प्रवासी मजदूरों की ये कैसी कहानी ? इस संगीन कहानी के लिए जिम्मेदार कौन ? पढ़िये एक रिपोर्ट ?
भारत के प्रवासी मज़दूरों की यह अंतहीन राह
कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए एक तरफ़ सरकार ने लॉकडाउन लगाया तो दूसरी तरफ शहरों से गांवों की तरफ़ मज़दूरों का पलायन शुरू हुआ.
लॉकडाउन के कारण देश भर में रेल सेवा बंद है और सड़कों पर यातायात भी नहीं है. ऐसे में ये मज़दूर साइकिल पर या पैदल की अपने गाँवों की तरफ़ लौट पड़े हैं.
इसी साल 25 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद शुरू हुआ पलायन का ये सिलसिला अब भी थमता नहीं दिख रहा. हर रोज़ शहरों से हज़ारों की संख्या में मज़दूरों का पलायन जारी है.
लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई तक है. हालांकि इसके बाद लॉकडाउन बढ़ेगा या नहीं इस पर अभी कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है.
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