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बिहार की कुल आबादी में मुसलमानों की संख्या सरकारी आंकरे के अनुसार 16.9% है जो कि 2015 के एनएसएसओ के अनुमान के अनुसार एक करोड़ 90 लाख होता है |
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Report as per 26 Jan 2019
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अगर हम न्याय प्रणाली कि बात करें तो पटना हाईकोर्ट में कुल 27 जस्टिस नियुक्त हैं जिसमें सिर्फ 01 मुसलमान हैं, आजादी से अबतक पटना हाईकोर्ट में सिर्फ 02 मुस्लमान बतौर चीफ़ जस्टिस , पटना हाई कोर्ट हुए हैं ।
बिहार में कुल 90 नियुक्त डिस्ट्रिक्ट & सेशन जज में सिर्फ़ 04 मुसलमान हैं, जिसमें बतौर 01 प्रिन्सिपल जज (फ़ैमिली कोर्ट, मुंगेर)ही मुख्य पोस्ट पे हैं और उनका प्रमोशन भी वर्षों से लंबीत है।
कुल नियुक्त [320 अडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (ADJ) में 16], [286 सिविल जज (सीन्यर डिविज़न) में 09], [503 सिविल जज (जून्यर डिविज़न) में 28], [11 रेलवे मजिस्ट्रेट में 1] मुसलमान हैं, हालाकि आज से 20 साल पहले यह आंकरा 16-22 प्रतिशत था। वर्ष 2000 से पहले न्याय प्रणाली में मुसलमानों की प्रभावशाली संख्या थी जो वक़्त के साथ बहुत तेज़ी से गीरता हुआ नज़र आ रहा है।
कुल नियुक्त [320 अडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (ADJ) में 16], [286 सिविल जज (सीन्यर डिविज़न) में 09], [503 सिविल जज (जून्यर डिविज़न) में 28], [11 रेलवे मजिस्ट्रेट में 1] मुसलमान हैं, हालाकि आज से 20 साल पहले यह आंकरा 16-22 प्रतिशत था। वर्ष 2000 से पहले न्याय प्रणाली में मुसलमानों की प्रभावशाली संख्या थी जो वक़्त के साथ बहुत तेज़ी से गीरता हुआ नज़र आ रहा है।
अगर हम सरकारी PP (Public Prosecutor) कि बात करें तो 37 में सिर्फ 01 और GP (Government Prosecutor) 37 में 04 मुसलमान हैं ।
आज के दिन में बिहार के 38 जिलों मे से सिर्फ 02 जिलों के SP, 02 जिलों के DM मुसलमान हैं, और किसी भी ज़िले के District Judge मुसलमान नहीं हैं । कुल नियुक्त 178 IPS में 07 और 169 IAS में 09 मुसलमान हैं.
बिहार में कुल 18 विश्वविद्यालय में सिर्फ 01 के कुलपति मुसलमान हैं वो भी अरबी-फ़ारसी मौलाना मज़हरूल हक़ विश्वविद्यालय के और 01 रजिस्ट्रार मुसलमान हैं।
बिहार पुलिस सेवा (BPS) में नियुक्त 357 आधिकरियों में 29 मुसलमान हैं । कुल [38 Additional Collector में 05], [101 SDM में 05], [163 ADM में 20], [38 DDC में 2] मुसलमान हैं ।
पद पे नियुक्त [61 Joint Secretary में 05], [40 Add Secretary में 02], [163 Deputy Secretary में 18] और [484 नियुक्त BAS(BGO) में 57] लोग मुसलमान हैं।
बिहार में कुल 426 सरकारी डॉक्टर नियुक्त है जिसमे सिर्फ 38 मुसलमान हैं, हालाकि राज्य में एक मुस्लिम अल्पसंख्यक आधारित कटिहार मेडिकल कॉलेज स्थापित होने की वजह से मुस्लिम डॉक्टरों की संख्या में अच्छी बढत हुई है ।
पद पे नियुक्त 38 District Education Officer (DEO) में से 05 एवं 38 DPO में से 02 मुसलमान हैं ।
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अगर हम बिहार सरकार के महत्वपूर्ण आयोग / समिति / निकाय की बात करें जैसे की बिहार राज्य सूचना आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, बिहार भूमि न्यायधिकरण, बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद, महिला विकास निगम, बिहार विधुत वितरण, विधुत उत्पादन, बिहार राज्य उधयोगिक विकास निगम, बिहार राज्य वित्य निगम, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम, बिहार राज्य रोड डिवेलप्मेंट कॉर्परेशन,बिहार राज्य आवास बोर्ड, राज्य स्वास्थ सुरक्षा समिति, बिहार कौशल विकास निगम, राज्य वन विकास निगम, बिहार वानिकी विकास निगम, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग, बिहार विकास मिशन, बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति एवं कई अन्य ऐसे और भी आयोग/ समिति/ निकाय है जिनमे एक भी मुसलमान अधिकारी या माननिये सदस्य पदास्थापित नहीं है।
बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार राज्य स्वास्थ समिति, बिहार मानवाधिकार आयोग, राज्य कर्मचारी चयन आयोग में सिर्फ़ 01- 01 मुसलमान सदस्य या अधिकारी पदास्थापित हैं, हालाकि अल्पसंख्यक या उर्दू भाषा से जुड़े आयोग/ समिति/ निकाय जैसे की अल्पसंख्यक आयोग, हज समिति, वक़्फ़ बोर्ड, मदरसा बोर्ड, राज्य उर्दू अकैडमी में मुसलमान अधिकारी या सदस्य मौजूद हैं लेकिन ज़्यादातर मुसलमानों से जुड़े आयोग/ समिति/निकाय के चेयरमैन की जगह वर्षों से ख़ाली है।
यह एक आश्चर्यचकित जानकारी है कि मीणा जाती के लोग जो बिहार में नहीं पाए जाते हैं, उनका प्रतिनिधित्व बिहार प्रशासन के मुख्य पोस्ट में यहाँ के 02 Crore मुस्लिम आबादी वाले समाज से कहीं ज़्यादा है।
