उन लोगों के पास कोई हथियार नहीं थे' - BBC हिंदी
'उन लोगों के पास कोई हथियार नहीं थे'
विनीत खरे
बीबीसी संवाददाता
साझा कीजिए
Image copyrightS NIAZI
भोपाल की सेंट्रल जेल से फ़रार सिमी के कथित कार्यकर्ताओं को सबसे पहले देखने का दावा करने वाले चश्मदीदों ने बीबीसी से बात कर के बताया कि उन्होंने उस दिन क्या देखा था.
जेल से फ़रार होने के बाद पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में ये आठ कार्यकर्ता मारे गए थे.
भोपाल के पास चांदपुर गांव के नरेश पाल और ज्ञान सिंह का दावा है कि उन्होंने दीवाली की अगली सुबह यानी सोमवार को इन 'सिमी कार्यकर्ताओं' को देखा था.
भोपाल सेंट्रल जेल यहां से 10 किलोमीटर दूर है.
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पुलिस ने दावा किया था कि ये कार्यकर्ता जेल की दीवार फांद कर भागे और यहीं पर पास के ईंट खेड़ी गांव में पुलिस ने उनको मारने का दावा किया है.
नरेशपाल खेती करते हैं.
उन्होंने बताया, "सोमवार की सुबह नदी के पास कुछ लोग जाते दिखे. मुझे लगा ये लोग मछली पकड़ने आए हैं. मैंने काफी दूर से उन्हें देखा था. कुल पांच छह लोग थे. इसके बाद मैं जब घर गया तो वहां मैंने टीवी पर न्यूज में देखा और मुझे शक हुआ तो मैंने 100 नंबर डायल किया.''
बताया जा रहा है इस गांव को चारों तरफ से पुलिस वालों ने घेर रखा था.
Image copyrightS NIAZI
पुलिस को फोन करने वाले गांव के ही ज्ञान सिंह ने बताया, "मेरी जब नरेशपाल से मुलाक़ात हुई तो उसने बताया कि सुबह -सुबह यहां से नदी किनारे छह सात लोग निकले हैं. बाद में मैंने बीबीसी न्यूज वेबसाइट पर देखा कि जेल से सिमी के आठ लोग भागे हैं. मैंने सोचा हो सकता है ये ही हो. उसके बाद गांव के कुछ और लोगों ने भी उन्हें देखने की बात कही. तब मैंने तुरंत पुलिस को फोन कर बताया. पुलिस को यहां का रास्ता बताया और ये बताया कि ये जगह कितनी दूर है. "
खेत पर ही काम करने वाले एक मज़दूर इमरत ने कहा, "मैं सुबह आठ बजे खेत में काम कर रहा था. वो आठ लोग थे. उन्होंने सिर्फ़ चड्डी और टीशर्ट पहन रखी थी. उनके हाथ में कपड़ों की पोटली थी."
जब बीबीसी ने पूछा कि क्या उन संदिग्ध लोगों के पास किसी तरह के हथियार थे इसके जवाब में इमरत ने कहा, "हमने उन लोगों के पास किसी तरह के हथियार या डंडे वगैरह नहीं देखे."
जहां पर ये कथित एनकाउंटर हुआ उस ईंट खेड़ी गांव के सरपंच मोहन सिंह ने बीबीसी को बताया, "मैंने उन लोगों को काफी नजदीक से देखा था. मैंने उनसे पूछा भी कि आप लोग कौन हैं. उनके हाथ खाली थे."
इसके बाद से यहां माहौल सहमा हुआ है.
इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन आठ लोगों के जेल से फ़रार होने की घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं.
http://www.bbc.com/hindi/india-37869382
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विनीत खरे
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भोपाल की सेंट्रल जेल से फ़रार सिमी के कथित कार्यकर्ताओं को सबसे पहले देखने का दावा करने वाले चश्मदीदों ने बीबीसी से बात कर के बताया कि उन्होंने उस दिन क्या देखा था.
जेल से फ़रार होने के बाद पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में ये आठ कार्यकर्ता मारे गए थे.
भोपाल के पास चांदपुर गांव के नरेश पाल और ज्ञान सिंह का दावा है कि उन्होंने दीवाली की अगली सुबह यानी सोमवार को इन 'सिमी कार्यकर्ताओं' को देखा था.
भोपाल सेंट्रल जेल यहां से 10 किलोमीटर दूर है.
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पुलिस ने दावा किया था कि ये कार्यकर्ता जेल की दीवार फांद कर भागे और यहीं पर पास के ईंट खेड़ी गांव में पुलिस ने उनको मारने का दावा किया है.
नरेशपाल खेती करते हैं.
उन्होंने बताया, "सोमवार की सुबह नदी के पास कुछ लोग जाते दिखे. मुझे लगा ये लोग मछली पकड़ने आए हैं. मैंने काफी दूर से उन्हें देखा था. कुल पांच छह लोग थे. इसके बाद मैं जब घर गया तो वहां मैंने टीवी पर न्यूज में देखा और मुझे शक हुआ तो मैंने 100 नंबर डायल किया.''
बताया जा रहा है इस गांव को चारों तरफ से पुलिस वालों ने घेर रखा था.
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पुलिस को फोन करने वाले गांव के ही ज्ञान सिंह ने बताया, "मेरी जब नरेशपाल से मुलाक़ात हुई तो उसने बताया कि सुबह -सुबह यहां से नदी किनारे छह सात लोग निकले हैं. बाद में मैंने बीबीसी न्यूज वेबसाइट पर देखा कि जेल से सिमी के आठ लोग भागे हैं. मैंने सोचा हो सकता है ये ही हो. उसके बाद गांव के कुछ और लोगों ने भी उन्हें देखने की बात कही. तब मैंने तुरंत पुलिस को फोन कर बताया. पुलिस को यहां का रास्ता बताया और ये बताया कि ये जगह कितनी दूर है. "
खेत पर ही काम करने वाले एक मज़दूर इमरत ने कहा, "मैं सुबह आठ बजे खेत में काम कर रहा था. वो आठ लोग थे. उन्होंने सिर्फ़ चड्डी और टीशर्ट पहन रखी थी. उनके हाथ में कपड़ों की पोटली थी."
जब बीबीसी ने पूछा कि क्या उन संदिग्ध लोगों के पास किसी तरह के हथियार थे इसके जवाब में इमरत ने कहा, "हमने उन लोगों के पास किसी तरह के हथियार या डंडे वगैरह नहीं देखे."
जहां पर ये कथित एनकाउंटर हुआ उस ईंट खेड़ी गांव के सरपंच मोहन सिंह ने बीबीसी को बताया, "मैंने उन लोगों को काफी नजदीक से देखा था. मैंने उनसे पूछा भी कि आप लोग कौन हैं. उनके हाथ खाली थे."
इसके बाद से यहां माहौल सहमा हुआ है.
इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन आठ लोगों के जेल से फ़रार होने की घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं.
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