CAA: लखनऊ में महिला कांग्रेस नेता को बलवा करने के आरोप में जेल भेजा गया
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में अब तक राज्य भर में 925 और राजधानी लखनऊ में 150 लोगों की गिरफ़्तारी हुई है.
गिरफ़्तारियों का दौर जारी है. इस बीच, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के बाद कांग्रेस पार्टी की सदस्य, सोशल एक्टिविस्ट और अभिनेत्री सदफ़ जाफ़र को भी लखनऊ में गिरफ़्तार किया गया है.
लखनऊ के पुलिस अधीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) सुरेश रावत ने बीबीसी को बताया, "सदफ़ जाफ़र को 19 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान ही बलवा करते हुए मौक़े से गिरफ़्तार किया गया था. अन्य लोगों को भी इनके साथ गिरफ़्तार किया गया था."
"पुलिस ने विभिन्न धाराओं में उनका चालान करके जेल भेज दिया है. जेल भेजने से पहले उनका मेडिकल चेक-अप कराया गया था. अभी तक की विवेचना के आधार पर इनके ख़िलाफ़ पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं."
बताया जा रहा है कि सदफ़ जाफ़र प्रदर्शन के वक़्त परिवर्तन चौक पर मौजूद थीं और ख़ुद फ़ेसबुक लाइव के ज़रिए प्रदर्शन और उस दौरान हो रही हिंसा की भी सूचना दे रही थीं.
सदफ़ जाफ़र ने इस प्रदर्शन के लिए सोशल मीडिया के ज़रिए बड़ी संख्या में लोगों से परिवर्तन चौक पर पहुंचने की अपील भी की थी. हालांकि कुछ वीडियोज़ में वो ये कहते हुए भी सुनी और देखी जा रही हैं कि "इतनी हिंसा के बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है."
सदफ़ ख़ुद भी पुलिस वालों को हिंसा फैलाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए कह रही थीं.
सदफ़ जाफ़र लखनऊ की एक जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ-साथ विभिन्न मुद्दों पर लेख भी लिखती रहती हैं.
सदफ़ फ़िल्म निर्माता मीरा नायर की आने वाली एक फ़िल्म में भी हैं. मीरा नायर ने ट्वीट करके उनकी गिरफ़्तारी की निंदा की है और इसके लिए यूपी पुलिस को कठघरे में खड़ा किया है.
मीरा नायर ने लिखा है कि लखनऊ में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए सदफ़ को पीटा गया है और उन्हें जेल में डाला गया है.
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट करके सदफ़ जाफ़र की गिरफ़्तारी की निंदा की है.
प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा है, "हमारी महिला कार्यकर्ता सदफ जाफ़र पुलिस को बता रही थीं कि उपद्रवियों को पकड़ो और उन्हें यूपी पुलिस ने बुरी तरह से मारा-पीटा और गिरफ़्तार कर लिया. वह दो छोटे-छोटे बच्चों की मां हैं."
सदफ़ जाफ़र के परिजनों ने आरोप लगाया है कि सदफ़ की गिरफ़्तारी की जानकारी परिवार वालों को भी नहीं दी गई और पूछने पर बताया भी नहीं.
सदफ़ की बहन नहीद वर्मा ने ट्वीट करके बताया कि उन्हें परिजनों से बातचीत करने की भी अनुमति नहीं दी गई.
परिजनों ने सदफ़ के साथ मारपीट करने और उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप भी पुलिस पर लगाया है. हालांकि पुलिस इस बात से साफ़ इनकार कर रही है.
एसपी (पूर्वी क्षेत्र) सुरेंद्र रावत कहते हैं कि ये सब आरोप बेबुनियाद हैं और उन्हें क़ानूनी तरीक़े से गिरफ़्तार किया गया है और उनके ख़िलाफ़ अपराध के पूरे साक्ष्य भी हैं.
लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि जब उन्हें अस्पताल ले आया गया था तब उनके शरीर पर किसी भी तरह के चोट लगने के निशान नहीं थे.
इस बीच, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने जेल में सदफ़ से मुलाक़ात की और पुलिस पर सदफ़ के उत्पीड़न का आरोप लगाया.
अजय कुमार लल्लू ने बीबीसी को बताया, "सदफ जाफ़र के साथ रूह कंपा देने वाली पुलिसिया बर्बरता हुई है. उनको पुरुष पुलिस वालों ने बर्बर तरीके से मारा है. उनके पेट में पुलिस ने बंदूक की बट से मारा है."
"राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ इस तरह का अमानवीय और दिल दहला देने वाला उत्पीड़न हुआ है. सदफ़ ने ये सब हमें खुद बताया है."
कांग्रेस पार्टी ने सदफ़ की गिरफ़्तारी और उनके उत्पीड़न की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की है.
पुलिस ने लखनऊ में 19 दिसंबर के दिन क़रीब 200 लोगों को हिरासत में लिया था जिनमें से 45 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करके जेल भेज दिया था.
इन्हीं लोगों में सदफ जाफ़र और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी भी शामिल हैं.
Comments