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कमलेश तिवारी की मां बोलीं, 'मुख्यमंत्री के हाव-भाव हमें ठीक नहीं लगे'


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Image copyrightANIयोगी आदित्यनाथ के साथ कमलेश तिवारी के परिजन
Image captionमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कमलेश तिवारी के परिजन
लखनऊ में हुए कमलेश तिवारी हत्याकांड में पुलिस ने तमाम ऐसे सबूतों के मिलने का दावा किया है जिनसे इस हत्याकांड को अंजाम देने वालों की पहचान हो सके, एसआईटी की टीमें कई राज्यों की पुलिस से भी संपर्क में हैं लेकिन तीन दिन के बाद भी इस मामले में पुलिस कथित तौर पर सिर्फ़ साज़िशकर्ताओं तक ही पहुंच सकी है, हत्या को अंजाम देने वाले अभी भी उसकी पहुंच से दूर हैं.
हालांकि राज्य के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि मुख्य अभियुक्तों की गिरफ़्तारी जल्द ही होगी.
सोमवार को उन्होंने मीडिया को इस बारे में जानकारी दी, "हमारी कई टीमें अलग-अलग जगहों पर लगी हैं और हम हत्या को अंजाम देने वालों के क़रीब तक पहुंच चुके हैं. जल्द ही उनकी गिरफ़्तारी होगी. इस हत्याकांड में मिलने वाले हर सबूत की कड़ी से कड़ी जोड़ने की हम कोशिश में हैं. हर पहलू की जांच की जा रही है. किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है."
डीजीपी ने बताया, "गुजरात एटीएस ने जिन तीन अभियुक्तों को पकड़ा था उन्हें लखनऊ लाकर उनसे पूछताछ की जा रही है. बिजनौर से जिन दो मौलानाओं को गिरफ़्तार किया है, उनसे भी पूछताछ कर रही है."
पुलिस के मुताबिक, अब तक इस घटना से जुड़े सीसीटीवी फ़ुटेज, तमंचा, होटल से बरामद भगवा रंग का कुर्ता जैसे तमाम सबूत मिल चुके हैं जिनसे हमलावरों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.
डीजीपी ने बताया कि यूपी पुलिस अन्य राज्यों जैसे - महाराष्ट्र, गुजरात - इत्यादि के संपर्क में भी है.
सोमवार को यूपी पुलिस ने कमलेश तिवारी हत्याकांड को अंजाम देने वाले दोनों अभियुक्तों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया है.
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Image copyrightKAMLESH TIWARI FBकमलेश तिवारी
आपसी रंज़िश का मामला ?
वहीं कमलेश तिवारी के परिजन बार-बार इस घटना के लिए आपसी रंज़िश के एंगल की ओर इशारा कर रहे हैं.
यही नहीं, घटना के दिन लखनऊ के एसएसपी ने भी सबसे पहले आपसी रंज़िश की वजह से ही हत्या की आशंका जताई थी लेकिन उसके बाद से भी पुलिस की जांच कमलेश तिवारी के पांच साल पुराने बयान और उसके बाद उन्हें मिली धमकी के इर्द-गिर्द चल रही है.
डीजीपी ओपी सिंह ने पहले कहा था कि इसके पीछे आतंकी साज़िश नहीं है लेकिन अब वो किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं.
वहीं इस मामले के तार महाराष्ट्र से भी जुड़ते नज़र आ रहे हैं. नागपुर एटीएस ने सोमवार को सैयद आसिम अली को गिरफ्तार किया है.
बताया जा रहा है कि कमलेश की हत्या करने के बाद एक शूटर ने आसिम से बात की थी. पुलिस इस हत्याकांड में आसिम की मुख्य भूमिका मान रही है.
पुलिस मुरादाबाद, पीलीभीत और शाहजहांपुर में भी अभियुक्तों की तलाशी का अभियान चला रहा है.
Image copyrightSAMIRATMAJ MISHRA/BBCकमलेश तिवारी के परिजन
Image captionकमलेश तिवारी के परिजन

