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कोरोना: 13 बच्चों के पिता आइसोलेशन में, मां के कंधों पर सारी ज़िम्मेदारी

हान परिवारइमेज कॉपीरइटLESLEY MARTIN
Image captionस्कॉटलैंड के सबसे बड़े परिवार में पिता रॉय हान कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं. इसके बाद से वो आइसोलेशन में हैं.
कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए जैसे ही देश में लॉकडाउन की घोषणा हुई रॉय और एमा हान बच्चों को इसके बारे में बताने और उन्हें संभालने में लग गए. उन्होंने घर के भीतर नियम से रहने के लिए बच्चों के लिए एक रूटीन बनाया और उनके लिए अलग-अलग कार्यक्रमों की योजना बनाई.
डंडी में रहने वाला हान परिवार स्कॉटलैंड का सबसे बड़ा परिवार हैं. रॉय और एमा के 13 बच्चों में से 10 एक साथ इसी परिवार में रहते हैं उनका परिवार इतना बड़ा है कि इसमें आसानी से दो बास्केटबॉल टीमें बन सकती हैं.
दोनों की पूरी कोशिशों के बावजूद महामारी के दौरान परिवार के लिए नियम बनाने की उनकी कोशिशें बच्चों के सामने नाकाम होती रही.
रॉय हान नाइनवेल्स अस्पताल में नर्स प्रैक्टिशनर का काम करते हैं और महामारी के दौर में अपने बड़े परिवार को संक्रमण के ख़तरे से बचाना उनके लिए बड़ी चुनौती थी.
परिवार के लिए ये नई तरह की मुश्किल थी जिससे जूझना उनके लिए आसान नहीं था. तनाव पहले ही था और गुरुवार को रॉय हान का कोरोना वायरस टेस्ट पॉज़िटिव आया.
Roy Hannइमेज कॉपीरइटROY HANN
Image captionरॉय हान कहते हैं कि अस्पताल में कोविड-19 मरीज़ों के साथ काम करते वक्त वो पूरी तरह तैयार हो कर ही मरीज़ के पास जाते हैं.
रॉय कहते हैं, "मुझमें संक्रमण के लक्षण दिखना अभी ही शुरु हुए हैं और लक्षण मामूली हैं. जब मेरा टेस्ट पॉज़िटिव आया तो मुझे भी आश्चर्य हुआ."
"मैं कई कोविड-19 मरीज़ों कं स्पर्क में आता हूं. लेकिन मैं प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट पहन कर उनके पास जाता हूं. टेसाइड इलाक़े में हम काफ़ी कोरोना टेस्ट कर रहे हैं और अब ये इलाक़ा हॉटस्पॉट घोषित हो चुका है."
"काम के वक्त हम एक दूसरे से मज़ाक में कहते थे कि हो सकता है कि सुपरमार्केट से कोरोना संक्रमण होने का ख़तरा अधिक हो, लेकिन अब मैं काम पर नहीं जा पा रहा हूं . मुझे बुरा लग रहा है."
'हम कते थे कि हर्ड इम्यूनिटी से हम बच जाएंगे'
हान परिवार फिलहाल 14 दिनों के लिए अपने ही घर पर क्वारंटीरन में है. रॉय को सात दिनों के लिए आइसोलेशन में रखा गया है.
50 साल के रॉय को टाइप-2 डयबिटीज़ है हालांकि वो कहते हैं कि उनका "सवास्थ्य ठीक है". उन्हें उम्मीद है कि वो जल्द ठीक हो कर अपने एक बार फिर कोरोना से मुक़ाबले के लिए तैयार हो जाएंगे.
वो कहते हैं, "मेरी ज़िंदगी में बहुत कुछ नहीं बदला है. बस इतना कि अब मैं अपने बच्चों ज़्यादा वक्त देखता हूं. मुझे खुशी है कि मुझे ये वक्त मिला. मेरा खुद पर भरोसा बढ़ रहा है कि मैं वापस अपने काम पर जा सकूंगा."
'मेरे परिवार में इतने लोग साथ में रहते हैं कि हम मज़ाक किया करते थे कि हर्ड इम्यूनिटी के कारण हम बच जाएंगे.'
हान परिवारइमेज कॉपीरइटEMMA HANN
रॉय अब पूरा वक्त घर पर ही गुज़ार रहे हैं जिससे उनकी पत्नी एमा को भी काफी मदद मिल रही है. एमा एक कैफ़े चलाती हैं जो अभी बंद है.
लेकिन ये दौर भी मुश्किलों से अलग नहीं है. दोनों के बच्चों की उम्र पांच साल से लेकर 28 साल के बीच है.
एक दिन के खाने के लिए परिवार को क़रीब 28 लीटर दूध, 21 ब्रेड और सीरियल के पांच डब्बों की ज़रूरत होती है.
