पटना के जलजमाव पर बोले नीतीश कुमार, 'नेचर किसी के हाथ में नहीं, लोगों को हौसला बुलंद रखना चाहिए
भारी बारिश के कारण बिहार की राजधानी पटना में हर जगह जल जमाव की स्थिति है.
लगातार हो रही बारिश से शहर में इतना जलभराव हो गया है कि शहर के लगभग 80 फीसदी घरों के ग्राउंड फ्लोर में पानी घुस चुका है. अस्पतालों, स्कूलों, सार्वजनिक दफ्तरों, मंत्रियों, नेताओं के घरों में भी पानी है.
पटना में ही मौजूद सहयोगी नीरज सहाय के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे आपदा जैसी स्थिति बताया है.
नीतीश कुमार ने मौजूदा स्थिति पर कहा, "लोगों को भी अपना मन और हौसला थोड़ा बुलंद रखना चाहिए. नेचर किसी के हाथ में नहीं है. यहां तक कि मौसम विज्ञान भी सुबह कुछ कहता है और दोपहर तक बात बदल जाती है. ऐसी परिस्थिति में हिम्मत से काम लेने की ज़रूरत है."
बिहार के मुख्यमंत्री ने ये भी बताया है कि यदि दक्षिण में पुनपुन नदी का जलस्तर बढ़ गया तो दिक़्क़त और बढ़ सकती है.
हालांकि, उन्होंने ये भी बताया कि सरकार अपनी ओर से हर संभव कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, "हर जगह आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस-प्रशासन तंत्र सब एकजुट होकर लगे हुए हैं. पटना में जल जमाव वाले इलाकों में पेयजल और दूध की आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है. सूखा पड़ने के बाद अब अचानक ऐसी स्थिति बन गई है. पीड़ितों की हर संभव सहायता की जा रही है. कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की जा रही है. "
उधर पटना में सड़कों पर नाव चलने लगी है और बचावकर्मी नाव के ज़रिए बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं.
हजारों लोग अपने घरों के भीतर ही पानी में फंस गए हैं. कई इलाकों की बिजली गुल है. कई जगहों पर पीने के पानी और खाने की भी भारी कमी हो रही है.
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार पूरे राज्य में इस वक्त दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सक्रिय है.
वैसे तो बीते कई दिनों से बारिश पूरे राज्य में हो रही है, लेकिन राजधानी पटना में पिछले 48 घंटे के दौरान जितनी बारिश (300 मीमी से अधिक) हुई है, उतनी पिछले 10 सालों के रिकॉर्ड में कभी नहीं हुई. गुरुवार से शुरू हुई बारिश खबर लिखे जाने तक भी लगातार जारी है.
मौसम विभाग की ओर से शनिवार की रात 9:00 बजे जारी पूर्वानुमान के मुताबिक अगले 48 घंटों के दौरान भी पटना समेत बिहार के 15 जिलों में अति वृष्टि की संभावना है.
लगातार बारिश को देखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन और आपदा विभाग ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. लोगों को घरों से नहीं निकलने की सलाह दी जा रही है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टुकड़ियां भी राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं.
पटना के डीएम कुमार रवि ने अगले आदेश तक सभी स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग और परीक्षाओं को बंद रखने को कहा है. उन्होंने बीबीसी को बताया कि बारिश के कारण शहर के निचले इलाके ज्यादा प्रभावित हैं.
राहत और बचाव कार्य के लिए छह क्विक रिस्पांस टीमें काम कर रही हैं. कंट्रोल रूम को 24 घंटे खुला रखने को कहा गया है.
डीएम का कहना है, "बारिश रुकेगी तो राहत और बचाव कार्यों में गति आ सकेगी और जानोमाल के नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकेगा. जिन इलाकों में पानी ज्यादा भर गया है, वहां से लोगों को बाहर निकालने की कोशिश होगी. मगर बारिश लगातार हो ही रही है, पानी बढ़ता ही जा रहा है. "
भारी बारिश के कारण बिहार में रेल यातायात और उड़ान सेवाएं भी बुरी तरह बाधित हुई हैं. पूर्व-मध्य रेलवे ने रेलट्रैक पर पानी जमा हो जाने के कारण पैसेंजर और एक्सप्रेस समेत 19 ट्रेनें रद्द कर दी हैं, कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट कर दिए गए हैं. एक उड़ान भी रद्द की गई है, जबकि दो उड़ानों के रूट डायवर्ट करने पड़े हैं.
पानी से घिरे पटना शहर की कई तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. लोग शहर की लचर ड्रेनेज व्यवस्था को कोस रहे हैं. सोशल मीडिया पर कई पटना नगर निगम को "पटना नर्क निगम" की संज्ञा दे रहे हैं.
रविवार को पटना के राजेंद्र नगर इलाके से एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें अपने घरों की छत से लोग एक रिक्शेवाले का वीडियो बना रहे थे. रिक्शेवाला व्यक्ति सीने भर पानी में डूबकर रिक्शा खींच कर ले जा रहा था और रो रहा था.
वीडियो में लोग उस रिक्शेवाले से कह रहे हैं कि वह अपना रिक्शा छोड़ कर चला जाए, लेकिन वो अपनी अमानत के मोह में रिक्शा खींचना नहीं छोड़ता है.
इसी तरह शहर के एक बड़े अस्पताल एनएमसीएच के ग्राउंड फ्लोर के कई वार्डों में पानी घुस गया है.
कई कमरों में मरीज़ों के बेड तक पानी आ गया है जिस कारण मरीजों को ऊपर के वार्डों में शिफ्ट करने का काम चल रहा है.
सोशल मीडिया पर रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर भी वायरल हो रही थी. तस्वीर में वो अपने आवास की बालकनी से छाता लेकर बारिश देखते नजर आ रहे थे.
रविवार को मुख्यमंत्री ने आपदा विभाग की बैठक बुलाकर पूरे राज्य के हालात का जायज़ा लिया. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के दिशा-निर्देश दिए.
मौसम विभाग के पूर्वानुमानों के मुताबिक़ फिलहाल मौसम साफ होने के कोई आसार नहीं हैं.
सोमवार और मंगलवार को भी भारी बारिश की चेतावनी है. अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो संभव है कि यहां सेना को मदद की ज़रूरत पड़े.
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