जामियाः लाइब्रेरी में हिंसा के वीडियो में नज़र आने वाला लड़का कौन है, उसने चेहरा क्यों छिपाया?
- लाइब्रेरी में छात्र मास्क क्यों पहने हुए हैं?
- बंद किताब से छात्र पढ़ाई कर रहा है?
- लाइब्रेरी में पढ़ने आए छात्र बेचैनी से दरवाज़े पर क्यों देख रहे हैं? लाइब्रेरी तो आराम से पढ़ने के लिए होती है फिर इनमें इतनी बेचैनी क्यों?
सोशल मीडिया पर एक धड़ा जामिया मिल्लिया इस्लामिया की लाइब्रेरी में पुलिस के डंडे बरसाने वाले वीडियो के सामने आने के बाद ये सवाल उठा रहा है.
16 फ़रवरी की देर रात जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने 15 दिसंबर को लाइब्रेरी में पुलिस की हिंसा का वीडियो साझा किया.
ये वीडियो पहली मंज़िल पर एम.ए, एमफ़िल सेक्शन रिडिंग हॉल का है. लेकिन इस वीडियो में नीली स्वेटशर्ट में नज़र आ रहे लड़के की ख़ूब चर्चा हो रही है.
कुछ लोग इस लड़के को 'पत्थरबाज़' बता रहे हैं और साथ ही उसके रवैये पर सवाल उठा रहे हैं.
कौन है नीली स्वेटर में दिख रहा शख़्स?
बीबीसी ने उस लड़के की तलाश शुरू की जो वीडियो में सबसे आगे नज़र आ रहा है. कई लोगों से संपर्क करने के बाद हम इस लड़के तक पहुंचे.
इस शख़्स का नाम सलमान है. सलमान सिविल इंजिनियरिंग में पीएचडी प्रथम वर्ष के छात्र हैं. इससे पहले उन्होंने जामिया से ही एमटेक किया.
वो बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले हैं और जामिया नगर में किराए के घर में रहते हैं
पहले तो उन्होंने कहा कि हमें पुलिस से दूर रहना है, लेकिन जैसे-जैसे हमने उन पर लग रहे आरोपों के बारे में पूछा तो वो सिलसिलेवार ढंग से जवाब देते गए.
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लाइब्रेरी में चेहरा क्यों ढका?
ख़ुद के मुंह को रूमाल से ढकने पर वो कहते हैं, "दरअसल, पुलिस ख़ूब आंसू गैस के गोले छोड़ रही थी. मैं लाइब्रेरी आया तो कुछ बच्चे बेचैन इधर-उधर घूम रहे थे क्योंकि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी. पुलिस लगातार आंसू गैस छोड़ती जा रही थी, सांस लेना मुश्किल था."
"ऐसी बात है तो पुलिस ने भी वीडियो में अपना मुंह ढका है उसने ऐसा क्यों किया? वीडियो में ऐसा तो है नहीं कि बस मैंने मुंह और नाक ढकी है. मेरी ही तरह पुलिस भी तो अपना चेहरा ढककर हमें मार रही थी. लेकिन मुझे बड़ी आसानी से 'पत्थरबाज़' कह दिया जा रहा है. हमारी आँखें और त्वचा भी जल रही थी आंसू गैस के कारण."
"देखिए मेरे परिवार वाले वीडियो के आने के बाद से परेशान हैं. वो सोच रहे हैं कि मुझे ना कुछ हो. मैं भी इस पर कुछ बोलना नहीं चाहता था लेकिन अब मुझे ही टारगेट किया जा रहा है."
सामने रखी किताब बंद क्यों है?
सलमान बताते हैं, "मैं उस दिन शाम को मग़रिब (शाम) की नमाज़ पढ़ने लाइब्रेरी से नीचे गया था. मैं तो दोपहर दो बजे से ही रिडिंग हॉल में बैठा हुआ था और प्रदर्शन में भाग भी नहीं लिया."
"मेरे सामने जो हरे रंग की किताब रखी है वो मेरी ही है, वो इंजीनियरिंग सर्विस में एक नॉन-टेक पेपर होता है उसकी किताब है. अगर मैं भागकर बाहर से आया होता तो अपने ही विषय की किताब लेकर बैठता और क्या मुझे उस किताब का नाम अब तक याद भी होता? लाइब्रेरी का गेट बंद था लेकिन पुलिस वो गेट तोड़ रही थी."
"जैसे ही दरवाज़े पर ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ आई आप देख सकते हैं कि कोने में कुछ बच्चे छिपने भी लगे और हम भी दरवाज़े की तरफ़ देखने लगे. जब आपको पता हो बाहर का माहौल ख़राब है और पुलिस दरवाज़ा पीट रही हो तो आप किताब कैसे पढ़ते रहेंगे."
आप दरवाज़े कि ओर देख रहे थे मानो पुलिस के आने की ख़बर आपको पहले से हो इस सवाल के जवाब में वो कहते हैं, "नीचे से (ग्राउंड फ्लोर) जब पुलिस ऊपर आ रही थी तो सबने ख़ुद लाइब्रेरी का दरवाज़ा बंद कर दिया था. पुलिस गेट तोड़ रही थी तो ये देखकर सभी छात्रों की हालत ख़राब हो गई. हम इसलिए टेबल के नीचे नहीं छिपे क्योंकि हमें लगा कि हम पढ़ रहे हैं और शांति से पढ़ता देख पुलिस हमें छोड़ देगी."
"मेरा फ़ोन ऑफ़ था वरना मैं वहां होता ही नहीं मेरे दोस्त मुझे कॉल कर रहे थे ताकि बता सकें कि पुलिस रीडिंग हॉल में आ रही है और मैं निकल जाऊं. लेकिन फंसना ही लिखा था."
दरअसल जिस हॉल का वीडियो सामने आया है उसके नीचे ग्राउंड फ्लोर पर एक और हॉल है जहां पुलिस दाख़िल हो चुकी थी.
ऐसे में सलमान कहते हैं कि उन्हें अंदेशा था कि पुलिस उनके रीडिंग हॉल में भी आ सकती है. इसीलिए वीडियो में नज़र आ रहे सभी छात्र दरवाज़े की ओर देख रहे थे.
"ग्राउंड फ्लोर पर जो हॉल है वहां से कई बच्चे भागकर हमारे हॉल में भी आए थे. पुलिस ने वहां तो और ज़्यादा छात्रों को पीटा था. ये सब देखने के बाद ही हमने दरवाज़ा बंद किया."
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एक और वीडियो
हमने उस लाइब्रेरी को देखा जहां का वीडियो सामने आया है. लाइब्रेरी के सभी शीशे टूटे हुए हैं. टूटी हुई खिड़कियों से मैंने अंदर झांका तो टूटी और अस्त-व्यस्त कुर्सियां दिखीं. लाइब्रेरी के मुख्य द्वार पर ताला लगा है और हरे बोर्ड पर लिखा है, ' Library Under Renovation.'
वहीं, इंडिया टुडे को कथित रूप से एक एक्सक्लूसिव वीडियो मिला है जिसमें कई छात्र तेज़ी से रीडिंग हॉल में दाख़िल हो रहे हैं और एक छात्र के हाथ में पत्थर भी है, इसके बाद छात्र दरवाज़ा बंद करने के लिए उसके आगे टेबल लगा रहे हैं.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रीडिंग हॉल के इस कथित वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर एक तबका पुलिस कार्रवाई को सही ठहरा रहा है. हालांकि, ये वीडियो पुलिस कार्रवाई से पहले का है या बाद का इसकी कोई पुष्टि नहीं हो पाई है.
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