लेकिन सुपरमार्केट में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम लागू कर दिए गए हैं और सामान खरीदने पर सीमा लगा दी गई है. ऐसे में परिवार के लिए खाना खरीद पाना पहले से कहीं अधिक मुश्किल हो रहा है.
एमा कहती हैं, "हमारा परिवार बड़ा है और हमारे लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना चुनौतीपूर्ण है."
"अब हम दुकान में एक बार में एक चीज़ के तीन ही पैकेट ख़रीद सकते हैं. ऐसे में हमें बार-बार दुकान जाना पड़ा रहा है और हमारे लिए संक्रमण का ख़तरा भी कई गुना बढ़ रहा है. मेरे लिए इस परिस्थिति से जूझना बेहद मुश्किल है."
tucks hopइमेज कॉपीरइटEMMA HANN
Image captionएमा ने अपने छोटे बच्चों से कहा है कि वो घर पर एक छोटी सी दुकान खोल लें जहां से सोच समझ कर सामान लिया करें.
कोरोना के कारण एमा का काम फिलहाल बंद है और उनका सारा ध्यान बच्चों की तरफ है. मां बनने का उनका 28 साल का तजुर्बा उनका साथ देता है लेकिन इस मुश्किल दौर में स्थितियां उनके क़ाबू से बाहर हैं और लॉकडाउन के कारण तनाव भी बढ़ गया है.
एमा कहती हैं, "जिस दिन रॉय का कोरोना टेस्ट पॉज़िटिव आया था उसके एक दिन पहले मैं वॉक करने गई थी. मैं एक दीवार को पीटने लगी और रोने लगी."
"मुझे लगा कि मैं ये तनाव नहीं ले पाऊंगी. ये बेहद मुश्किल भरा वक्त है."
"इसके एक दिन बाद मुझे अपने परिवार को रॉय के कोरोना पॉज़िटिव होने के बारे में बताना पड़ा. इस ख़बर से सभी को सदमा लगा है. बीते कुछ दिनों से घर के सभी सदस्य अधिक मदद करने की कोशिश कर रहे हैं."
ये परिवार एकजुट होकर एक साथ इस महामारी से लड़ने की कोशिश कर रहा है. रात को ये परिवार अपने गार्डन में बास्केटबॉल खेलता है.
बास्केटबॉल खेलना कोई बड़ा काम नहीं लेकिन अब ये परिवार अलग रूप में इसकी अहमियत समझ रह है. ऐमा कहती हैं, "हमारा नसीब अच्छा है कि हमारे घर में एक गार्डन है. अगर हमारे सामने ऐसी स्थिति होती कि हमें पांच बच्चों के साथ एक फ्लैट में रहना होता तो कितना मुश्किल होता?"
"जब लॉकडाउन शुरु हुआ मुझे लगा कि मुझ पर ज़िम्मेदारियों का दवाब बढ़ जाएगा. ये बेहद मुश्किल भरा वक्त है. लेकिन हकीक़त में ज़िंदगी वैसे नहीं चलती जैसा आप सोचते हैं."
"मेरा 14 साल का बेटा अक्सर रात में अपने एक्स-बॉक्स के साथ खेलता रहता है. मेरी बेटी सवेरे छह बजे उठ जाती है और घर से दफ्तर का काम करती है. मुझे पहले तो ये अच्छा नहीं लगा लेकिन शिफ्ट में लोगों के लिए खाना बनाना आसान होता है."
"काम के तरीके में बदलाव करना अच्छा होता है क्योंकि यही एक चीज़ है जो हम कर सकते हैं."

भारत में कोरोनावायरस के मामले

यह जानकारी नियमित रूप से अपडेट की जाती है, हालांकि मुमकिन है इनमें किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के नवीनतम आंकड़े तुरंत न दिखें.
राज्य या केंद्र शासित प्रदेशकुल मामलेजो स्वस्थ हुएमौतें
महाराष्ट्र93181388400
गुजरात3744434181
दिल्ली3314107854
मध्य प्रदेश2387377120
राजस्थान236476851
तमिलनाडु2058116825
उत्तर प्रदेश205346234
आंध्र प्रदेश125925831
तेलंगाना100432126
पश्चिम बंगाल72511922
जम्मू और कश्मीर5651768
कर्नाटक52320720
केरल4853594
बिहार366642
पंजाब3227119
हरियाणा3102093
ओडिशा118381
झारखंड103173
चंडीगढ़56170
उत्तराखंड54330
हिमाचल प्रदेश40251
असम38271
छत्तीसगढ़38340
अंडमान निकोबार द्वीप समूह33110
लद्दाख22160
पुडुचेरी830
गोवा770
मणिपुर220
मिज़ोरम100

स्रोतः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
11: 19 IST को अपडेट किया गया
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