कन्हैया कुमार क्या वाकई इस्लाम धर्म अपना लिया है ?
दक्षिणपंथी झुकाव वाले कई सोशल मीडिया पेजों पर जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार से जुड़ा एक वीडियो काफ़ी शेयर किया जा रहा है.
इसमें कन्हैया कुमार स्वीकार करते दिख रहे हैं कि वो एक मुस्लिम हैं.
इस वीडियो का कैप्शन है:
"कन्हैया कुमार का सच सामने आ चुका है. वो एक मुस्लिम हैं और हिंदू नाम रखकर लोगों को बेवक़ूफ़ बना रहा है. बंद दरवाज़ें में हुई एक बैठक में उसने अपना धर्म बताया है. वो एक मुस्लिम है. इस वीडियो को अधिक से अधिक शेयर करके उसका सच सबके सामने लाएं."
10 से ज़्यादा ऐसे दूसरे पेजों पर इसी तरह के कैप्शन के साथ वीडियो को प्रमोट किया गया है. इस वीडियो को कई व्हाट्सएप ग्रुप में भी शेयर किया जा रहा है.
तो सच क्या है? असल में कन्हैया कुमार ने वीडियो में ये कहा है:
"हमारा इतिहास इस भूमि से जुड़ा है. हम सब (मुस्लिम) यहां अरब जगत से नहीं आए हैं. हम यहां पले-बढ़े हैं, हमने यहीं पढ़ाई की है. लोगों ने इस्लाम इसलिए अपनाया क्योंकि ये शांति और बराबरी की बात करता है. इस धर्म में कोई भेदभाव नहीं है, इसलिए हमने इसे अपनाया. दूसरे धर्मों में जाति व्यवस्था है और छुआछूत की प्रथा भी है. हम इसे कभी नहीं छोड़ेंगे. हम अपने आपको और समुदाय को बचाएंगे. हम अपने देश को भी बचाएंगे. अल्लाह बहुत शक्तिशाली हैं और वो हमारी रक्षा करेगा."
इस वीडियो को देखने पर कोई भी ये मान लेगा कि कन्हैया कुमार इस्लाम अपनाने का कारण बता रहे हैं.
लेकिन हमारी जांच में पता चला कि वायरल क्लिप में पूरा सच नहीं दिख रहा है. ये क्लिप कन्हैया कुमार के एक लंबे भाषणका हिस्सा है. ये भाषण उन्होंने एक इवेंट "डायलॉग विथ कन्हैया कुमार" में दिया था.
इसमें उन्होंने धर्म को लेकर होने वाली राजनीति पर बात की है, साथ ही उन्होंने ये बताया है कि भारत सभी व्यक्तियों और मज़हबों का देश क्यों है.
इसी बारे में बात करते हुए उन्होंने देश के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आज़ाद के शब्द दोहराए थे.
उस वायरल क्लिप में कुमार अपनी बात समझाने के लिए आज़ाद के वही शब्द दोहरा रहे हैं. बहुत ही होशियारी से क्लिप को एडिट कर ये दिखाया गया है कि कन्हैया ख़ुद के शब्द बोल रहे हैं, ना कि आज़ाद के शब्द दोहरा रहे हैं.
आज़ाद ने हमेशा हिंदू-मुस्लिम एकता की बात की और वो भारत के बंटवारे के भी ख़िलाफ़ थे. आज़ाद मानते थे कि हिंदू और मुस्लिम सदियों से भारत में एक साथ रहते आ रहे हैं और उन्हें किसी भी क़ीमत पर बदलना नहीं चाहिए.
1946 में कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना (पाकिस्तान के संस्थापक) की मुस्लिमों के लिए अलग देश बनाने की मांग ठुकरा दी थी.
कुमार के इस एडिटेड वीडियो को पिछले साल भी कई प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया गया था, लेकिन हाल में इसे दोबारा शेयर किया जा रहा है.
कन्हैया कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के कड़े आलोचक हैं. उन्होंने कई मौक़ों पर प्रधानमंत्री और उनकी नीतियों की सीधे तौर पर आलोचना की है.
वो बीजेपी पर प्रो-हिंदूत्व का एजेंडा चलाने और अल्पसंख्यकों की अनदेखी करने का आरोप लगा चुके हैं. हालांकि बीजेपी ऐसे आरोपों से इनकार करती रही है.
फ़रवरी 2016 में कुमार पर जेएनयू में हुए एक विरोध प्रदर्शन में भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप लगे थे.
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में उनके ख़िलाफ़ राजद्रोह का एक मामला भी दर्ज किया था. इस मामले की अगली सुनवाई 6 फ़रवरी को होनी है.
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