9/11 से पहले 80 फ़ीसदी हमले ग़ैर-मुस्लिम चरमपंथी करते थे: इमरान ख़ान - उर्दू प्रेस रिव्यू
पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते पाकिस्तान में बढ़ती महँगाई, ओआईसी सम्मेलन, सैन्य ख़र्च में कटौती आदि से जुड़ी ख़बरें सुर्ख़ियों में रहीं.
सबसे पहले बात मक्का में आयोजित इस्लामी देशों के समूह ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कंट्रीज़ यानी ओआईसी के मुखियाओं की 14वीं इस्लामिक कॉन्फ़्रेंस की.
ओआईसी की बैठक को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि भारत प्रशासित कश्मीर और फ़लस्तीन की आज़ादी के जायज़ संघर्ष को दहशतगर्दी नहीं कहा जा सकता.
पाकिस्तान के सारे अख़बारों ने इमरान ख़ान के भाषण को पहले पन्ने पर जगह दी और कई अख़बारों ने तो इमरान ख़ान की पूरी तक़रीर को ही छाप दिया.
अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार इमरान ख़ान का कहना था, ''9/11 के बाद कश्मीर और फ़लस्तीन की जायज़ जद्दोजहद को इस्लामी अतिवाद और दहशतगर्दी से जोड़ दिया गया हालांकि 9/11 से पहले 80 फ़ीसदी से ज़्यादा आत्मघाती हमले ग़ैर-मुस्लिम चरमपंथी करते थे. तमिल छापामारों के हमले को तो किसी ने हिंदू मज़हब से नहीं जोड़ा क्योंकि ये भी एक राजनीतिक लड़ाई थी.''
अख़बार के अनुसार इमरान ख़ान ने इस अवसर पर पश्चिमी देशों की आलोचना करते हुए कहा कि वह अभी तक इस्लाम की ग़लत छवि को पेश करता रहा है.
उन्होंने ओआईसी की भी आलोचना की. इमरान ने कहा कि अगर कोई इस्लाम के आख़िरी पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद का अपमान करता है तो यह हमारी नाकामी है.
इमरान ने कहा कि मुसलमानों के विश्वस्तरीय फ़ोरम के तौर पर ओआईसी को मुसलमानों के अधिकार और उनकी धार्मिक भावनाओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी किरदार अदा करना चाहिए.
इमरान के इस भाषण की पाकिस्तानी मीडिया में जमकर तारीफ़ हुई.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की सलाहकार फ़िरदौस आशिक़ आवान ने कहा कि इमरान ख़ान फ़लस्तीन और कश्मीर के वकील बनकर उभरे हैं.
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इमरान का मोदी को ख़त
अब बात इमरान ख़ान के ख़त की. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ख़त लिखा है.
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार इमरान ख़ान ने मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने पर मुबारकबाद देते हुए कहा कि पाकिस्तान, कश्मीर समेत भारत के साथ सभी मामलों पर बातचीत करना चाहता है. इमरान ख़ान ने कहा कि बातचीत करके ही दोनों देशों से ग़रीबी दूर की जा सकती है.
अख़बार जंग के अनुसार, इमरान ख़ान ने मोदी को ख़त लिखकर भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता शुरू करने की इच्छा ज़ाहिर की है लेकिन भारत ने साफ़ कहा है कि फ़िलहाल इमरान और मोदी की मुलाक़ात या भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है.
अख़बार के अनुसार पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने भी अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर को ख़त लिखकर बातचीत की ख़्वाहिश ज़ाहिर की है.
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पाकिस्तानी सेना ने की अपने ख़र्च में कटौती
इमरान ख़ान ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी कि पाकिस्तानी सेना ने अपनी मर्ज़ी से इस साल अपने रक्षा बजट में कटौती की घोषणा की है.
अख़बार दुनिया ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल जावेद क़मर बाजवा के हवाले से कहा है कि ख़र्च में कटौती के फ़ैसले से सैन्य क्षमता में कोई कमी नहीं आएगी.
वहीं अख़बार नवा-ए-वक़्त ने लिखा है कि सेना प्रमुख ने ईद सीमा पर तैनात जवानों के साथ मनाई. अख़बार के अनुसार इस मौक़े पर सेना प्रमुख ने कहा कि ख़र्च में कटौती का फ़ैसला कर सेना ने कोई एहसान नहीं किया है. उनके अनुसार हर तरह के हालात में सेना देश के साथ खड़ी है.
अख़बार जंग के अनुसार पाकिस्तान के इस फ़ैसले के जवाब में भारत ने उल्टी प्रतिक्रिया दी है. अख़बार के अनुसार भारत ने इसराइल से छह अरब 46 करोड़ रुपए का रक्षा सौदा किया है.
बढ़ती महंगाई से बेहाल
पाकिस्तान में महंगाई हर रोज़ बढ़ती जा रही है और इस पर क़ाबू पाने के कोई आसार भी नहीं दिख रहे हैं.
अख़बार दुनिया के अनुसार विपक्षी पार्टी मुस्लिम लीग (नवाज़ गुट) ने कहा है कि महंगाई के ख़िलाफ़ वो लोग सड़क़ों पर होंगे और इसके नतीजे में अगर सरकार गिरानी हुई तो उसे भी गिरा देंगे.
पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद ख़ाक़ान अब्बासी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि इस सरकार के दौरान महंगाई में 92 फ़ीसदी बढ़ोत्तरी हुई है.
उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार का दावा था कि सरकारी ख़र्च में कटौती की जा रही है लेकिन अब समझ में आ रहा है कि भैंसे और गाड़ियां बेचने से सरकारी ख़र्च में कटौती नहीं होती है.
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