CAAProtest: कश्मीर की आग पूरे भारत में फैल गई-पाकिस्तान से उर्दू प्रेस रिव्यू


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पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते पाकिस्तान की अंदरूनी राजनीति के अलावा भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन और भारत प्रशासित कश्मीर से जुड़ी ख़बरें सुर्ख़ियों में रहीं.
भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. अब तक इन प्रदर्शनों में कम से कम 25 लोग मारे जा चुके हैं. उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा प्रदर्शन हो रहे हैं. वहां अब तक कम से कम 20 लोग मारे जा चुके हैं जिनमें ज़्यादातर की मौत पुलिस की गोली से हुई है. पाकिस्तानी अख़बारों में भी इन ख़बरों की ख़ूब चर्चा हो रही है.
अख़बार 'जंग' ने लिखा है, "सीएए की हिमायत के लिए मोदी आरएसएस को ले आए".
अख़बार के अनुसार विवादित क़ानून सीएए के ख़िलाफ़ शुक्रवार को भी भारत के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए.
अख़बार लिखता है कि इस क़ानून के ख़िलाफ़ हो रहे विरोध प्रदर्शनों से घबराकर मोदी आरएसएस को सामने ले आए हैं. अख़बार आगे लिखता है कि इस बिल का विरोध करने के लिए मोदी सरकार ने यूरोप के एक नागरिक को भारत छोड़ने का आदेश दे दिया है.
वहीं अख़बार 'दुनिया' ने सुर्ख़ी लगाई है, "यूपी में प्रदर्शनकारी गोलियों और टूटी हुई लाठियों का भी ख़र्चा अदा करें."
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'मुसलमानों की ज़िंदगी तंग करने की कोशिश'

अख़बार के अनुसार उत्तर प्रदेश में सीएए का विरोध कर रहे मुसलमानों पर ज़िंदगी तंग करने की सरकार कोशिश कर रही है.
अख़बार लिखता है कि उत्तर प्रदेश की अतिवादी सरकार ने बिल का विरोध कर रहे मुसलमानों से पुलिस की गोलियों और टूटी हुई लाठियों का ख़र्चा भी मांग लिया है.
अख़बार ने लिखा है कि एक दलित संगठन भीम आर्मी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवास स्थान तक विरोध प्रदर्शन निकाला लेकिन पुलिस ने रास्ते में ही उन्हें रोक दिया.
अख़बार 'नई बात' ने सुर्ख़ी लगाई है, "भारत में सीएए विरोधी प्रदर्शन मोदी के कंट्रोल से बाहर हो गए है, ड्रोन से निगरानी."
अख़बार लिखता है कि भारत में सीएए के ख़िलाफ़ हो रहे विरोध प्रदर्शन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंट्रोल से बाहर हो गए हैं.
अख़बार के अनुसार शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद अलग-अलग शहरों में लाख़ों लोग इस नए क़ानून के ख़िलाफ़ सड़कों पर निकल आए.
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'ख़ौफ़ में ज़िंदगी जी रहे हैं मुसलमान'

अख़बार के अनुसार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार तो मोदी से भी चार हाथ आगे निकल गई है. उत्तर प्रदेश में अब तक 20 लोग मारे जा चुके हैं, हज़ारों लोग गिरफ़्तार हैं और 60 हज़ार से ज़्यादा एफ़आईआर दर्ज की गई हैं.
अख़बार 'नवा-ए-वक़्त' ने सुर्ख़ी लगाई है, "अधिकतर मुसलमानों समेत सैंकड़ों को जुर्माना अदा करने का नोटिस."
अख़बार लिखता है कि शुक्रवार को बिल के ख़िलाफ़ होने वाले प्रदर्शनों को देखते हुए यूपी में प्रशासन ने 21 ज़िलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी. अख़बार ने लिखा है कि तमाम तरह की परेशानियों के बावजूद हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे और क़ानून को वापस लेने की मांग करने लगे.
'नवा-ए-वक़्त अख़बार' ने अमरीकी अख़बार लॉस एंजिल्स टाइम्स में छपी एक ख़बर का भी हवाला दिया है. अख़बार के अनुसार लॉस एंजिल्स टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि भारत में मुसलमान ख़ौफ़ की ज़िंदगी जी रहे हैं.
अख़बार के अनुसार मुसलमान अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित जगह जा रहे हैं.
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'कश्मीर की आग पूरे भारत में'

भारत प्रशासित कश्मीर से जुड़ी ख़बरें भी सुर्ख़ियों में रहीं. अख़बार 'एक्सप्रेस' ने सुर्ख़ी लगाई है, "मोदी की पाँच अगस्त को कश्मीर में लगाई आग पूरे भारत में फैल गई."
अख़बार के अनुसार पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि मोदी सरकार ने पाँच अगस्त को भारत प्रशासित कश्मीर में जो आग लगाई थी वो आग अब पूरे भारत में फैल चुकी है.
विदेश मंत्री के अनुसार मोदी सरकार की मुस्लिम विरोधी और हिंदुत्व वाली सोच ने आज पूरे भारत को विभाजित कर दिया है. अख़बार के अनुसार पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अपने अंदरूनी हालात की तरफ़ से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भारत पाकिस्तान सीमा रेखा (एलओसी) पर सीज़फ़ायर का उल्लंघन कर रहा है.
अख़बार दुनिया ने सुर्ख़ी लगाई है, "भारत कश्मीर में ब्लैक आउट ख़त्म करे: अंतरराष्ट्री क्राइसिस ग्रुप."
अख़बार के अनुसार अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक अंतरराष्ट्रीय क्राइसिस ग्रुप ने भारत पर ज़ोर दिया है कि वो भारत प्रशासित कश्मीर में ब्लैक आउट ख़त्म करे.
अख़बार के अनुसार मोदी सरकार ने कश्मीर में शहीदी दिवस (13 जुलाई) और शेख़ अब्दुल्ला जन्मदिवस के मौक़े पर होने वाली सरकारी छुट्टी को ख़त्म कर दिया है. उधर 145 दिनों बाद लद्दाख़ और करगिल में सरकार ने इंटरनेट और मोबाइल सेवा बहाल कर दिया है.

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