अमित शाह के कहे को ठुकराने की हिम्मत है नीतीश जी?: प्रशांत किशोर
जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा है कि नीतीश कुमार को मेरे जवाब का इंतज़ार करने होगा, मैं बिहार आकर उन्हें जवाब दूंगा.
उन्होंने कहा कि "अब नीतीश जी ने अपनी बात कह दी है. उन्हें मेरे जवाब का इंतज़ार करना चाहिए और मैं खुद बिहार आकर उन्हें इसका उत्तर दूंगा."
इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया, "मैं जेडीयू पार्टी में कैसे और क्यों शामिल हुआ इसके बारे में झूठ कहना आपके लिए शर्मनाक़ है. अगर आप वाकई में सच कह रहे हैं तो कौन इस बात का यकीन करेगा कि आज भी आपमें अमित शाह के कहे को ठुकराने की हिम्मत है?"
मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर ही प्रशांत किशोर को जनता दल यूनाइटेड में शामिल किया गया था.
प्रशांत किशोर के बारे में मीडियार्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "अगर कोई अपने पत्र के जवाब में लिखे गए मेरे पत्र को ट्वीट करता है तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं."
उन्होंने कहा, "कोई पार्टी में रहना चाहता है तो रहे, अगर वो कहीं जाना चाहता है, तो जाए. आपको पता है कि पार्टी में प्रशांत किशोर कैसे आए थे, अमित शाह ने कहा था कि उन्हें पार्टी में शामिल करें तो शामिल कर लिया."
बिहार में फिलहाल जेडीयू और बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार है और माना जा रहा है बिहार के अगले विधानसभा चुनावों में भी ये गठबंधन जारी रहेगा.
प्रशांत किशोर फिलहाल दिल्ली में आम आदमी पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव कैंपेन देख रहे हैं.
हाल में उन्होंने जेडीयू से कहा था कि पार्टी को नागरिकता संशोधन क़ानून के संबंध में अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए.
पूर्व में भाजपा और कांग्रेस के लिए काम कर चुके प्रशांत किशोर ने साल 2018 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संसदीय चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर करने में अहम भूमिका निभाई.
उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी पार्टी का भविष्य बताया था. लेकिन हाल में दोनों के बीच रिशते खट्टे होते गए.
दिसंबर 2019 में देश भर में नागरिकता संशोधन क़ानून और NRC कराने के बीजेपी सरकार के फ़ैसले को लेकर सवाल उठाए थे और पूछा था कि "अगर असम की तरह देश भर में इसे अमली जामा पहनाया जाता है तो सरकार इतने संसाधन कैसे लाएगी? अगर संसाधन मिले, तो भी इतने ट्रिब्यूनल कहां से बनाए जाएंगे, और जो लोग नागरिक नहीं माने जाएंगे, उन्हें कहां रखा जाएगा?"
हाल में पार्टी के दो नेता प्रशांत किशोर और पवन वर्मा ने नागरिकता सेशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ बयान दिए हैं.
पवन वर्मा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा और जेडीयू के बीच गठबंधन पर नाराज़गी जताते हुए नीतीश कुमार को पत्र लिखा था.
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