#CoronaVirus :- क्या पुतिन ने भी की ट्रंप वाली 'ग़लती'?
दुनिया की एक और ताक़त कोरोना वायरस की चपेट में बुरी तरह से आ चुका है. दुनिया की तीन बड़ी ताक़तें कोरोना वायरस की चपेट में बारी-बारी से आईं. चीन से कोरोना वायरस के संक्रमण शुरुआत हुई और अमरीका में 83 हज़ार लोगों की जान ले चुका है. अब रूस इसकी चपेट में है. कोरोना वायरस के कारण चीन की वैश्विक छवि बुरी तरह से प्रभावित हुई और अमरीका में पिछले एक महीने से हर दिन सैकड़ों लाशें क़ब्रिस्तान पहुंच रही हैं.
मार्च महीने में रूस में संक्रमण के कम मामले आने के बाद अब यहां तेज़ी से लोग संक्रमित हो रहे हैं. संक्रमण दर के मामले में रूस दूसरे नंबर पर आ गया है. कहा जा रहा है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की तरह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी कोरोना की गंभीरता को कमतर आँका. 18 मार्च को राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं.
पुतिन ने यह भी कहा था कि रूस इस मामले में बाक़ी देशों की तुलना में बहुत अच्छी स्थिति में है. उसके बाद से रूस में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते गए. रूस में कोरोना संक्रमितों की कुल तादाद दो लाख 20 हज़ार से भी ज़्यादा हो गई है. अभी रूस से केवल अमरीका, स्पेन और ब्रिटेन में संक्रमितों की तादाद ज़्यादा है. आज शाम तक बहुत संभव है कि रूस संक्रमण के मामले में ब्रिटेन से भी आगे निकल जाए.
रूस के नंबर पर उठ रहे सवाल
संक्रमितों की बढ़ती तादाद के बावजूद बाक़ी देशों की तुलना में मरने वालों की संख्या रूस में बहुत कम है. कई लोग इस पर हैरानी जता रहे हैं. रूस दो हज़ार के क़रीब मौत बता रहा है जबकि ब्रिटेन में अब तक 32 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. रूस में मृतकों की कम तादाद होने के पीछे एक वजह वहां की गिनने की प्रक्रिया है.
अमरीका में अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मरता है तो उसे कोरोना वायरस से मरने वालों की श्रेणी में रखा जा रहा है. वहीं रूस में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी सभी मृतकों को इस श्रेणी में नहीं रखे जाने की बात कही जा रही है. हालांकि मॉस्को टाइम्स से अधिकारियों ने ऐसे आरोपों को ख़ारिज किया है.
रूस में पुतिन की लोकप्रियता कम हुई है. लेवाडा सेंटर के पोल से पता चला है कि पुतिन का रूस में समर्थन कम हुआ है. जब पुतिन अभी और कार्यकाल के लिए सोच रहे हैं ऐसे में कम होती लोकप्रियता और ऊपर से कोरोना वायरस कहीं भारी न पड़ जाए. कहा जा रहा है कि रेटिंग में आई गिरावट के कारण ही पुतिन ने लॉकडाउन में ढील देने का फ़ैसला किया था.
https://www.bbc.com/hindi/live से साभार
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