नरेंद्र मोदी का बयान बेहद आक्रामक था: ट्रंप
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के बीच सोमवार को न्यूयॉर्क में मुलाकात हुई. मुलाकात से पहले ट्रंप और इमरान ख़ान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कुछ सवालों के जवाब दिए.
एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हुए हाउडी मोदी कार्यक्रम में 59 हज़ार लोगों के सामने बहुत ही आक्रामक बयान दिया था.
उन्होंने कहा, "भारत और प्रधानमंत्री मोदी की ओर से कल बहुत एग्रेसिव बयान सुना और मैं वहीं मौजूद था. मुझे नहीं पता था कि मुझे ये बयान सुनने को मिलेगा. वहाँ मौजूद लोगों को ये बयान अच्छा लगा लेकिन ये बहुत ही आक्रामक था."
नरेंद्र मोदी ने रविवार को ह्यूस्टन में हुए हाउडी मोदी कार्यक्रम में पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा था कि "भारत के फैसलों (कश्मीर पर) से उन्हें दिक्कत है, जिनसे अपना देश नहीं संभल रहा. ये वो हैं जो चरमपंथ को पालते-पोसते हैं."
ट्रंप ने कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान और भारत साथ आएंगे और कुछ ऐसा करेंगे जो दोनों के लिए अच्छा हो. और वो मानते हैं कि हर चीज़ का हल होता है और इसका भी हल होगा.
'मध्यस्थता के लिए तैयार हूं'
डोनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि अगर भारत और पाकिस्तान दोनों कहेंगे तो वो कश्मीर के मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा, "अगर मुझे मध्यस्थता के लिए कहा जाएगा, तो मैं तैयार हूं, करना चाहता हूं और करने में सक्षम हूं. ये पेचीदा मामला है. ये मामला लंबे वक्त से चल रहा है. अगर दोनों चाहेंगे तो मैं मध्यस्थता के लिए तैयार हूं. लेकिन भारत का तैयार होना भी ज़रूरी."
जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या वो कश्मीर में बनी मानवाधिकार की स्थिति से चिंतित हैं? तो उन्होंने कहा कि "हां. मैं चाहता हूं कि सबकुछ ठीक हो जाए और सब लोगों के साथ अच्छे से व्यवहार किया जाए."
ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान ने चरमपंथ से निपटने में प्रगति की है. उन्होंने कहा कि इमरान ख़ान इस मामले में प्रगति करना चाहते हैं. "इसका कोई दूसरा हल नहीं है. दूसरी ओर सिर्फ़ कर्ज़ और गरीबी है."
ट्रंप से इमरान की अपेक्षाएं
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि डोनल्ड ट्रंप दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश का नेतृत्व करते हैं.
उन्होंने कहा, "दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश का एक दायित्व भी होता है. आपने मध्यस्थता की पेशकश की थी और आपने ये भी कहा था कि इसके लिए दोनों देश तैयार होने चाहिए. लेकिन दुर्भाग्य से भारत हमसे बात करने से इनकार कर रहा है. इस स्थिति में मुझे लगता है कि ये एक बड़े संकट की शुरुआत है."
इमरान ख़ान ने कहा, "मुझे ईमानदारी से लगता है कि कश्मीर का ये संकट बहुत बड़ा होने वाला है. अमरीका सबसे शक्तिशाली देश है और वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को प्रभावित कर सकता है. इसलिए हम चाहते हैं कि अमरीका इस मुद्दे को उठाए."
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान दोनों ही संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमरीका में हैं.
इमरान खान इससे पहले कह चुके हैं कि वो संयुक्त राष्ट्र के नेताओं के सामने कश्मीर का मसला उठाएंगे.
बाद में शाह महमूद कुरैशी क्या बोले
इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी पत्रकारों से बात की.
उन्होंने कहा कि ये मुलाकात पहले से तय थी और इस मुलाकात में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने तीन मुद्दों पर बात की और दो टूक बात की.
उन्होंने कहा, "कश्मीर, अफगानिस्तान और ईरान के मुद्दे पर बात हुई. कश्मीर के हालात पर प्रधानमंत्री ने खुलकर राष्ट्रपति ट्रंप से बात की. इमरान ख़ानन ने साफ तौर पर कहा कि एक मानवीय संकट खड़ा हो चुका है. 80 लाख लोग एक खुली जेल में हैं और उनके जितने बुनियादी हक हैं, खत्म हो गए हैं. हालात बहुत बिगड़ चुके हैं."
कुरैशी ने कहा, "उन्होंने ये भी कह दिया कि अगर भारत किसी की सुनेगा तो वो अमरीका है और अमरीका को अपना किरदार अदा करना चाहिए. उनके दिमाग में इस चीज़ को लेकर शक नहीं है कि दोनों के आगे आने से मसला हल होगा. अगल मसला हल करना है और वहां खून खराबे से बचना है, तो फिर अमरीका को या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अपना किरदार अदा करना होगा. इमरान खान ने साफ तौर पर राष्ट्रपति ट्रंप को ये पेगाम दिया."
उनके मुताबिक ईरान के मुद्दे पर भी बात हुई और प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि बगैर सोचे समझे ईरान पर कोई कार्रवाई की जाती है तो इसका भयानक असर होगा.
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