कोरोना: दिल्ली के एलजी के अज़ान पर रोक लगाने के दावे का सच - फ़ैक्ट चेक

  • 24 अप्रैल 2020

अज़ान को लेकर बवाल

शुक्रवार की सुबह से एक वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. वीडियो में दो पुलिस कॉन्स्टेबल दावा कर रहे हैं कि दिल्ली की मस्जिदों में अज़ान नहीं होगी ये आदेश उप-राज्यपाल ने दिया है.
1 मिनट 52 सेकेंड के इस वीडियो में पुलिस के दो कॉन्स्टेबल एक मुस्लिम युवक से ये कह रहे हैं कि अज़ान नहीं होगी एलजी साहब का ऑर्डर है. इतने में कैमरे के पीछे से एक महिला की आवाज़ आती है और वह कहती है कि ऐसा कोई ऑर्डर नहीं है. अगर है तो हमें दिखाओं. अज़ान नहीं होगी तो हम रमज़ान में नमाज़ कैसे पढ़ेंगे. इस पर कॉन्स्टेबल कहता है ऑर्डर देखने के लिए प्रेम नगर थाने में जाओ. हम क्या करें एलजी साहब का ऑर्डर है. पूरे वीडियो में पुलिस और महिला के बीच नोंक-झोंक चलती है और वीडियो यहीं ख़त्म हो जाता है.
वीडियो को ख़ूब शेयर किया जा रहा है और सवाल उठाया जा रहा है कि ऐसा आदेश क्यों दिया गया है.
वरिष्ठ पत्रकार सबा नक़वी ने भी इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है, "क्या रमज़ान के दौरान दिल्ली में अज़ान की इजाज़त नहीं है? ये दिल्ली दंगों से प्रभावित मुस्तफ़ाबाद का वीडियो है. जहां हिंसा में कई लोग मारे गए और कईयों ने अपने घर और दुकानें खो दीं."
कांग्रेस नेता सलमान निज़ामी ने भी इसे शेयर करते हुए लिखा है, "रमज़ान में अज़ान की इजाज़त नहीं है? लॉकडाउन में मस्जिद जाने की रोक होनी चाहिए लेकिन अज़ान पर रोक लगाना ना-क़ाबिले-बर्दाश्त है. दिल्ली के उप-राज्यपाल ने ऐसा आदेश दिया है तो उन्हें सामने आकर सफ़ाई देनी चाहिए."
क्या दिल्ली में अज़ान ना देने के सरकारी आदेश दिए गए हैं, और इस वीडियो की पूरी कहानी समझने के लिए बीबीसी ने अपनी पड़ताल शुरू की.
इस वीडियो में पुलिस कॉन्स्टेबल साफ़-साफ़ प्रेम नगर थाने का नाम ले रहे हैं. हमने ऑनलाइन सर्च के ज़रिए पता लगाया कि ये इलाक़ा पूर्वी-पश्चिमी दिल्ली स्थित रोहिणी में आता है.
इसके बाद हमने रोहिणी के डिप्टी पुलिस कमिश्नर एसडी मिश्रा से बात की.
उन्होंने बताया, "आज सुबह ही मैंने ये वीडियो देखा है. दरअसल उस कॉन्स्टेबल को अज़ान और नमाज़ के बीच का फ़र्क़ समझ नहीं आया और उसने ग़लत दावा कर दिया. सोशल डिस्टेंसिंग के कारण नमाज़ मस्जिदों में पढ़ने के लिए मनाही है लेकिन अज़ान पर कोई रोक नहीं है."
उन्होंने कहा, "ऐसा कोई भी ऑर्डर उप-राज्यपाल के कार्यालय से जारी नहीं किया गया है. हमने इस इलाक़े के सभी मस्जिदों के मौलवी लोगों को ये जानकारी दे दी है."
उन्होंने ये भी बताया कि कॉन्स्टेबल पर ग़लत जानकारी फैलाने के कारण अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई और रमज़ान में अज़ान पर कभी किसी रोक का फ़ैसला नहीं लिया गया है.
दरअसल अज़ान वो प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति मस्जिद से नमाज़ पढ़ने का आह्वान करता है.
बीबीसी ने अपनी पड़ताल में पाया है कि ये वीडियो मुस्तफ़ाबाद का नहीं है (जैसा कि दावा किया जा रहा है) बल्कि ये रोहिणी का है और इस तरह का कोई भी आदेश दिल्ली के उप-राज्यपाल की ओर से नहीं जारी किया गया है.
https://www.bbc.com से साभार

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