इराक़ की संसद में विदेशी सैनिकों के देश छोड़ने का प्रस्ताव पारित
इराक़ की संसद ने एक प्रस्ताव पास कर सभी विदेशी सैनिको से मुल्क छोड़ने को कहा है.
ईरानी सैन्य कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी को अमरीका ने शुक्रवार को इराक़ की राजधानी बग़दाद में मार दिया था. इसके बाद इराक़ की संसद ने ये प्रस्ताव पास किया है. इराक़ में अभी अमरीका के पाँच हज़ार सैनिक हैं. संसद ने सरकार से ये भी कहा है कि विदेशी बलों को इराक़ की ज़मीन, हवाई क्षेत्र और जलक्षेत्र के इस्तेमाल से रोका जाए.
इराक़ की संसद ने सरकार से ये भी कहा है कि अमरीकी सेना से सभी तरह की मदद बंद की जाए. अल-अरबिया के अनुसार इराक़ी संसद के विशेष सत्र में प्रधानमंत्री अब्दुल महदी ने कहा कि जितनी जल्दी हो सके इराक़ से विदेशी सैनिकों की मौजूदगी ख़त्म करनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि आंतरिक और बाहरी दिक़्क़तें हैं लेकिन उनसे इराक़ ख़ुद निपट लेगा.
इराक़ के प्रधानमंत्री ने कहा कि ईरानी सैन्य कमांडर का मारा जाना एक राजनीतिक हत्या है.
हालांकि यह प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं है. अमरीकी सैनिकों की मौजूदगी पर इस प्रस्ताव का कोई असर नहीं पड़ेगा. अगर विदेशी सैनिकों को इराक़ बाहर करना चाहता है तो इसके लिए उसे नया बिल लाना होगा ताकि समझौता ख़त्म किया जा सके.
प्रधानमंत्री अब्दुल महदी ने महीनों से चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन के बाद इस्तीफ़ा दे दिया था लेकिन अब भी वो कार्यवाहक प्रधानमंत्री हैं. पीएम महदी ने कहा कि इस्लामिक स्टेट के ख़ात्मे के बाद अब विदेशी सैनिकों के यहां रहने का कोई औचित्य नहीं है.
इराक़ ईरान और अमरीका के बीच अजीब स्थिति में फँसा हुआ है. अब भी इराक़ में हज़ारों अमरीकी सैनिक मौजूद हैं. अमरीका का कहना है कि वो इराक़ी सैनिकों को ट्रेनिंग दे रहा है लेकिन इराक़ की सरकार कहना है कि बग़दाद में ईरानी सैन्य कमांडर जनरल सुलेमानी को मारना उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है.
इराक़ के प्रधानमंत्री अब्दुल महदी ने कहा, ''इराक़ के पास दो विकल्प हैं. हम तत्काल अमरीकी सैनिकों को देश छोड़ने के लिए नया बिल पास करें या फिर हम इन्हें ट्रेनिंग तक ही सीमित करें.''
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