नई दिल्ली: Coronavirus Pandemic: कोरोना वायरस संकट जैसी राष्ट्रीय आपदा की स्थिति का सामना करने के लिए गठित प्राइममिनिस्टर्स सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशंस या PM CARES फंड का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा अंकेक्षण (ऑडिट) नहीं करवाया जाएगा. सूत्रों ने शुक्रवार को एनडीटीवी को यह जानकारी दी. CBI कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि चूंकि यह फंड व्यक्तियों और संगठनों के दान पर आधारित है, इसलिए हमें इस चैरिटेबल ट्रस्ट के ऑडिट का कोई अधिकार नहीं है.
28 मार्च को कैबिनेट द्वारा गठित PM CARES ट्रस्ट के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेयरपर्सन और वरिष्ठ कैबिनेट सदस्य ट्रस्टी हैं.CAG के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जब तक ट्रस्टी हमसे ऑडिट करने के लिए नहीं कहेंगे, हम खातों का ऑडिट नहीं करेंगे." रिर्पोर्टों के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने कथित तौर पर कहा है कि ट्रस्टियों द्वारा नियुक्त PM CARES फंड का स्वतंत्र लेखा परीक्षकों द्वारा ऑडिट किया जाएगा.
गौरतलब है कि कोरोनोवायरस के प्रकोप के बाद से, प्रधानमंत्री, कॉरपोरेट्स और प्रतिष्ठित सार्वजनिक हस्तियों की ओर से आर्थिक योगदान करने की कई अपील की गई हैं. हाल ही में, कैबिनेट सचिव ने सचिवों से आग्रह किया था कि वे अपने सभी अधिकारियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य लोगों से PM CARES फंड में योगदान करने के लिए कहें. हालांकि ऐसे समय जब प्रधानमंत्री का राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) पहले से मौजूद है, विपक्ष में इस फंड की जरूरत पर सवाल उठाए हैं. कई मुख्यमंत्रियों ने भी अपने राज्य राहत कोष से अधिक PM CARES फंड को तरजीह दिए जाने पर सवाल खड़ा किया था.सूत्रों के अनुसार, PMNRF का कैग द्वारा ऑडिट नहीं किया जाता है, लेकिन इसने सरकार के ऑडिटर को यह सवाल पूछने से नहीं रोका था कि 2013 के उत्तराखंड में आई बाढ़ के बाद राहत के लिए धन का उपयोग कैसे किया गया था?
न्यूज़ सोर्स
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