कोरोना वायरस: चीन से भारत को क्यों नहीं मिले रैपिड किट, बढ़ी चिंता- प्रेस रिव्यू
भारत कोरोना वायरस के संक्रमण की लड़ाई में उपकरणों की कमी से जूझ रहा है. रैपिड टेस्टिंग किट पाँच अप्रैल को आना था. बाद में यह तारीख़ पाँच दिन और बढ़ी और अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर 15 अप्रैल को आने की बात कर रहा है.
हिन्दुस्तान टाइम्स ने इस रिपोर्ट को पहले पन्ने पर छापा है. अपनी रिपोर्ट में अख़बार ने लिखा है कि यह किट अगले फेज में कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने में अहम हथियार है लेकिन इसके आने में देरी हो रही है. अगले फेज की रणनीति में टेस्टिंग की संख्या बढ़ानी है.
रैपिड टेस्ट किट या आरटीके के ज़रिए ब्लड टेस्ट कर एंटिबॉडिज का पता लगाया जाता है. इसी से पता चलता है कि वो व्यक्ति संक्रमित है या नहीं. इससे तेज़ी से जाँच होती है. दुनिया भर के देशों में ऐसे ही टेस्ट किए जा रहे हैं. रैपिड टेस्ट किट्स की मांग दुनिया भर में है.
अभी आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जा रहा है. इसमें पाँच घंटे का वक़्त लगता है जबकि रैपिड टेस्ट किट्स से 30 मिनट में नतीजे मिल जाते हैं. आईसीएमआर में महामारी विज्ञान और संक्रामक बीमारी विभाग के प्रमुख डॉक्टर रमण आप गंगाखेड़कर ने कहा, ''चीन से आने वाला हमारा किट अमरीका गया या कहीं और इस पर हम कुछ नहीं कह सकते हैं. हमें कुछ नहीं पता है कि आपूर्ति कहां जा रही है. ये बात सही है कि किट्स चीन से आ रहे हैं और हमें बताया गया है कि 15 अप्रैल तक कुछ किट्स आ जाएंगे.''
हिन्दुस्तान टाइम्स से आईसीएमआर के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा है कि गुणवत्ता जाँच में कई किट फेल हो गए थे. ऐसे में चीनी नियामक नेशनल प्रोडक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी और केवल पाँच से छह एजेंसियों को ही इसकी बिक्री की अनुमति दी गई थी.
आईसीएमआर के उस अधिकारी ने कहा, ''गुणवत्ता जाँच बहुत ज़रूरी है क्योंकि हम वैसा कोई भी उत्पाद नहीं ले सकते जिसका इस्तेमाल ही ना हो. चीन से आने वाले किट की हम यहां भी रैंडम बेसिस पर जाँच करते हैं.''
अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पाँच लाख किट के ऑर्डर दिए गए हैं. आईसीएमआर ने 11 अप्रैल को 45 लाख और रैपिड टेस्टिंग किट्स के लिए टेंडर निकाला था. इसका पहला खेप एक मई और दूसरा 31 मई तक आने की बात कही जा रही है. भारत ने पाँच लाख किट का ऑर्डर चीन से 30 मार्च को ही किया था.
उम्मीद की जा रही थी कि यह आपूर्ति पाँच अप्रैल को आ जाएगी. भारत इसी आपूर्ति को देखते हुए चार अप्रैल को एंडिबॉडी जाँच के लिए नोटिफिकेशन भी जारी किया. बाद में इसे संशोधित कर नौ अप्रैल किया गया.
भारत के कई राज्यों से भी रैपिड टेस्ट किट्स के ऑर्डर भेजे गए हैं. तमिलनाडु ने चार लाख किट के ऑर्डर भेजे हैं. हिन्दुस्तान टाइम्स से सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ''चीन से किट्स केवल तमिलनाडु के लिए नहीं आने हैं. वेंडर्स की ओर से बताया गया कि सात लाख किट्स आने थे. इनमें से पाँच लाख भारत सरकार के पास आने थे. एक लाख तमिलनाडु के लिए और एक लाख बाक़ी के राज्यों के लिए. दुर्भाग्य से कुछ समस्या हुई और अब तक यह आपूर्ति नहीं आई.''
तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव बीला राजेश ने सोमवार को कहा कि उम्मीद की जा रही है कि किट दो दिन में आ जाएंगे लेकिन तमिलनाडु ने आरटी-पीसीआर के ज़रिए टेस्ट की संख्या पहले ही बढ़ा ली है. उन्होंने कहा, ''हमने चार लाख किट के ऑर्डर किए हैं और ये एक से दो दिन में आ जाएंगे. हमलोग व्यापक पैमाने पर टेस्ट करने जा रहे हैं.''
शनिवार को तमिलनाडु के मुख्य सचिव के शन्मुगम ने पत्रकारों से कहा था कि जो किट्स भारत आने वाले थे उसे चीन ने अमरीका भेज दिया था.
दिल्ली और महाराष्ट्र में बढ़ा संक्रमण का दायरा
दैनिक जागरण ने दिल्ली और महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मामले को पहले पन्ने की लीड स्टोरी बनाई है. अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि महाराष्ट्र और दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले अब डराने लगे हैं. सोमवार को अकेले इन्हीं दो राज्यों में सात सौ से ज़्यादा नए मामले सामने आए.
पूरे देश की बात करें तो 1200 से ज़्यादा नए केस मिले हैं. दोनों राज्यों के साथ ही पूरे देश में एक दिन में नए मामलों के ये सबसे बड़े आँकड़े हैं. अख़बार के अनुसार दिल्ली में कोरोना के 356 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 325 का संबंध तब्लीग़ी जमात से है. यानी 90 प्रतिशत से अधिक.
सोमवार को देश में संक्रमितों का आँकड़ा भी 10 हज़ार को पार कर गया है. 26 और लोगों की मौत भी हुई है. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय ने पिछले चौबीस घंटे में 796 नए केस मिलने की जानकारी दी है, जिनको मिलाकर संक्रमितों की संख्या 9,352 हो गई है, जबकि 324 लोगों की अब तक जान गई है और 980 लोग स्वस्थ भी हुए हैं.
राज्य सरकारों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिलने वाले आँकड़ों में अंतर पर अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार को राज्यों से आँकड़े मिलने में देरी होती है, आँकड़ों को संकलित करने में भी समय लगता है, जिसके चलते आँकड़ों में यह अंतर देखने को मिलता है.
राज्यों से मिली सूचनाओं के आधार पर सोमवार को 1279 नए मामले सामने आए हैं. इनको मिलाकर संक्रमितों का आंकड़ा 10,455 पर पहुंच गया है. सोमवार को महाराष्ट्र में 12, मध्य प्रदेश में पाँच, दिल्ली में चार, गुजरात और यूपी में दो-दो और कर्नाटक में एक व्यक्ति की मौत हो गई. इसके साथ ही मृतकों की संख्या 349 पर पहुंच गई है. अभी तक 1,062 लोग पूरी तरह से स्वस्थ भी हुए हैं.
राजधानी दिल्ली में संक्रमितों की संख्या में अचानक उछाल आया है. यहां कुल संक्रमितों की संख्या 1,510 हो गई है. महाराष्ट्र में भी 352 नए केस मिले हैं और कुल 2,334 संक्रमित हो गए हैं. मुंबई में ही 150 नए मामले सामने आए हैं. इन दो राज्यों में ही देश के 40 फ़ीसद संक्रमित हो गए हैं. इस बीच केजरीवाल सरकार ने राजधानी में 47 रेड जोन बनाए, सघन सैनिटाइजेशन अभियान छेड़ दिया है.
बीबीसी हिंदी से साभार
बीबीसी हिंदी से साभार
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