बात दो टूक : बिहार प्रशासन में मुसलमानों का तेज़ी से गिरता हुआ आंकरा बहुत चिंताजनक है।
इस रिपोर्ट से जुड़े किसी भी तरह की जानकारी या सवाल के लिए आप mail@watanwikas.org पे मेल कर सकते हैं।
पद पे नियुक्त 38 District Education Officer (DEO) में से 05 एवं 38 DPO में से 02 मुसलमान हैं ।
Chart- Table [watanwikas.org] |
अगर हम बिहार सरकार के महत्वपूर्ण आयोग / समिति / निकाय की बात करें जैसे की बिहार राज्य सूचना आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, बिहार भूमि न्यायधिकरण, बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद, महिला विकास निगम, बिहार विधुत वितरण, विधुत उत्पादन, बिहार राज्य उधयोगिक विकास निगम, बिहार राज्य वित्य निगम, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम, बिहार राज्य रोड डिवेलप्मेंट कॉर्परेशन,बिहार राज्य आवास बोर्ड, राज्य स्वास्थ सुरक्षा समिति, बिहार कौशल विकास निगम, राज्य वन विकास निगम, बिहार वानिकी विकास निगम, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग, बिहार विकास मिशन, बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति एवं कई अन्य ऐसे और भी आयोग/ समिति/ निकाय है जिनमे एक भी मुसलमान अधिकारी या माननिये सदस्य पदास्थापित नहीं है।
बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार राज्य स्वास्थ समिति, बिहार मानवाधिकार आयोग, राज्य कर्मचारी चयन आयोग में सिर्फ़ 01- 01 मुसलमान सदस्य या अधिकारी पदास्थापित हैं, हालाकि अल्पसंख्यक या उर्दू भाषा से जुड़े आयोग/ समिति/ निकाय जैसे की अल्पसंख्यक आयोग, हज समिति, वक़्फ़ बोर्ड, मदरसा बोर्ड, राज्य उर्दू अकैडमी में मुसलमान अधिकारी या सदस्य मौजूद हैं लेकिन ज़्यादातर मुसलमानों से जुड़े आयोग/ समिति/निकाय के चेयरमैन की जगह वर्षों से ख़ाली है।
यह एक आश्चर्यचकित जानकारी है कि मीणा जाती के लोग जो बिहार में नहीं पाए जाते हैं, उनका प्रतिनिधित्व बिहार प्रशासन के मुख्य पोस्ट में यहाँ के 02 Crore मुस्लिम आबादी वाले समाज से कहीं ज़्यादा है।
बात दो टूक : बिहार प्रशासन में मुसलमानों का तेज़ी से गिरता हुआ आंकरा बहुत चिंताजनक है।
इस रिपोर्ट से जुड़े किसी भी तरह की जानकारी या सवाल के लिए आप mail@watanwikas.org पे मेल कर सकते हैं।
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Patna: Senior Advocate, Patna High Court & President Watan Wikas Org Anzarul Haque Sahara demand in Press Conference at patna to classify Pasmanda Muslim into Maha Dalit, Shaikh & Khan to OBC 1 in Bihar. State Bihar constitutes more than 01 crore population of Shaikh & Khans.
In His Press Release, he further said that
Forward Muslim: Bihar Muslims constitute 17% of the total population which comes to One Crore 90 lakh population as per 2015 NSSO estimation. Out of this population 64% Muslims are in forwards class of which 80% are only Shaikh and then the Khan comes next. These forward caste of Muslim Community is totally debarred from all resources and opportunities and are getting no benefit either in Welfare Scheme or in Government jobs and services. And are completely ousted from the main stream in Bihar. The "Shaikh" and "Khan" caste alone constitutes 60% (more than 01 Crore ) population out of total Muslims in Bihar but due to state ap…
In His Press Release, he further said that
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बिहार के मुसलमान और उनकी सामाजिक स्तिथी: एक रिपोर्ट (विश्लेषण)
भारत के संविधान ने प्रत्येक भारतीय नागरिक को उनकी जाति और धर्म के आधार पर विभिन्न वर्गों में विभाजित किया है। मोटे तौर पर भारतीय जनसंख्या पाँच वर्गों में विभाजित है। एक फॉरवर्ड क्लास है, जिसमें सभी धार्मिक समुदायों से कुछ कुछ जातियाँ शामिल की गई हैं जिनकी आबादी उनके अपने धर्म में 10-15 % की है लेकिन मुस्लिम समुदाए के जिन जातियों को इस स्वर्ण वर्ग में शामिल किया गया है उनकी अपने धर्म में 64 % की आबादी है जिसे हर दृष्टिकोण से सम्पन्न समझा जाता है और उन्हें सरकार से कोई लाभ नहीं मिलना है, हालाँकि हमारे पीएम श्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी २०१९ को आर्थिक आधार पर इस श्रेणी को 10% आरक्षण केंद्र सरकार की नौकरियों में देने की घोषणा की है, लेकिन इसे केवल चुनावी इंजीनियरिंग ही माना जा रहा है। हमारी सोसाइटी की दूसरी श्रेणी को पिछड़ा वर्ग के रूप में जाना जाता है जिसे आगे OBC-1 और OBC-2 में विभाजित किया गया है और पिछड़े वर्ग की इन दो श्रेणियों के तहत सूचीबद्ध विभिन्न जातियों को अलग-अलग धार्मिक समूहों से लिया गया है जिसमें मुस्लिम समुदाए के …
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