प्रसाद सोंच समझ कर लीजिए और खाइये , नहीं तो देखिए ..........

कैसे पकड़ा गया प्रसाद में सायनाइड देने वाला सीरियल किलर

आंध्र पुलिस ने किया सीरियल किलर के खिलाफ़ मामला दर्ज
आंध्र प्रदेश में एक कथित सीरियल किलर पर आरोप है कि वो लोगों को प्रसाद में सायनाइड मिलाकर खिलाता था और उनका सामान भी लूट लेता था. उसके शिकार हुए लोगों में उसके रिश्तेदार, मकान मालिक और उसे क़र्ज़ देने वाले भी शामिल हैं.
आंध्र प्रदेश की पुलिस ने इस संदिग्ध सीरियल किलर पर दस लोगों की हत्याओं के शक़ में मुक़दमे दर्ज किए हैं.
पुलिस को शक़ है कि सिमहाद्री उर्फ़ शिवा ने आंध्र प्रदेश के तीन ज़िलों में बीस महीने के भीतर ये हत्याएं की.
मारे गए दस लोगों में से तीन महिलाएं थीं. इनमें शिवा के रिश्तेदार, मकान मालिक और उसे क़र्ज़ देने वाले भी शामिल हैं.
इनमें से सिर्फ़ चार मौतों को ही संदिग्ध माना गया था और बाकी को सामान्य मौत मान लिया गया था.
पुलिस के मुताबिक शिवा ने हत्याएं करने के लिए सायनाइड का इस्तेमाल किया. उसने प्रसाद में सायनाइड दिया और हत्या का कोई सबूत नहीं छोड़ा पुलिस के मुताबिक हत्या के बाद मरने वालों का सामान भी चुरा लिया गया.
अक्तूबर 2019 में एलूरू थाने में काटी नागाराजू की संदिग्ध मौत का मामला दर्ज किया गया था. इसकी जांच के दौरान अधिक जानकारियां सामने आईं.
पुलिस का कहना है कि एलुरू ज़िले के वेलांकी गांव के रहने वाले सिमहाद्री उर्फ़ शिवा ने आसानी से पैसा हासिल करने के लिए ये हत्याएं की.
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मामले कैसे सामने आए?

काटी नागाराजू के भाई और पुलिस की अपराध जांच शाखा में इंस्पेक्टर श्रीनिवास राव ने बीबीसी को अपने भाई की मौत पर शक़ की वजहें बताईं.
श्रीनिवास राव के मुताबिक उनके भाई ने 16 अक्तूबर को परिवार को बताया था कि वो बैंक में 1 लाख 90 हज़ार रुपए और 40 ग्राम सोना जमा कराने जा रहा है, पर वो वापस घर नहीं लौटा.
श्रीनिवास राव के मुताबिक शिवा ने उनके भाई को एक जादुई सिक्के का लालच दिया था. ये सिक्का चावल को अपनी ओर खींचता है. जब काटी नागाराजू शिवा से मिलने पहुंचे तो उसने उन्हें पूजा का पवित्र प्रसाद खाने को दिया जिसमें सायनाइड मिला था.
श्रीनिवास राव कहते हैं, "प्रसाद खाने के बाद मेरे भाई ने कुछ दूर गाड़ी चलाई और फिर वो सड़क किनारे गिर गया. उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया."
काटी नागाराजू शारीरिक शिक्षा के प्रशिक्षक थे और उन्हें कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं थी.
नागाराजू को बैंक जाना था लेकिन वो एक ऐसे इलाक़े में बेहोश हुए थे जो उस रास्ते में नहीं था. यहीं से शक़ पैदा हुआ.
आंध्र प्रदेश पुलिस
श्रीनिवास राव बताते हैं, उसके शरीर का रंग बदल गया था और उसके पास पैसे भी नहीं थे. शक़ और मज़बूत हुआ तो हमने मुक़दमा दर्ज करा दिया.
श्रीनिवास कहते हैं कि अगर पहली संदिग्ध मौत की ही सही से जांच हो गई होती तो बाक़ी हत्याओं को रोका जा सकता था.
वो कहते हैं, इससे पहले की गईं तीन हत्याओं को आईपीसी की धारा 174 के तहत संदिग्ध मौत के रूप में दर्ज किया गया था लेकिन पुलिस को कोई संदिग्ध नहीं मिल सका.
एलुरु पुलिस ने काटी नागाराजू की मौत की गहन जांच की और हत्याओं के मास्टरमाइंड तक पहुंच गई.
श्रीनिवास रोते हुए कहते हैं, लेकिन मैंने अपना भाई खो दिया.

