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मध्य प्रदेश में यह कौन सा गेम चल रहा ? तब तो मुँह दिखाने के लायक भी नहीं रह जाएंगे कुछ चेहरे ?

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दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को देखकर यह साफ लग रहा है कि जांच एकतरफा है :दिल्ली हाईकोर्ट

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By   jjpnewshindi  - May 30, 2020         नई दिल्ली :दिल्ली का हिंसा  (delhi violence)  किसे याद नहीं ,पूरी दुनिया इसे जानती है के 24 फरवरी को क्या हुआ था , दिल्ली के सांप्रदायिक हिंसा  (delhi-violence)  ने उत्तर पूर्वी दिल्ली को घेर लिया था। जिसमें तीन दिनों में कम से कम 53 लोग मारे गए थे। जिनमें से अधिकांश मुस्लिम थे। ठीक एक महीने बाद, कोरोनावायरस  (coronavirus)  के चलते देशभर में लॉक डाउन लगा दिया गया है लोगों के ज़िन्दगी की रफ़्तार थम सी गई है लेकिन हिंसा में दिल्ली पुलिस की जांच नहीं रुकी है । लेकिन पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ( Delhi police  )की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए पीपुल्स यूनियन फ़ॉर डेमोक्रेटिक राइट्स  (PUDR)  ने कहा था दिल्ली पुलिस ठीक से जांच नहीं कर रही है ।अब जांच पर सवाल उठाते हुए अदालत  ( high-court )ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई। कोर्ट ने जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि केस डायरी देखने से यह  एकतरफा लगती है। अदालत ने इसके मद्देनजर संबंधित पुलिस उपायुक्त को निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त स

कोरोना वायरस के दौर में मुंबई पुलिस के किस आदेश पर बरपा है हंगामा?

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मयूरेश कोण्णूर मुंबई से, बीबीसी मराठी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES सोशल मीडिया पर कोविड-19 से जुड़ी भ्रामक जानकारी फैलाने को लेकर मुंबई पुलिस के नए आदेश पर महाराष्ट्र में सियासत तेज़ हो गई है. बीजेपी ने प्रदेश की शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी सरकार की आलोचना की है और कहा है कि कोरोना वायरस फैलने से रोकने में नाकाम रही प्रदेश सरकार अपनी आलोचना नहीं बर्दाश्त कर पा रही. इस आदेश को मीडिया और अभिव्यक्ति की आज़ादी के ख़िलाफ़ कदम भी कहा जा रहा है इधर, मुंबई पुलिस स्पष्ट किया है इसका उद्देश्य किसी को सरकार की आलोचना करने से रोकना नहीं है बल्कि भ्रामक जानकारियां फैलने से रोकना है. मुंबई पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी डीसीपी प्रणय अशोक ने मई 23 को एक आदेश जारी कर कहा था, "ये देखने में आया है कि व्हाट्सऐप, ट्विटर, फ़ेसबुक, टिकटॉक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिय प्लेटफॉर्म और इंटरनेट मैसेजिंग के ज़रिए भ्रामक जानकारी, ग़लत जानकारी, वीडियो और तस्वीरें शेयर क