मुख्यमंत्री से मुलाक़ात

इस बीच, रविवार को कमलेश तिवारी के परिवार ने मुख्यमंत्री के बुलावे पर लखनऊ में उनके सरकारी आवास पर मुलाक़ात की.
रविवार की इस मुलाक़ात पर परिजनों ने संतुष्टि जताई थी लेकिन अब परिजनों का आरोप है कि उन्हें मुख्यमंत्री से मिलाने के लिए अधिकारी ज़बरन ले गए.
कमलेश तिवारी की मां कुसुम तिवारी पत्रकारों से यह बताते हुए बेहद ग़ुस्से में थीं.
उनका कहना था, "हमारे यहां इस स्थिति में 13 दिन तक घर से बाहर नहीं निकला जाता है. हमने ये कहा था लेकिन अधिकारी लोग ज़बर्दस्ती करते रहे मुख्यमंत्री के यहां जाने की. मुख्यमंत्री के हाव-भाव हमें ठीक नहीं लगे और न ही हम उनसे मुलाक़ात के बाद संतुष्ट नहीं हैं. संतुष्ट रहते तो इतना क्रोध आपको न दिखता."
इससे पहले कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम तिवारी ने भी पुलिस की जांच से असंतोष जताते हुए एनआईए से इस हत्याकांड की जांच कराने की मांग की थी.
Image copyrightSAMIRATMAJ MISHRA/BBCकमलेश तिवारी का दफ़्तर
Image captionकमलेश तिवारी का दफ़्तर
कमलेश तिवारी की मां ने भी राज्य पुलिस पर अविश्वास जताते हुए किसी सक्षम एजेंसी से जांच की अपील की है.
कमलेश तिवारी की मां शुरू से ही बीजेपी के एक स्थानीय पर कमलेश तिवारी की हत्या का आरोप लगा रही हैं.
दिलचस्प बात ये है कि पुलिस ने अभी तक उस बीजेपी नेता से पूछताछ भी नहीं किया है.
यूपी पुलिस के एक रिटायर्ड अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "पुलिस को जिस तरीक़े से ताबड़तोड़ सबूत मिल रहे हैं, उनके सामान और कपड़े तक मिल चुके हैं और उनकी लोकेशन भी ट्रेस की जा चुकी है, तो सवाल उठता है अब तक इस घटना को अंजाम देने वाले कैसे बचे हुए हैं?"

सोशल मीडिया पर पुलिस सख़्त

वहीं, कमलेश तिवारी की हत्या के बाद से सोशल मीडिया पर कई तरह की अफ़वाहों को देखते हुए पुलिस ने सख़्ती दिखाई है.
सोशल मीडिया पर तथ्यहीन और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली पोस्ट डालने के आरोप में अब तक करीब दो दर्जन मामले दर्ज किए जा चुके हैं और चार लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया है.
Image copyrightSAMIRATMAJ MISHRA/BBCकमलेश तिवारी के घर के बाहर प्रदर्शन
राज्य के डीजीपी ओपी सिंह ने चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया पर साजिश रचने वालों के खिलाफ साक्ष्य जुटाकर उनके ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी.
कमलेश तिवारी के पैतृक गांव, सीतापुर ज़िले के महमूदाबाद क़स्बे में लोगों का तांता लगा हुआ है. इसी छोटे से क़स्बे में कमलेश तिवारी का परिवार रहता है.
उनके यहां आने-जाने वालों की भीड़ और बाबरी मस्जिद-रामजन्म भूमि मामले की सुनवाई को देखते हुए यहां न सिर्फ़ सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दीगई है.
सीतापुर में धारा 144 लगा दी गई है और कमलेश तिवारी के घर पर आने-जाने वालों पर गहन निगरानी रखी जा रही है.
इस बीच, राजधानी लखनऊ में 18 अक्टूबर को हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या ने तीखे तेवरों के लिए चर्चित कई अन्य हिंदू नेताओं को विचलित कर दिया है. अब वे अपनी सुरक्षा को लेकर काफ़ी चिंतित नजर आ रहे हैं.
इनमें से कई नेताओं ने बीजेपी के बड़े नेताओं से संपर्क कर सुरक्षा की सिफ़ारिश कराने को कहा है.

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