कोरोना वायरस: 9 बजे 9 मिनट, बत्ती न बुझाने को लेकर मुसलमान परिवार पर हमला
हरियाणा के जींद के एक गांव में रविवार को कुछ लोगों ने अपने पड़ोस में रहने वाले चार मुसलमान भाइयों पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया.
मामला ठाठरथ गांव का है जहां रविवार रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर घर के बाहर की बत्ती न बुझाने के लिए हिंदू पड़ोसियों ने नज़दीक रहने वाले चार मुसलमान भाइयों पर हथियारों से हमला किया.
हमले में चारों भाई - 36 साल के बशीर ख़ान, 34 साल के सादिक़ ख़ान, 32 साल के नज़ीर ख़ान, और 30 साल के संदीप ख़ान घायल हो गए हैं. फ़िलहाल जींद के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.
मुख्य महानिरीक्षक अश्विन शेन्वी ने बीबीसी को बताया कि इस मामले में उन्होंने चार लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है और उन्हें गिरफ़्तार कर लिया है.
उनका कहना है कि फ़िलहाल पूरे मामले की जाँच चल रही है और अभी और जानकारी मिलने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों से अपील की थी कि करोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में एकजुटता दिखाने के लिए वो रविवार रात 9 बजे 9 मिनट के लिए अपने घरों की बत्तियां बुझा कर बालकनी में दीये या मोमबत्ती जलाएं.
घायल भाइयों में से एक बशीर ख़ान ने बीबीसी को बताया कि 5 अप्रैल की शाम 9 बजे वो प्रधानमंत्री मोदी की अपील का पालन कर रहे थे, लेकिन उस वक्त घर के बाहर जलने वाले बल्ब को बुझाने के कारण उनके पड़ोसियों ने उनके साथ गाली गलौच की.
वो कहते हैं दोनों पक्षों के बीच रात को कहसुनी भी हो गई लेकिन उसके बाद मामला ठंडा पड़ गया. लेकिन अगले दिन सवेरे उन्होंने अपने हिंदू पड़ोसियों से बात की और गाली गलौच करने की वजह जाननी चाही तो उनके पड़ोसियों ने उन पर हमला कर दिया.
वो कहते हैं कि इसके बाद क़रीब दर्जन भर पड़ोसियों ने पास ही कुर्सी पर बैठे उनके छोटे भाई सादिक़ ख़ान पर धारदार हथियार से हमला कर दिया. सादिक ख़ान के घायल होने के बाद दोनों पक्षों के बीच लड़ाई शुरु हो गई.
बशीर ख़ान कहते हैं, "हम चारों भाइयों को हाथों पर, पैरों पर, चेहरे और सिर पर चोटें आई हैं. छोटे भाई संदीप को गंभीर चाटें आई हैं. उसकी हालत ठीक नहीं है और उसे जींद ज़िला अस्पताल ने इलाज के लिए पीजीआईएमएस रोहतक रेफ़र किया है."
बशीर ख़ान कहते हैं कि ये पहली बार नहीं है जब उनके हिंदू पड़ोसियों के साथ छोटे-छोटे मुद्दे पर उनकी लड़ाई हुई है. वो बताते हैं कि जब दिल्ली के निज़ामुद्दीन में हुए धार्मिक सम्मेलन में कई लोगों के कोरोना पॉज़िटिव होने की बात की जा रही थी उस वक़्त भी उनके पड़ोसियों से उनकी अनबन इस बात को लेकर हुई थी कि उन्होंने दिल्ली के कार्यक्रम में शामिल लोगों को अपने घर पर पनाह दी है.
वहीं ख़ान भाइयों के पड़ोसी संजय कुमार ने दोनों के बीच झगड़े का कारण बताते हुए कहा कि ख़ान भाइयों ने प्रधानमंत्री की रात 9 बजे दीया जलाने की अपील की इज़्ज़त नहीं की.
वो आरोप लगाते हैं, "सभी पड़ोसियों ने अपने घरों की बत्तियां बुझा दी थीं लेकिन इन भाइयों ने ऐसा नहीं किया. हमने उन्हें बत्ती स्विच ऑफ़ करने के लिए कहा और इस बात पर उनसे बहस हो गई. हमने देखा था कि उन्होंने बाहर से आए एक व्यक्ति को भी अपने घर पर रखा था. जब हमने उनसे पूछा तो वो हमसे झगड़ने लगे."
गांव के प्रमुख रामकेश कुमार कहते हैं कि अगर सभी लोगों ने अपने घरों की सभी बत्तियां बंद कर दी होतीं तो हिंदू और मुसलमान परिवारों के बीच के इस झगड़े को टाला जा सकता था.
वो कहते हैं, "रविवार रात को दोनों परिवारों के बीच बहस हुई थी लेकिन सोमवार सवेरे तक दोनों के बीच झगड़ा बड़ा हो गया."
रामकेश कुमार कहते हैं कि ख़बर मिलते ही वो घटनास्थल की तरफ़ दौड़े थे लेकिन जब तक वो पहुंचे वहीं कुछ लोग घायल हो चुके थे.
ठाठरथ गांव में बहुसंख्क हिंदू आबादी है यहां लगभग 2,000 हिंदू परिवार हैं और 20 मुसलमान परिवार हैं.
मामले की जाँच कर रहे पुलिस अधिकारी राकेश कुमार कहते हैं कि घटनास्थल पर पहुंचने के बाद उन्हें पता चला है कि मुसलमान परिवार ने प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर दीये जलाए थे लेकिन घर के बाहर का एक बल्ब ग़लती से बंद करना वो भूल गए थे. वो कहते हैं अभी मामले की जांच जारी है.
- कोरोना वायरस: मोदी से मदद क्यों मांग रहे हैं ट्रंप?
- कोरोना वायरस लॉकडाउन प्रदूषण के मोर्चे पर एक वरदान है?
- कोरोना लॉकडाउन: बीवी को बैठाकर 750 कि.मी. साइकिल चलाने वाला मज़दूर
- कोरोना वायरस के क्या हैं लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव
- कोरोना वायरसः किसी सतह पर कितनी देर ज़िंदा रहता है ये विषाणु
- कोरोना वायरस: संकट के दौर में भी ख़ुशियाँ बिखेरते ये लोग
- कोरोना वायरस: क्यों ख़तरे में हैं इलाज करने वाले डॉक्टर और नर्स
- कोरोना वायरस: क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास लॉकडाउन ही एकमात्र रास्ता था?
- कोरोना वायरस संकट के इस दौर में डॉक्टरों के घरवाले भी चिंतित हैं?
- कोरोना वायरस: क्या वाक़ई में बच्चों में संक्रमण का ख़तरा कम होता है?
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
Comments