बांग्लादेश के विदेश, गृह मंत्री ने भारत दौरा किया रद्द
बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन और गृह मंत्री असदुज़्ज़मान ख़ान ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया है.
विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन 12 से 14 दिसंबर तक अपनी दो दिवसीय यात्रा पर भारत दौरे पर आने वाले थे. वहीं ख़ान भी 13 दिसंबर को एक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत भारत आने वाले थे.
बांग्लादेश उच्चायुक्त के सूत्रों ने बीबीसी को बताया कि गृह मंत्री असदुज़्ज़मान ख़ान की यात्रा भी रद्द हो गई है. उनका कार्यक्रम पहले से निर्धारित था, हालाँकि यात्रा रद्द होने की कोई वजह नहीं बताई गई है.
समाचार एजेंसी पीटीआई और एएनआई ने कूटनीतिक सूत्रों के हवाले से ये ख़बर दी है.
हालाँकि, समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन ने अपना दौरा रद्द करने की वजह देश के अंदरूनी हालात को बताया है.
एएनआई ने मोमिन के हवाले से कहा, "मुझे दिल्ली में हो रहे बुद्धिजीवी देबोश और विजय दिवस कार्यक्रमों में हिस्सा लेना था, लेकिन हमारे राज्य मंत्री मैड्रिड में हैं और विदेश सचिव हेग में. ऐसे में मुझे अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी है."
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ''हमें ये मालूम है कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने दौरा रद्द किया है. उन्होंने अपने न आने की वजह भी बताई है. हमें उनकी बात को स्वीकार करना चाहिए. जहां तक दोनों देशों के रिश्तों की बात करें तो ये मज़बूत हैं. मुझे नहीं लगता कि दोनों देशों के रिश्तों में कोई फ़र्क़ पड़ेगा.''
जब रवीश कुमार से मोमिन के अमित शाह के बयान पर दी प्रतिक्रिया के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ''कैब को लेकर बांग्लादेश के विदेश मंत्री की टिप्पणी को लेकर कंफ्यूजन है. हमने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को लेकर जो कहा है, वो सैन्य शासन के लिए कहा गया था. ये मौजूदा सरकार पर टिप्पणी नहीं है.''
इससे पहले, मोमिन नागरिक संशोधन बिल यानी कैब को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर विरोध जता चुके हैं.
शाह ने कहा था कि बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न हो रहा है.
मोमिन ने क्या जवाब दिया?
इस पर मोमिन ने कहा, ''जो वे हिंदुओं के उत्पीड़न की बात कह रहे हैं, वो ग़ैर-ज़रूरी और झूठ है. पूरी दुनिया में ऐसे देश कम ही हैं जहां बांग्लादेश के जैसा सांप्रदायिक सौहार्द है. हमारे यहां कोई अल्पसंख्यक नहीं है. हम सब बराबर हैं. एक पड़ोसी देश के नाते, हमें उम्मीद है कि भारत ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे हमारे दोस्ताना संबंध ख़राब हों. ये मसला हमारे सामने हाल ही में आया है. हम इसे ध्यान से पढ़ेंगे और उसके बाद भारत के साथ ये मुद्दा उठाएंगे."
मोमिन ने कहा था कि धर्म के आधार पर नागरिकता के इस क़ानून से भारत का सेक्यूलर स्टैंड कमज़ोर होगा.
इससे पहले मीडिया में ऐसी ख़बरें आईं थीं कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गुवाहाटी में होने वाली बैठक को भी टाला या मुलाकात की जगह को बदला जा सकता है.
शिंजो आबे और मोदी के बीच 15 और 16 दिसंबर को गुवाहाटी में बैठक होनी है.
रवीश कुमार ने शिंजो आबे की भारत यात्रा को लेकर कहा, ''सच्चाई तो ये है कि फिलहाल मेरे पास इस मामले में कोई अपडेट नहीं है.''
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