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''राहुल ने बिलकुल सही कहा. अगर आप टेस्ट ही नहीं करेंगे तो आपको संक्रमित लोगों की सही संख्या कैसे पता चलेगी? लॉकडाउन आख़िर कब तक आपको बचाएगा.''

राहुल गांधीइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES

भारत में कोरोनावायरस के मामले

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स्रोतः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
19: 53 IST को अपडेट किया गया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर देना कोरोना वायरस का इलाज नहीं है. राहुल के अनुसार टेस्टिंग ही कोरोना से लड़ने का सही हथियार है. उन्होंने देश में ज़्यादा से ज़्यादा टेस्ट कराने पर ज़ोर दिया.
राहुल गांधी ने कहा, ''बीते कुछ महीनों में मैंने देश-विदेश के कई विशेषज्ञों से बात की है. लॉकडाउन कोरोना वायरस का समाधान नहीं है. जब हम लॉकडाउन से बाहर आएंगे तो वायरस तेज़ी से फैलेगा. लॉकडाउन से हमें वो वक़्त मिला है जिसमें हम अपनी तैयारियां पूरी कर सकें. अस्पतालों की स्थिति, मेडिकल उपकरण और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बना सकें. ताकि जब वायरस का संक्रमण बढ़े तो हम उससे निपटने में सक्षम हों.''
उन्होंने कहा, वायरस के ख़िलाफ़ सबसे बड़ा हथियार टेस्टिंग है. अभी भारत में हर 10 लाख आदमी पर केवल 199 व्यक्तियों के टेस्ट किए जा रहे हैं जिसे बढ़ाने की ज़रूरत है. टेस्टिंग से ही हम पता लगा पाएंगे कि वायरस कहां है और उसे रोका जा सकता है. बीते 72 दिनों में हमने हर ज़िले में औसतन 350 टेस्ट किए हैं, जो कि बेहद कम है. अगर हम वायरस को हराना चाहते हैं तो हमें टेस्टिंग बढ़ानी होगी. अभी हम सिर्फ़ उन मामलों को देख रहे हैं जो पॉजिटिव हैं और सिर्फ उनके आधार पर ट्रेसिंग कर रहे हैं. लेकिन इस तरह की टेस्टिंग से हम वायरस को पूरी तरह पकड़ नहीं पाएंगे कि कहां है और कितना असर डाल रहा है.
राहुल ने कहा कि सरकार को मेरा सुझाव है कि टेस्टिंग बढ़ाए और टेस्टिंग की रणनीति बनाई जाए. उन्होंने मज़दूरों और दिहाड़ी करने वालों के लिए खाने का इंतज़ाम करने की वकालत करते हुए कि खाद्य क्षेत्रों को मज़बूत किया जाना चाहिए, ज़रूरतमंदों को राशन कार्ड दिया जाना चाहिए, न्याय स्कीम के तहत ग़रीबों के खाते में सीधे पैसा जाना चाहिए. कोरोना के ख़िलाफ़ तो लड़ाई अभी शुरू हुई है और ये लड़ाई लंबी चलेगी.
राहुल गांधी ने कहा कि ये समय सरकार और विपक्ष के बीच लड़ाई का नहीं है बल्कि ये कोरोना वायरस से लड़ने का समय है. उन्होंने सरकार के ज़रिए जारी किए गए आर्थिक पैकेज को बहुत थोड़ा बताते हुए और पैसे देने की बात की और प्रवासी मज़दूरों को लेकर रणनीति की आवश्यकता पर ज़ोर दिया.
उन्होंने सरकार को आगाह किया कि जल्दबाज़ी में कोरोना पर विजय पा लेने की बात नहीं करनी चाहिए.
कोरोना टेस्टइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES

क्या होगा राजनीतिक असर?

