राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के होते हुए उद्धव ठाकरे को क्यों नहीं मना पाई बीजेपी
इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES शिव सेना नेता उद्धव ठाकरे का सपना सच होने पर, अब महाराष्ट्र विधानसभा ने भी उस पर मुहर लगा दी है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सदन में बहुमत साबित कर दिया. राजनीति के इस खेल में उन्होंने दो नए दोस्त हासिल किए तो एक पुराना विश्वस्त दोस्त खो भी दिया. राजनीति ना केवल संभावनाओं का खेल है बल्कि बॉलीवुड के शंहशाह शाहरुख ख़ान के फिल्मी संवाद की तरह "हार कर जीतने वाले को बाज़ीगर कहते हैं" भी हैं. अब आप उद्धव ठाकरे को 'बाजीगर' कहें, ' डार्क हॉर्स' कहें या फिर महाराष्ट्र का गौरव माने जाने वाले 'शिवाजी महाराज' से तुलना करने की कोशिश करें. कुछ लोग इसे राजनीतिक चतुराई मानते हैं तो कुछ विश्वासघात, लेकिन इन सब उपमाओं और उदाहरणों से सच फिलहाल बदलने वाला नहीं लगता. बहुत से लोगों ने अभी से सरकार को लेकर उलटी गिनती भी शुरु कर दी होगी, लेकिन अक्सर कहा जाता है कि कौओं के कोसने से बैल नहीं मरा करते. null आपको ये...