कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बने पीएम-केयर्स फंड पर खड़े हुए सवाल
कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ाई के लिए बनाए गए नए ट्रस्ट 'पीएम-केयर' पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
ये ट्रस्ट चंदा जुटाने के मक़सद से बनाया गया है.
पूछा जा रहा है कि जब सालों से सरकारी पीएम रिलीफ़ फंड या प्रधानमंत्री राहत कोष मौजूद है तो फिर एक नए फंड कि ज़रूरत क्यों आन पड़ी?
कई लोग नए कोष यानी पीएम-केयर को 'घोटाला' क़रार दे रहे हैं तो कुछ जगहों पर कहा जा रहा है कि नया फंड इसलिए बनाया गया क्योंकि शायद ये नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक या कैग की परिधि से बाहर होगा जिसकी वजह से कोष से किए गए ख़र्च और उनके इस्तेमाल पर किसी की नज़र नहीं रहेगी.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने या सरकारी तंत्र से जुड़े पब्लिसिटी विभाग ने इस संबंध में अब तक किसी तरह का कोई बयान नहीं दिया है.
बीजेपी नेता नलिन कोहली ने बीबीसी संवाददाता दिव्या आर्य से इस मसले पर कहा, "इस मुद्दे पर राजनीति करने की कोई ज़रूरत नहीं है. सरकार अलग-अलग उद्देश्य से बहुत सारे फंड शुरू करती है और इसकी रिपोर्ट नियंत्रक और महालेखापरीक्षक को की जाती है. सब कुछ नियमों के तहत की होता है."
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस सासंद शशि थरूर ने पूछा है कि प्रधानमंत्री की कैची शब्दावली को लेकर ख़ास दिलचस्पी को देखते हुए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष या पीएमएनआरएफ़ का नाम बदलकर पीएम-केयर किया जा सकता था.
लेकिन एक नए ट्रस्ट की शुरुआत की गई है जिसके नियमों और ख़र्चों को लेकर किसी तरह की स्पष्टता नहीं है.
जाने-माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने इसे राष्ट्रीय आपदा के समय भी एक व्यक्ति विशेष की लहर बनाने की कोशिश जैसा बताया है. इस असाधारण क़दम के लिए आपको जनता को जवाब देना चाहिए.
साकते गोखले ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री राहत कोष में अभी भी 3800 करोड़ रुपये मौजूद हैं और उन्होंने आरटीआई के ज़रिये प्रधानमंत्री कार्यालय से पीएम-केयर के संबंध में जानकारी मांगी है.
स्काची ने लिखा है हमें नए अकाउंट में पैसा डालने से पहले प्रिय नेता से कहना चाहिए कि वो इस बची हुई राशि का इस्तेमाल पहले करें.
प्रधानमंत्री का ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ट्वीट के ज़रिये अपील करके कहा कि कोविद-19 जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात राहत कोष (पीएम-केयर्स फंड) की स्थापना की जा रही है और लोग उसमें दान करें.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा कि इस कोष का इस्तेमाल भविष्य में आनेवाली दिक्क़त की घड़ियों में भी किया जाएगा. ट्वीट में फंड से जुड़ी हुई सूचनाएं की लिंक भी मौजूद थी.
प्रधानंत्री कार्यालय से जुड़ी वेबसाइट www.pmindia.gov.in पर फंड से संबंधित जानकारी में कहा गया है कि प्रधानमंत्री पीएम-केयर ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे और इसके सदस्यों में विदेश मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं.
मगर जहां एक तरफ़ फंड पर सवाल खड़े हो रहे हैं वहीं फिल्म और उद्योग जगत से जुड़ी शख्सियतों और आम लोग बढ़ चढ़कर पीएम-केयर में दान दे रहे हैं.
अभिनेता अक्षय कुमार ने इस फंड में 25 करोड़ रुपयों का दान दिया है. तो उद्योगपति गौतम अडानी की तरफ़ से दान-राशि 100 करोड़ रुपये हैं.
पीएम-केयर फंड
हिंदुस्तान टाइम्स की एडिटर सोनल कालरा ने लिखा है कि उनके घर के कामों में मदद करने वाली सोनिया ने फंड में हज़ार रुपये का दान दिया है.
पद्मजा ने शशि थरूर से पूछा है कि अगर फंड का अकाउंट पारदर्शी है तो किसी को क्या दिक्क़त है.
पीएम-केयर फंड सुनने में अच्छा लगता है और लोग इसमें योगदान दे रहे हैं.
वो आगे कहती हैं कि कांग्रेस जल से बाहर हो गई मछली की तरह तड़प रही है क्योंकि पीएम की अपील पर लोग आगे बढ़कर दान दे रहे हैं.
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