कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने पर बोली महबूबा मुफ़्ती, 'भारत ने जिन्न को बोतल से बाहर निकाल दिया है

कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने पर बोली महबूबा मुफ़्ती, 'भारत ने जिन्न को बोतल से बाहर निकाल दिया है': BBC EXCLUSIVE


महबूबा मुफ़्तीइमेज कॉपीरइटEPA

भारत सरकार के संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करके कश्मीर का विशेषाधिकार समाप्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती का कहना है कि भारत ने जिस जिन्न को बोतल से निकाल दिया है उसे वापस डालना बहुत मुश्किल होगा. पढ़िए ये ख़ास बातचीत.

आपकी इस फ़ैसले पर पहली प्रतिक्रिया क्या है?

मैं हैरान हूं. मैं समझ नहीं पा रही हूं कि क्या कहूं. मुझे झटका लगा है. मुझे लगता है कि आज भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है. हम कश्मीर के लोग, हमारे नेता, जिन्होंने दो राष्ट्रों की थ्योरी को नकारा और बड़ी उम्मीदों और विश्वास के साथ भारत के साथ गए, वो पाकिस्तान की जगह भारत को चुनने में ग़लत थे.
संसद भारतीय लोकतंत्र का मंदिर है लेकिन उसने भी हमारी उम्मीदों को तोड़ा है. ऐसा लग रहा है कि वो कश्मीर की ज़मीन तो चाहते हैं लेकिन कश्मीरी लोगों की उन्हें कोई चिंता नहीं है.
वो लोग जो न्याय के लिए संयुक्त राष्ट्र जाते थे सही साबित हुए हैं और हम जैसे लोग जिन्हें बारत के संविधान में विश्वास ता ग़लत साबित हुए हैं. हमें उसी देश ने निराश किया है जिसके साथ हम जुड़े थे.
मैं बहुत ज़्यादा हैरान हूं और नहीं जानती की क्या कहूं और कैसे कहूं. इस एकतरफ़ा फ़ैसले के इस पूरे उपमहाद्वीप के लिए बहुत व्यापक परिणाम होंगे. आप जानते हैं इससे बहुत ज़्यादा नुक़सान होगा. मैं सच में नहीं जानती की क्या कहूं.

संविधान के अनुच्छेत 370 को समाप्त करने के पीछे उनका असली मक़सद क्या है? वो कश्मीर घाटी में करना क्या चाहते हैं?

इसमें कोई शक़ नहीं है कि ये किसी बड़े षडयंत्र का हिस्सा है. वो कश्मीर में जनसांख्यिकीय बदलाव करना चाहते हैं. जम्मू-कश्मीर मुसलमान बहुल राज्य है.
कश्मीर ने धर्म के आधार पर बंटवारे को नकार दिया था. ऐसा लग रहा है कि आज उन्होंने राज्य को फिर से धार्मिक आधार पर बांट दिया है. केंद्र शासित प्रदेश की व्यवस्था से एक और बंटवारा कर दिया गया है.
ये बिलकुल स्पष्ट है कि वो सिर्फ़ ज़मीन क़ब्ज़ाना चाहते हैं. वो इस मुस्लिम बहुल राज्य को किसी भी अन्य राज्य की तरह बनाना चाहते हैं. वो हमें अल्पसंख्यक बनाकर हर तरह से कमज़ोर करना चाहते हैं.

इलाहाबाद में जश्नइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
Image captionइलाहाबाद में जश्न मनाते भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता

कश्मी के लोग किस तरह से प्रतिक्रिया देंगे, कश्मीर घाटी को परिभाषित करने वाली कश्मीरियत का अब आप क्या भविष्य देखती हैं?
ये कश्मीरियत पर, कश्मीर के हर मुद्दे पर हमला है. कश्मीरी क्या करेंगे? कश्मीर को एक खुली जेल बना दिया गया है. पहले से ही जो सैन्य बल थे उनके अलावा भारी तादाद में अतिरिक्त सैन्यबल भेजे गए हैं. हमारा मतभेद और विरोध का अधिकार भी हमसे छीन लिया गया है. कश्मीर को जो विशेष अधिकार मिला था, वो कोई ऐसी चीज़ नहीं थी जो हमें तोहफ़े में दी गई थी बल्कि ये संवैधानिक गारंटी थी जो कश्मीर को लोगों को भारत की संसद ने दी थी. ये सब संवैधानिक था.
उन्होंने कश्मीरियों को और दूर कर दिया गया है. ये कश्मीर को गज़ा पट्टी जैसा बनाने का षडयंत्र है. जो इसराइल गज़ा में कर रहा है वो यहां कश्मीर में कर रहे हैं. लेकिन वो कामयाब नहीं होंगे. आप देखिए अमरीका को वियतनाम को छोड़ना पड़ा. हम जैसे लोग जो भारत सरकार का समर्थन कर रहे थे, जिन्हें भारत में विश्वास था उन्हें भी किनारे लगा दिया गया है. ऐसे में सिर्फ़ घाटी के लिए ही नहीं बल्कि देश और पूरे उपमहाद्वीप के लिए भविष्य बहुत बेरंग होने वाला है.