बीबीसी संवाददाता ब्रजेश मिश्र ने राजनीतिक विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार रशीद क़िदवई से बात की और मौजूदा हालात में राहुल गांधी की इन बातों के मायने समझने की कोशिश की.
रशीद क़िदवई कहते हैं कि कोरोना वायरस राजनीतिक अखाड़े का हिस्सा बन चुका है. लोग दूसरे पर आरोप लगाते हैं. सत्ताधारी पार्टी पर आरोप है कि वो दूसरों पर इल्ज़ाम लगाती है और कांग्रेस की इस पर ख़ास प्रतिक्रिया न होने पर भी सवाल होते हैं. राहुल गांधी ने सरकार को सुझाव दिए हैं और वो बातें कहीं जो वायरस से लड़ने के लिए ज़रूरी हैं.
हालांकि वो यह मानते हैं कि राहुल गांधी ने इस कॉन्फ्रेंस में विदेशों के विशेषज्ञों की बातों पर ज़्यादा ज़ोर दिया और उनकी बातें प्रमुखता से रखी हैं, जो कि सही नहीं है. हमारे देश में बहुत से विशेषज्ञ हैं जो इस बीमारी की समझ रखते हैं और इससे लड़ने की रणनीति बता रहे हैं. राहुल गांधी की बातों से लगता है कि शायद अपने देश के विशेषज्ञों पर उतना भरोसा नहीं है.
रशीद क़िदवई कहते हैं, ''जब इस तरह की राष्ट्रीय आपदा देश में आती है तो सत्तापक्ष ज़्यादा मजबूत होता है. हमारे देश की राजनीति में विषम परिस्थितियों में विपक्ष की भूमिका बेहद कम होती है. राहुल गांधी को फिलहाल कोई राजनीति फायदा नहीं होगा. वो यह ज़रूर कर सकते हैं कि जहां कांग्रेस की सरकारें हैं उन राज्यों में बेहतर सुविधाएं दें और हालात बेहतर करने की कोशिश करें, तो हो सकता है कि पार्टी को इसका फायदा मिले लेकिन सीधे तौर पर राहुल गांधी की छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा.''
कोरोना टेस्टइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
वो कहते हैं कि ज़्यादातर आबादी सरकार पर या प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री पर भरोसा करती है. यह समय ऐसा है कि राहुल गांधी अच्छी बात कहें या बेतुकी बात कहें, फायदा सिर्फ़ मोदी सरकार को ही होगा. जनता के बीच जाकर काम करेंगे तो ज़रूर आगे चलकर फायदा मिल सकता है. अगर कांग्रेस समाज में एकता बनाए रखने की कोशिश करे तो ज़रूर कुछ फायदा होगा.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और तमाम सरकारें इस महामारी को एक लड़ाई के रूप में पेश कर रही हैं जिसमें हम जीत हासिल कर लेंगे. लोगों के जेहन में ऐसी बात डाली जा रही है कि लॉकडाउन ख़त्म होने की तारीख विजय की तारीख होगी, जबकि परिस्थिति बहुत अलग है. कोरोना वायरस इतनी आसानी से ख़त्म नहीं होगा. इसकी कोई वैक्सीन नहीं है, कोई इलाज नहीं है. जब तक दवा नहीं मिल जाती मुश्किलें रहेंगी. यह लड़ाई लंबी है और इसके लिए हमें तैयार नहीं किया जा रहा है. भारत का शासक वर्ग लोगों के बीच काल्पनिक बातें कर रहा है कि एक ऐसी तारीख होगी जब सब कुछ ठीक हो जाएगा.
रशीद क़िदवई मानते हैं कि हमारा समाज ऐसा है जहां जागरूकता लाने की ज़रूरत है. महामारी को हराना किसी देश या राज्य से लड़ने से बिल्कुल अलग है. तो इस लड़ाई में जीत हासिल करने के लिए जो ज़रूरी जागरूकता लानी चाहिए, सोशल डिस्टेंसिंग, आइसोलेशन जैसी बातें लोगों को समझानी होंगी. लेकिन जनता कर्फ्यू से लेकर अब तक यह काम सरकार की ओर से सही ढंग से नहीं किया गया.
कोरोना लॉकडाउनइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES

राहुल के बयान की सोशल मीडिया पर चर्चा

राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस की चर्चा सोशल मीडिया पर भी हो रही है.
हमने कहासुनी के ज़रिए बीबीसी हिंदी के पाठकों से पूछा कि राहुल गांधी के बयान पर वो क्या सोचते हैं?
इस सवाल पर हमें काफ़ी प्रतिक्रियाएं मिलीं. पढ़िए कुछ चुनिंदा कमेंट्स.
ज्योतिष नाम के यूज़र ने लिखा, ''सरकार अच्छा काम कर रही है. राहुल गांधी को वो बातें बताने की ज़रूरत नहीं हैं, जो सब पहले से ही जानते हैं.''

भारत में कोरोनावायरस के मामले

यह जानकारी नियमित रूप से अपडेट की जाती है, हालांकि मुमकिन है इनमें किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के नवीनतम आंकड़े तुरंत न दिखें.
राज्य या केंद्र शासित प्रदेशकुल मामलेजो स्वस्थ हुएमौतें
महाराष्ट्र2919295187
दिल्ली15784232
तमिलनाडु124211814
मध्य प्रदेश11206453
राजस्थान10231473
गुजरात8716436
उत्तर प्रदेश7736813
तेलंगाना69812018
आंध्र प्रदेश5342014
केरल3882183
कर्नाटक3158213
जम्मू और कश्मीर300364
पश्चिम बंगाल231427
हरियाणा205433
पंजाब1862713
बिहार74291
ओडिशा60181
उत्तराखंड3790
हिमाचल प्रदेश35161
छत्तीसगढ़33170
असम3351
झारखंड2802
चंडीगढ़2170
लद्दाख17100
अंडमान निकोबार द्वीप समूह11100
गोवा750
मिज़ोरम701
पुडुचेरी710
मणिपुर210

स्रोतः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
19: 53 IST को अपडेट किया गया
कौशर लिखते हैं, ''राहुल ने बिलकुल सही कहा. अगर आप टेस्ट ही नहीं करेंगे तो आपको संक्रमित लोगों की सही संख्या कैसे पता चलेगी? लॉकडाउन आख़िर कब तक आपको बचाएगा.''
अनिल वर्मा ने लिखा, ''सही बात है. इस समस्या का सिर्फ एक ही समाधान है- टेस्ट. जब आप टेस्ट करेंगे, तभी आप लोगों को अलग कर पाएंगे.''
इरशाद लिखते हैं, ''एक आदमी ने सब चौपट किया हुआ है. राहुल गांधी हमेशा सही बात करते हैं. लेकिन कुछ लोग इनका मज़ाक उड़ाते हैं, जिसकी कीमत देश को नुकसान झेलकर चुकानी पड़ती है.''
शिल्पा लिखती हैं, ''अरे टेस्ट भी कुछ नहीं कर पाएगा. क्योंकि अभी तक इस बीमारी का इलाज नहीं खोजा जा सका है. इस इंसान को थोड़ा समझदार बनना चाहिए.''
अभिजीत ने लिखा, ''राहुल गांधी ने अपनी ज़िंदगी में पहली बार सही बात कही है. कोरोना को रोकने के लिए कोरोना सबसे ज़रूरी चीज़ है. लेकिन दुर्भाग्य से भारत के पास उतनी किट नहीं हैं, जिससे टेस्ट किया जा सके.''
विमल गुप्ता सवाल उठाते हैं, ''तो क्या सबको खुले में छोड़कर टेस्टिंग करवाना शुरू कर दें.''


कोरोना वायरस

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