कैसे हुई हत्याओं की जांच?

पश्चिमी गोदावरी ज़िले के पुलिस अधीक्षक नवदीप सिंह ने बीबीसी से कहा, परिवार की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर जांच की गई.
पुलिस ने नागाराजू के मोबाइल कॉल डाटा और सीसीटीवी फुटेज से जांच शुरू की.
पुलिस ने पाया कि नागाराजू ने शिवा को कई कॉल किए थे और अंतिम कॉल भी उसे ही किया था.
पुलिस ने शिवा को जांच के लिए बुलाया. पड़ताल में पता चला कि उसने बीते बीस माह में नौ और हत्याएं की हैं.
सिमहाद्री उर्फ़ शिवा प्रसाद में साइनाइड मिलाता था और उसे अपने शिकार को खिला देता था.
पुलिस ने बताया कि मारे गए लोगों के परिवारों को लगता कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था और वो हत्या को प्राकृतिक मौत मान लेते और मुक़दमा दर्ज नहीं करते. और शिवा एक के बाद एक हत्याएं करता गया. वो लोगों से बातें करता, उनकी कमज़ोरियां पहचानता और फिर उन्हें अपना शिकार बना लेता.
पुलिस का कहना है कि ऐसे लोग भी हैं जो उसके जाल में फंसने से बच गए.
वो लोगों को चावल को अपनी ओर आकर्षित करने वाले भाग्यशाली सिक्के बेचने का लालच देता और फिर उन्हें एकांत स्थान पर बुला लेता.
पुलिस का कहना है कि वो सिक्के के बदले पैसे और गहने ले लेता और फिर प्रसाद में साइनाइड मिलाकर खिला देता.

कौन है 'शिवा' सिमहाद्री?

