मॉब लिंचिग पर पीएम मोदी को पत्र लिखने वालों पर देशद्रोह की शिकायत 'बेबुनियाद और निराधार'
भीड़ के हाथों होने वाली हिंसा यानी मॉब लिंचिग के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी के नाम चिट्ठी लिखने वाली 49 जानी-मानी हस्तियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराने वाले सुधीर कुमार ओझा के ख़िलाफ़ बिहार पुलिस अब एक्शन लेगी.
मुज़फ़्फ़रपुर सीजेएम कोर्ट से मिले आदेश के बाद इन 49 हस्तियों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही पुलिस ने शिकायत को 'बेबुनियाद और निराधार' बताया है.
इतिहासकार रामचंद्र गुहा, फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप, मणि रत्नम, श्याम बेनेगल, अभिनेत्री अपर्णा सेन और गायिका सुधा मुद्गल जैसी नामचीन हस्तियों की वजह से यह मामला सुर्ख़ियों में आ गया था.
मुज़फ़्फ़रपुर के सीनियर एसपी मनोज कुशवाहा ने इस मामले की छानबीन की है.
उन्होंने बीबीसी को बताया, "जांच में याचिकाकर्ता सुधीर कुमार ओझा की तरफ से अपनी ही शिकायत के पक्ष में जरूरी साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए गए. पुलिस द्वारा बेहद गंभीरता से मामले का अनुसंधान किया गया और हमने पाया कि ओझा की शिकायत तथ्यहीन, आधारहीन, साक्ष्यविहीन और दुर्भावनापूर्ण है. इसलिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए हम आईपीसी की धारा 211/182 के तहत याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ कार्रवाई की अदालत से मांग करेंगे."
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'सस्ती लोकप्रियता का हथकंडा'
सीनियर एसपी मनोज कुशवाहा ने यह भी कहा कि "इस मामले की जांच करने के क्रम में हमें पता चला कि सुधीर कुमार ओझा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए आदतन ऐसा करते हैं. जिस तरह से यह मामला ग़लत पाया गया, वैसे ही पूर्व में भी उनकी कई शिकायतें ख़ारिज हो चुकी हैं. ऐसे में पुलिस का वक्त बर्बाद होता है. इसलिए भी हम कोर्ट से उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की गुजारिश करेंगे."
मुज़फ़्फ़रपुर की सीजेएम कोर्ट ने ओझा की याचिका पर संज्ञान लेते हुए 18 सितंबर 2019 को पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के लिए दिए अपने आदेश में कहा था कि 11 नवंबर 2019 तक चार्जशीट दायर की जाए.
दूसरी तरफ वकील सुधीर कुमार ओझा का कहना है कि पुलिस को जैसी भी जांच रिपोर्ट या चार्जशीट कोर्ट में जमा करनी है करें. वे अपना पक्ष कोर्ट में रखेंगे.
ओझा ने बीबीसी से कहा "पुलिस को पूरा हक़ है कि वह मेरे ख़िलाफ़ अभियोजन के लिए गुजारिश कोर्ट से करे. मगर हम भी तब अपने अधिकार का पालन करते हुए प्रोटेस्ट याचिका कोर्ट में फ़ाइल करेंगे. पुलिस को मुझ पर कार्रवाई करने का कोई हक़ नहीं है."
पुलिस पर केस दर्ज करने की धमकी
सुधीर कुमार का कहना है, "पुलिस ने मेरे बारे में मीडिया से बात करते हुए मेरे ऊपर ग़लत आरोप लगाया है. पुलिस अधिकारी ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे मेरी छवि खराब हो रही है. मैं मीडिया में छप रही खबरों को आधार बनाकर इन पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराऊंगा."
बड़ी हस्तियों के ख़िलाफ़ बार-बार शिकायत दर्ज कराने की वजह से सुधीर कुमार ओझा पर पहले भी सवाल उठे हैं.
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, रवीना टंडन, सलमान खान और कई अन्य लोगों के ख़िलाफ़ सुधीर कुमार ओझा अब तक कुल 745 बार अदालत में केस कर चुके हैं.
इस बार पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है. पहली बार ये सवाल उठा है कि क्या ओझा ऐसा करके पुलिस और कोर्ट का वक्त बर्बाद करते हैं.
मुज़फ़्फ़रपुर एसएसपी मनोज कुशवाहा कहते हैं, "याचिकाकर्ता होने के नाते कोई भी स्वतंत्र है किसी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराने के लिए. लेकिन हर बार एक ही याचिकाकर्ता एक ही तरह के मामले दर्ज कराता है तो इससे एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि वह आदतन ऐसा कर रहा है."
ये मामला इसलिए भी सुर्खियों में आया था क्योंकि मॉब लिंचिंग को लेकर पीएम को लिखी हस्तियों चिट्ठी चर्चा का विषय बनी थी.
ओझा ने उसी चिट्ठी को आधार बनाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी कि हस्तियों द्वारा उस चिट्ठी को सार्वजनिक करने से देश और प्रधानमंत्री की छवि खराब हुई है. उन्होंने अपनी शिकायत में यह भी कहा था कि इन हस्तियों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए.
वैसे उस चिट्ठी के बाद एक जवाबी चिट्ठी 61 अन्य जानी-मानी हस्तियों की ओर से भी लिखी गई थी जिसमें इसे केंद्र सरकार को बदनाम करने का प्रयास बताया गया था.
जवाबी चिट्ठी लिखने वालों में गीतकार प्रसून जोशी, फ़िल्मकार मधुर भंडारकर, विवेक अग्निहोत्री और नृत्यांगना सोनल मानसिंह जैसी हस्तियां शामिल थीं.
नीरज प्रियदर्शी
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