही किये और नौकरी में भी उनके बहादूरी और ईमानदारी कि चर्चा होती है,,,,,
बात निकली है तो दूर तलक जाऐगी,,,, रात को 11 बज रहा था एक पुलिस अधिकारी के साथ डिनर चल रहा था तभी फोन आया सर उस मामले का खुलासा हो गया मामला इतना बड़ा था कि डिनर बीच में ही छोड़ कर चलने कि स्थिति बन गयी खैर खाना किसी तरह पूरा किये और फिर साथ चल दिये ,,चलते चलते किसी डबल स्टोरेज बिल्डिंग के अंदर पहुंचे तो वहां पहले से ही कई पुलिसकर्मी मौंजूद थे।।।
जैसे जैसे उस मकान के एक कमरे से दूसरे कमरे में प्रवेश कर रहे थे मैं हैरान था पहली बार देखा कि रिमोट से बल्ब कि रोशनी को कम ज्यादा किया जा रहा है अलमीरा खुला तो एक से एक शराब कि बोतले,सिगरेट के साथ साथ शराब परोसने वाला ग्लास जीवन में पहली बार देख रहे थे,,,,,
पलंग और उस पर बिछा बेडसीट,,,डाईनिंग टेबल,, रसोई घर,, बाथरुम मौर्या होटल के सूट में नही है जिसमें शत्रुघन सिन्हा ठहरते हैं,,एक अलमीरा खुला तो कंडोम इस तरह से सजा कर रखा गया था कि जैसे खुबसूरत गुलाब हो,, ब्लू फिल्म कि सीडी एक से एक था तभी उस अपराध में गिरफ्तार व्यक्ति को अचानक तेज थप्पर लगा और उसके बाद इस घर का दास्तान सुनाया तो मेरे पैर के नीचे से जमीन खिचक गया,,,,,यह घर अधिकारियों का एशगाह था,,,,, जब मीटिंग में आते तो यहां जरुर रुकते थे और उसके बाद जो होता होगा उसका अंदाजा लगाने कि जरुरत नही है,,,,,
एक घंटे तक पुंछताछ के बाद फिर वो मुझे मेरे घर तक छोड़ने आये रास्ते में हम दोनों चुप थे फिर मैंने ही कहा लोगों का विश्वास पूरी व्यवस्था पर से उठ जायेगा हमारे लिए बड़ी खबर है लेकिन जिन अधिकारियों का नाम आ रहा है वो किस परिस्थिति में यहां आते है पता नही लेकिन इन आदतों का असर उनके काम पर नही दिखता है,,,,,
वो खुब जोड़ से हंसे तब तक मेरा घर आ चुंका था फिर उन्होनें हाथ मिलाते हुए कहा चलिए बाई गुड नाईट।।।
मनुष्य कि ये प्रवृति सभ्यता के शुरुआत से चली आ रही है इसके नैतिक पंक्ष को लेकर डिवेट हो सकता है लेकिन मनुष्य के इस प्रवृति कि वजह से उसे कठघरे में खड़े कर दे मुझे लगता है ये सही नही है,,,,,,,इस तरह के रिश्ते पूरी तौर पर व्यक्तिगत है,, है इस प्रवृति का असर परिवार पर, समाज पर और जहां आप काम करते हैं उस पर पड़ता है तो फिर सवाल लाजमी है,,,, लेकिन इस तरह के रिश्ते को चरित्र से जोड़ने कि प्रवृति पर जो लोग मजा ले रहे हैं सोच लिए अपना कुंआ आप खुद खोद रहे हैं,,,,,
, रही बात मीडिया कि तो बड़ी चीख चीख कर नैतिकता का पाठ पढा रहे हैं स्टूडिओ और एडिटर के कमरे में क्या होता है कब से कब हमलोगों को तो पता ही है,,इसलिए इस तरह किसी के निजी जिंदगी में ताक झाकर से परहेज करिए,,, वो दिन दूर नही है सोशल मीडिया पर भिजुउल आ जाये तो कोई बड़ी बात नही होगी,,,चलते चलते बस इतना ही कह देते हैं कि श्री मान व्यक्तिगत चरित्र पर हमला करने से परहेज करिए,,,,,,,,,
ये सही है कि इस तरह के हमले को व्यक्ति फेस नही कर पाता है और आप अपनी रणनीति को सफल मानते हैं ये प्रवृति वैसे ही है जिस पेड़ पर आप बैंठे हैं उसी पेड़ को काट रहे हैं सोच लिजिए ज्यादा दिनों तक ये खुशी नही रहेगी,,,,, विकेट गिरना शुरु हुआ तो फिर पाकिस्तान के खेलाड़ी से भी बुरा हाल होगा ।।।।

Comments

Popular posts from this blog

#Modi G ! कब खुलेंगी आपकी आंखें ? CAA: एक हज़ार लोगों की थी अनुमति, आए एक लाख-अंतरराष्ट्रीय मीडिया

"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"