जनता कर्फ़्यू के बीच शाहीन बाग़ में पेट्रोल बम से हमला ।


शाहीन बाग़इमेज कॉपीरइटANI
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर रविवार को देशभर में जनता कर्फ़्यू लगाया गया है. इसी बीच दिल्ली के शाहीन बाग़ में हमले की ख़बर है.
शुरुआती ख़बरों में कहा जा रहा है कि शाहीन बाग में तोड़-फोड़ की गई और पेट्रोल बम फेंके गए. शाहीन बाग़ वही जगह है जहां बीते साल 15 दिसंबर से नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ महिलाएं प्रदर्शन कर रही है.
हालांकि इस संदर्भ में जब बीबीसी ने पुलिस से बात की तो उन्होंने घटना की पुष्टि तो की लेकिन यह नहीं कहा कि यह हमला ही था. पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच हो रही है और जांच के बाद ही कोई बयान जारी किया जाएगा.
हालांकि कोरोना वायरस को देखते हुए शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रही महिलाओं से कहा गया था कि वो अपना प्रदर्शन समाप्त कर दें लेकिन उनका कहना था कि प्रदर्शन जारी रहेगा.
हालांकि प्रदर्शन के आयोजकों ने यह ज़रूर कहा था कि संक्रमण का ध्यान रखते हुए कम संख्या में ही महिलाएं प्रदर्शन में शामिल होगी.
शाहीन बाग़इमेज कॉपीरइटEMAD KAZI
वहीं आज जनता कर्फ़्यू को देखते हुए प्रदर्शन कर रहे लोग सांकेतिक प्रदर्शन के तौर पर अपनी चप्पलों को प्रदर्शन स्थल पर छोड़कर गए थे.
हमले के ठीक बाद घटनास्थल पर पहुंचे एक शख़्स ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि हमलावर बाइक पर सवार होकर आया था.
उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने हमलावर को देखा. वो बाइक पर सवार था और उसकी बाइक पर पीछे एक ट्रे थी. जिसमें संभव है कि रसायनिक तत्व रहे हों.
इस शख़्स के मुताबिक़, पुलिस घटनास्थल पर मौजूद थी. हालांकि इस हमले में किसी के भी हताहत होने की ख़बर नहीं है.
दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाली सड़क पर महिलाएं नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ दिसंबर से ही धरने पर बैठी हुई हैं. बीते सप्ताह दिल्ली सरकार ने निर्देश जारी किए थे जिसके तहत शादी के मौकों को छोड़कर 50 से ज़्यादा लोगों के एक जगह पर इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई थी. बाद में 50 की निर्धारित संख्या को घटाकर 20 कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ़ किया था कि ये निर्देश शाहीन बाग़ पर लागू होंगे. शुक्रवार को महिला प्रदर्शनकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि एक वक़्त में उनके धरने में 50 से ज़्यादा महिलाएं शरीक नहीं होती है.
नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक प्रदर्शनकारी ने कहा था कि रविवार को वे छोटे-छोटे टेंट में बैठेंगे.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Comments

Popular posts from this blog

#Modi G ! कब खुलेंगी आपकी आंखें ? CAA: एक हज़ार लोगों की थी अनुमति, आए एक लाख-अंतरराष्ट्रीय मीडिया

"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"