मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना (Shiv Sena), कांग्रेस (Congress) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सरकार है. नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) पर तीनों दलों की अलग-अलग राय है. शिवसेना को CAA और NPR से कोई समस्या नहीं है, तो वहीं महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस की ओर से मंत्री बनाए गए अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) ने कहा है कि CAA, NRC और NPR पर शिवसेना का रुख साफ नहीं है. उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे को 'महाराष्ट्र कॉर्डिनेशन कमेटी' के पास भेजा जाएगा.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके अशोक चव्हाण ने कहा, 'महाराष्ट्र में तीन दलों का गठबंधन है. कांग्रेस CAA, NRC और NPR के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है. ये देशहित में नहीं है. ऐसा लगता है कि CAA, NRC और NPR को लेकर अभी भी शिवसेना का रुख साफ नहीं है. अगर इसमें कोई विवाद है तो 'महाराष्ट्र कॉर्डिनेशन कमेटी' जिसमें तीनों दलों के नेता हैं, इसपर चर्चा करेंगे और मसले को हल करेंगे.' हाल ही में अशोक चव्हाण ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की थी. उन्होंने इसे औपचारिक मुलाकात बताया.
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने CAA और NPR पर किसी तरह का ऐतराज नहीं जताया है. उन्होंने कहा था, 'नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी, दोनों अलग हैं और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर अलग है. अगर CAA लागू होता है तो किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है. NRC यहां नहीं है और ये राज्य में लागू नहीं होगा.'
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'अगर NRC लागू होता है तो ये सिर्फ हिंदुओं और मुस्लिमों को ही नहीं बल्कि आदिवासियों को भी प्रभावित करेगा. केंद्र सरकार ने अभी तक NRC पर चर्चा नहीं की है. NPR जनगणना है जो हर 10 साल में होती है और मुझे नहीं लगता कि इससे कोई प्रभावित होगा.' उद्धव ठाकरे के बयान पर राज्य सरकार में सहयोगी पार्टी NCP के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा, 'सीएम उद्धव ठाकरे का अपना मत है लेकिन NCP के संदर्भ में मैं ये कहूंगा कि हमने CAA के खिलाफ वोट किया था.'
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