संसद के बाहर पीडीपी का प्रदर्शनइमेज कॉपीरइटEPA
Image captionसंसद के बाहर प्रदर्शन करते पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद

क्या इससे भारत के मुसलमान और अलग-थलग होंगे. क्या जो कश्मीर में किया जा रहा है वो भारत की मुसलमान आबादी के साथ भी किया जाएगा?

इससे सिर्फ़ भारतीय मुसलमान और अलग थलग ही नहीं होंगे बल्कि उनमें और ज़्यादा डर बैठेगा. भारतीय मुसलमानों को हर बात माननी होगी अन्यथा उनके पास जो भी सम्मान बचा है वो भी छीन लिया जाएगा. एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से लिंचिंग की कितनी घटनाएं हो ही चुकी हैं. जम्मू-कश्मीर भारत का एकमात्र मुसलमान बहुल प्रदेश है, शुरुआत यहां से कर दी गई है.
उन्होंने भारतीय मुसलमानों को दूसरी श्रेणी का नागरिक बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जब मुसलमान बहुल प्रांत के लोगों से ही मतभेद का अधिकार ले लिया गया है, अपनी राय जाहिर करने का अधिकार ले लिया गया है. मुझे लगता है कि भारतीय मुसलमान हमसे ज़्यादा कमज़ोर स्थिति में है. मैं नहीं जानती वो क्या करेंगे.
मुझे लगता है कि वो मुसलमान मुक्त भारत बनाना चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने ये प्रक्रिया जम्मू-कश्मीर से शुरू की है. कश्मीर भारत के साथ शर्तों के तहत जुड़ा था. ये शर्तें ही ख़त्म कर दी गई हैं. लेकिन ये सिर्फ़ भारतीय मुसलमानों के लिए ही मुश्किल वक़्त नहीं होगा.
उन्होंने जिन्न को बोतल से निकाल दिया है. लेकिन वो नहीं जानते कि इसे दोबारा बोतल में कैसे डाला जाएगा. आप जानते हैं कि कैसे मुसलिम आतंकवाद शुरू हुआ और अब कोई नहीं जानता कि उस जिन्न को बोतल में कैसे डाला जाए. यही अब हमारे देश में होने वाला है क्योंकि उन्होंने जिन्न को बोतल से निकाल दिया है.

पाकिस्तानी छात्रइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
Image captionपाकिस्तान के हैदराबाद शहर में भारत के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में हिस्सा लेते पाकिस्तानी छात्र

अब बदली हुई परिस्थितियों में आपकी भूमिका क्या होगी? आने वाले समय में आपके नेतृत्व का भविष्य क्या होगा?

मैं इस समय ये महसूस कर रही हूं कि हमें उन्हीं संस्थानों ने धोखा दिया है जिनमें हमने विश्वास जताया था. हमने कश्मीर के अधिकतर लोगों की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ जाकर भारत में भरोसा जताया था.
अब हम क्या करेंगे इस बारे में अभी सोचना भी जल्दबाज़ी होगा. मुझे लगता है कि कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों को, धार्मिक दलों को और अन्य दलों को एकजुट होना होगा और एक साथ मिलकर लड़ना होगा.
इससे कश्मीर का मुद्दा और उलझ गया है. और अब इसका तुरंत समाधान निकालना ही होगा. क्योंकित संवैधानिक रिश्ते को अवैध क़ब्ज़े में बदल दिया गया है.
अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के पास भी मौका है ये देखने का कि कश्मीर में क्या चल रहा है.
कश्मीर अब अवैध क़ब्ज़े में है और हम देखेंगे कि हमें क्या करना है.

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