हैदराबाद डॉक्टर रेप केसः चारों अभियुक्त के मारे जाने की पूरी कहानी
हैदराबाद के बहुचर्चित रेप कांड में पकड़े गए चारों अभियुक्तों को पुलिस ने मार दिया है.
हैदराबाद पुलिस के मुताबिक इन अभियुक्तों ने पुलिस जांच के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया जिसके जवाबी कार्रवाई में चारों मारे गए.
ये कथित एनकाउंटर हैदराबाद से 50 किलोमीटर दूर महबूब नगर ज़िले के चटनपल्ली गाँव में हुआ.
इस घटना की काफ़ी लोग प्रशंसा कर रहे हैं तो काफ़ी लोग आलोचना भी कर रहे हैं. इन चर्चाओं के बीच में साइबराबाद के पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस घटना का ब्यौरा दिया.
उन्होंने जो कहा, उसकी अहम बातें इस तरह से हैं-
- शमशाबाद एरिया में 27-28 की रात को वेटनरी डॉक्टर को अगवा कर, सेक्शुअली एसाल्ट कर, मर्डर कर यहां जलाया गया.
- हमने चार लोगों को 30 नवंबर को चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था. हमें इन चारों की दस दिन की पुलिस हिरासत चार दिसंबर को मिला. हमने चार दिसंबर-पांच दिसंबर को पूछताछ किया.
- हमारे दस पुलिसकर्मी उनके साथ थे. हम उन्हें अपराध की जगह लेकर आए थे. यहां पर अभियुक्तों ने पुलिस पर हमला कर दिया है, उन्होंने हमारे दो पुलिसकर्मियों से हथियार भी छीन लिए और गोली चलाने लगे. सबसे पहले पुलिस पर हमला मोहम्मद आरिफ़ ने किया, इसके बाद दूसरे अभियुक्तों ने भी हमला किया.चेतावनी देने के बाद भी वे थमे नहीं. पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी और उसमें चारों मारे गए.
- घटना सुबह 5.45 से 6.15 के बीच हुई. हम उन्हें देर रात लेकर नहीं आए थे. सुबह लेकर आए थे क्योंकि उनकी सुरक्षा को लेकर ख़तरा था. हमें शक है कि ये लोग कर्नाटक में पहले हुई ऐसी वारदातों में शामिल रहे हैं, हालांकि उसकी जांच की जा रही है.
इस घटना के बाद मृतक डॉक्टर के पिता ने कहा कि मेरी बेटी की आत्मा को अब शांति मिली होगी.
बीजेपी की वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद मेनका गांधी ने तेलंगाना एनकाउंटर की निंदा की. उन्होंने कहा-
मैं इस एनकाउंटर के पूरी तरह ख़िलाफ़ हूं. जो कुछ भी हुआ वह बहुत ज़्यादा भयानक है.
आप क़ानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते. क़ानून के हिसाब से वैसे भी उन्हें फ़ांसी मिलती.
अगर क़ानून से पहले ही उन्हें बंदूकों से मार दोगे तो फिर अदालत, पुलिस और क़ानून का फ़ायदा ही क्या है.
अगर निर्भया के अभियुक्तों को अभी तक सज़ा नहीं मिली है तो यह क़ानून की ग़लती है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि एनकाउंटर पर लोग जश्न ज़रूर मना रहे हैं लेकिन यह हमारे क़ानून और विधि व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है.
उन्होंने कहा, "पूरे देश और समाज को इस बात पर चिंतन करना होगा कि क्रिमिनल और इवेस्टिगेटिव जस्टिस सिस्टम को दुरुस्त कैसे किया जाए."
समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने तेलंगाना एनकाउंटर पर कहा, ''देर आए, दुरुस्त आए...देर आए, बहुत देर आए.'' जया बच्चन ने संसद में कहा था कि बलात्कार के अभियुक्तों को जनता के बीच लाकर उन्हें लिंच कर देना चाहिए.
जानी-मानी वकील रेबेका मेमन जॉन ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए फ़ेसबुक पर पोस्ट लिखा है जिसमें उन्होंने लिखा है - "कितनी आसानी से हम भीड़ के हाथों इंसाफ़ का जश्न मनाने लगते हैं. वो पुलिस जिस पर कोई कभी भरोसा नहीं करता, वो भरी रात में चार निहत्थे लोगों को मार डालती है. क्यों? क्योंकि ऐसे लोग रहें या ना रहें किसी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता."
मानवाधिकार कार्यकर्ता कल्पना कन्नाबीरन ने फ़ेसबुक पर लिखा है- "चार लोगों को मार डाला गया. क्या यही न्याय है? क्या हम चाहते हैं कि अदालतें अपना काम बंद कर दें और इस तमाशे को देखें?"
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि आयोग उनके लिए सज़ा-ए-मौत की मांग कर रहा था. लेकिन वो कानून के ज़रिए होना था. हम स्पीडी जस्टिस की मांग कर रहे थे. ये एक एनकाउंटर हुआ है. इसमें पुलिस ही बता सकती है कि किन परिस्थितियों में ये हुआ है. हम चाहते थे कि न्याय हो. न्याय लीगल सिस्टम से ही होता है. आम लोग ख़ुश हैं कि ये हुआ लेकिन एक हमारा संविधान और लीगल सिस्टम है, और उसी के ज़रिए न्याय होना चाहिए था.''
हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असद्दुदीन औवेसी ने हैदराबाद की घटना पर कहा है कि वे इस तरह के एनकाउंटर के ख़िलाफ़ हैं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी मामले को संज्ञान में लिया है.
बैंडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने एनकाउंटर करने वाली पुलिस की प्रशंसा की है. उन्होंने ट्वीट किया है, "बेहतरीन काम हैदराबाद पुलिस, हम आपको सलाम करते हैं."
ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन एसोसिएशन का बयान-'हिरासत में हत्या हमारे नाम पर न हो'
ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन ने इस घटना पर बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सभी अभियुक्त पुलिस हिरासत में थे और निहत्थे थे तो पुलिस का दावा झूठ लगता है कि उन्होंने पुलिल पर हमला किया जिसकी कार्रवाई में वो मारे गए.
इस बयान के मुताबिक, 'यह न्याय नकली है. यह व्यवस्था न्याय के रूप में हत्या की पेशकश करती है, जो महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती, जो अपराध साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत उपलब्ध करना सुनिश्चित नहीं करती.'
'मारे गए चारों लोग अभियुक्त थे, हमें नहीं पता कि वो वास्तव में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के आरोपी थे या नहीं. यह पुलिस, न्यायपालिका, सरकारों और महिलाओं के लिए न्याय और गरिमा के प्रति जवाबदेही की मांग को बंद करने की चाल है. इस कथित मठभेड़ की जांच होनी चाहिए और ज़िम्मेदार पुलिसकर्मियों को गिरफ़्तार कर उन पर मुक़दमा चलाया जाना चाहिए.'
हैदराबाद में रेप पीड़िता के पड़ोसियों ने पुलिसकर्मियों को राखी बांधी. सुबह-सुबह हैदराबाद पुलिस ने महिला डॉक्टर के साथ रेप मामले के अभियुक्त चार युवकों को एनकाउंटर में मार दिया था.
क्या हुआ था?
28 नवंबर को हैदराबाद में एक टोल प्लाज़ा के पास 26 साल की एक डॉक्टर का जला हुआ शव बरामद हुआ था. जांच में पता चला कि महिला के साथ रेप हुआ था और बाद में हत्या करने के बाद जला दिया था.
डॉक्टर की दिल दहलाने वाली हत्या
हैदराबाद में 28 नवंबर को एक महिला पशु चिकित्सक के साथ यौन उत्पीड़न के बाद ज़िंदा जलाने की घटना सामने आई.
बताया गया कि 27 नवंबर को महिला डॉक्टर एक टोल प्लाज़ा पर अपनी स्कूटी पार्क कर आगे कैब से गईं. वापस लौटने पर उन्होंने अपनी स्कूटी को पंक्चर पाया जिसके बाद महिला ने स्कूटी को टोल प्लाज़ा पर ही छोड़ कैब से घर लौटने का फ़ैसला लिया.
महिला जब टोल प्लाज़ा पर अपनी स्कूटी लेने गई तब रात के 9 बज रहे थे. उस वक़्त वो अपनी बहन से बात भी कर रही थी.
उन्होंने फ़ोन पर अपनी बहन को बताया कि उन्हें अकेले सड़क पर खड़ा होने में डर लग रहा है, अचानक से कुछ लोग दिख रहे हैं, कुछ लोग उन्हें स्कूटी ठीक करने की बात भी बोल रहे हैं.
महिला ने फ़ोन पर ही अपनी बहन को बताया था कि एक ट्रक ड्राइवर उनके पास रुका और उसने स्कूटी ठीक करने की बात कही. जब उन्होंने ट्रक ड्राइवर से स्कूटी ठीक करवाने से इनकार कर दिया तो उसके बाद भी वह उनका पीछा करता रहा.
लड़की की बहन ने उन्हें सलाह दी कि वह टोल प्लाज़ा के पास ही खड़ी हो जाएं, इस पर लड़की राज़ी नहीं हुई और उन्होंने बताया कि सभी लोग उन्हें घूर रहे हैं जिससे उन्हें डर लग रहा है.
इसके बाद लड़की ने अपनी बहन को थोड़ी देर में फ़ोन करने की बात कही, लेकिन इसके बाद उनका फ़ोन स्विच ऑफ़ हो गया.
फिर उनके परिवार के लोगों ने टोल प्लाज़ा के पास आकर उनकी तलाश की और इसके बाद स्थानीय पुलिस स्टेशन में मिसिंग रिपोर्ट दर्ज करवाई.
28 नवंबर की सुबह पुलिस स्टेशन से सटे एक इलाक़े में एक अंडर कंस्ट्रक्शन पुल के नीचे एक अधजली लाश मिलने की सूचना मिली. जिसके बाद महिला डॉक्टर के परिजनों ने आकर शिनाख़्त की.
इस घटना को लेकर देश भर में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए. घटना के बाद हैदराबाद पुलिस ने इस मामले में चार संदिग्ध लोगों को गिरफ़्तार किया.
BBC hindi से साभार
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