बिहार: पुलिस हिरासत में दो मुस्लिम युवकों की मौत कैसे हुई
बिहार के सीतामढ़ी में पुलिस हिरासत में दो मुस्लिम युवकों की 'प्रताड़ना' से मौत का मामला सामने आया है. इन दोनों को लूट और हत्या के आरोप में पकड़ा गया था.
मृतकों के परिवार ने दोनों को हिरासत में प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि प्रताड़ना के चलते ही दोनों की मौत हुई है. हालांकि, पुलिस इसे हत्या नहीं बता रही है. इस मामले में एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है.
बिहार पुलिस महानिदेशक गुप्तेशवर पांडे ने बीबीसी को बताया, ''दो अभियुक्तों को पकड़कर पुलिस हिरासत में रखा गया था. उनकी मौत हो गई है. उनके परिजनों का आरोप है कि प्रताड़ना के कारण इनकी मौत हुई है. उनका पोस्टमॉर्टम कराया गया है और मेडिकल बोर्ड बैठाया गया है.''
पुलिस महानिदेशक ने कहा, ''इस मामले में थाना इंचार्ज समेत पांच पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है. हत्या का मुक़दमा दर्ज हुआ है. पांचों पुलिसकर्मी फ़रार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) बनाई गई है. पांचों को निलंबित कर दिया गया है.''
मीडिया रिपोर्ट्स में मृतकों गुफ़रान आलम और तस्लीम अंसारी के शरीर पर कील ठोके जाने के निशान मिले हैं. उनके परिजन इन निशानों पर सवाल उठा रहे हैं.
परिजनों ने वीडियो और तस्वीरों के जरिए मृतकों के शरीर पर चोटों के निशान पुलिस को दिखाए. इसके बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है.
चोरी और हत्या का आरोप
गुफ़रान और तस्लीम को 6 मार्च को रमदीहा गांव से बाइक चोरी और अपने मकान मालिक की हत्या के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. तस्लीम पर पहले से ही आपराधिक मामले दर्ज हैं लेकिन गुफ़रान का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं बताया जा रहा है.
गुफ़रान के पिता मुनव्वर अली ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है, ''जब हम सोए हुए थे तो स्थानीय चाकिया पुलिस स्टेशन से पुलिस की पांच जीप आईं. उन्होंने कहा कि वो एक मामले में गुफ़रान से पूछताछ करना चाहते हैं. हम कुछ पूछ पाते इससे पहले ही वो गुफ़रान को ले गए और बाद में गांव के ही उसके साथी तस्लीम को भी ले गए.''
हिरासत के दिन ही मौत
गुफ़रान और तस्लीम के परिजनों ने मीडिया में बताया है कि जब वो 6 मार्च की शाम को दुमरा पुलिस स्टेशन पहुंचे तो गुफ़रान और तस्लीम वहां नहीं थे. परिजनों को सदर अस्पताल भेज दिया गया. जहां उन्हें बताया गया कि दोनों की मौत हो चुकी है और उनका पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है.
जब शवों को दफ़नाने के लिए साफ़ किया जा रहा था तब परिजनों को उनके शरीर पर चोट के निशान दिखे और उन्होंने उसका वीडियो बना लिया.
गुफ़रान क़तर में इलैक्ट्रिशियन का काम करते थे और एक साल पहले ही भारत लौटे हैं. वह दोहा जाना चाहते थे जहां उनके दो भाई काम करते हैं. उनके दो बच्चे भी हैं. परिवार ने 50 लाख मुआवज़े और गुफ़रान की पत्नी के लिए नौकरी की मांग की है.
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