एक अपार्टमेंट में गार्ड का काम करने वाला वेलंकी सिमहाद्री लोगों को फंसाने के लिए पैसे दोगुने कर देने और जादुई सिक्के बेचने का लालच देता. उसका एक और नाम शिवा था.
वो लोगों की कमज़ोरियां पहचान कर उन्हें ऐसे जादुई सिक्के बेचने का लालच देता जिससे व्यक्ति भाग्यशाली बन जाता है. साथ ही वो इसके ज़रिए पैसे दोगुने करने का भी लालच देता. वो धार्मिक अनुष्ठान करता और फिर ज़हरीला प्रसाद अपने शिकार को खिला देता.
पुलिस के मुताबिक लूटे गए पैसे से सिमहाद्री ने एलुरु में मकान भी बनाया है.
पुलिस के मुताबिक शिवा ने सबसे पहले कृष्णा ज़िले की रहने वाले वल्लाभनेनी उमा माहेश्वर राव को 15 फ़रवरी 2018 को शिकार बनाया.
उमा से उसने चार लाख रुपए और चांदी की अंगूठियां लूटी थीं.
02 मार्च 2018 को कृष्णा ज़िले के ही मर्रीबनदम गांव के रहने वाले पुलुप्पु तवीतैय्या को निशाना बनाया. उनसे भी सबकुछ लूट लिया गया था.
अगले बीस दिनों में उसने इसी तरीके को अपनाकर विजयवाड़ा ज़िले के गांडीकोटा वेंकट भास्कर राव की हत्या कर दी. पैसे दोगुना करने का लालच देकर उनसे भी 1.7 लाख रुपए लूट लिए गए
इन तीनों हत्याओं को प्राकृतिक मौत माना गया था और इनसे जुड़ा कोई मुक़दमा दर्ज नहीं हुआ था.
शिवा को क़र्ज़ देने वाले कृष्णा ज़िले के मुस्ताबाद गांव के काडियम बाला वेंकेटेश्वर राव ने जब अपने 2.9 लाख रुपए वापस मांगे तो शिवा ने साइनाड देकर उसकी भी हत्या कर दी.
पुलिस ने इसे संदिग्ध मौत माना था और मुक़दमा दर्ज किया था.
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अप्रैल 2018 में शिवा ने पांचवी हत्या कर दी. एलुरू ज़िले के चोडावारापू सूर्यनारायण पांच लाख रुपए दोगुने कराने के लालच में आ गए और अपना पैसा और जान दोनों गंवा बैठे.
28 अप्रैल को शिवा ने आयुर्वेदिक चिकित्सा के नाम पर पूर्वी गोदावरी ज़िले के रामकृष्णानंद की हत्या कर दी. इन दोनों हत्यायों का कोई मुक़दमा दर्ज नहीं हुआ.
शिवा ने अपने रिश्तेदारों को भी नहीं छोड़ा. डायबिटीज़ की दवा के नाम पर उसने राजामहेंद्रावरम की रहने वाली अपनी रिश्तेदार कोट्टापल्ली राघावम्मा को सायनाइड खिला दिया.
जनवरी 2019 में उसने पांच लाख रुपए नक़द और सोने के बीस जेवरात लेने के बाद अपने एक और रिश्तेदार समंथाकूर्ती नागामणी की इसी तरह हत्या कर दी.
अगस्त 2019 में उसने अपनी मकान मालकिन रामुम्मा से भी दोगुना करने का लालच देकर पैसे और जेवर लिए. रामुलम्मा की मौत पर किसी को शक़ नहीं हुआ. उनसे एक लाख रुपए नकद और चालीस ग्राम सोना लिया गया था.

सायनाइड कैसे मिला?

पुलिस के मुताबिक सिमहाद्री ने विजयवाड़ा के रहने वाले शेख अमीनुल्लाह नाम के व्यक्ति से ये ख़तरनाक ज़हर हासिल किया था.
पुलिस के मुताबिक अमीनुल्लाह का छोटा भाई मोटरसाइकिल के स्पेयर पार्ट बनाने की यूनिट चलाता है और इसके लिए उसने क़ानूनी तरीके से साइनाइड हासिल किया था.
अमीनुल्लाह ने अपने भाई की जानकारी के बिना उसकी कंपनी के नाम पर साइनाइड ख़रीदा और सिमहाद्री को दे दिया.
पुलिस के मुताबिक अमीनुल्लाह का आपराधिक इतिहास है और उस पर कई मुक़दमे दर्ज हैं.
सिमहाद्री ने उससे रिश्ते बनाए और साइनाइड हासिल किया. पुलिस ने फिलहाल दोनों संदिग्धों को गिरफ़्तार कर लिया है.

क्या होता है चावल को खींचने वाला सिक्का?

पुलिस का कहना है कि ये एक दुर्लभ धातु से बने सिक्के होते हैं जिनमें चावल को आकर्षित करने की शक्ति होती है. ये कॉपरऔर इरीडियम धातुओं से मिलकर बनते हैं.
इनकी चुंबकीय शक्ति इन्हें क़ीमती पदार्थ बना देती है और इनका अंतरिक्ष और सैन्य शोध में भी इस्तेमाल किया जाता है.
इन सिक्कों के बारे में एक अफ़वाह ये भी है कि इनमें जादुई शक्ति होती है और इनकी क़ीमत करोड़ों में हो सकती है.

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