बिना ट्रांज़िट रिमांड के ही कानपुर ले जाया जा रहा था- एमपी पुलिस || विकास दुबे को गुरुवार के दिन उज्जैन से गिरफ़्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले कर दिया गया था. मध्य प्रदेश पुलिस का हवाला देते हुए द हिंदू अख़बार लिखता है कि विकास दुबे को बिना मजिस्ट्रेट से ट्रांज़िट रिमांड लिए बग़ैर ही कानपुर ले जाया जा रहा था. मध्य प्रदेश के एडीजी आदर्श कटियार के मुताबिक़, 'ट्रांज़िट रिमांड उत्तर प्रदेश पुलिस को लेना था क्योंकि उन्हें उसकी तलाश थी, ये फ़ैसला उनको करना था'. विकास दुबेइमेज कॉपीरइटANI उत्र प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने गुरूवार को कहा था कि दुबे को ट्रांज़िट रिमांड पर प्रदेश लाया जाएगा.

विकास दुबे की 'मुठभेड़' में मौत पर पत्नी और मां क्या बोलीं - प्रेस रिव्यू




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कानपुर मुठभेड़ के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे का अंतिम संस्कार शुक्रवार देर शाम कानपुर के भैरोंघाट स्थित विद्युत शवदाह गृह मे हुआ. इस दौरान विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे, बेटा और कुछ जानने वाले मौजूद थे.
मीडिया का जमावड़ा था और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम. इस दौरान जब विकास दुबे की पत्नी से इस मुठभेड़ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिसने ग़लती की, उसे सज़ा मिली.
हिंदुस्तान अख़बार ने इस ख़बर को छापा है. अख़बार के मुताबिक़, जब ऋचा से पूछा गया कि क्या वो मानती हैं कि उनके पति ने ग़लती की? इस पर ऋचा ने जवाब दिया- हां...हां...हां.
क्या विकास दुबे के साथ जो हुआ वो सही हुआ?
इस सवाल के जवाब में ऋचा ने कहा, हां सही हुआ.
लेकिन सवालों के जवाब देने के बाद ऋचा मीडिया पर भड़क गईं.
विकास दुबे के 12 साल के बेटे की एक तस्वीर कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. जिसमें वो अपनी मां ऋचा के साथ घुटनों के बल बैठे हुए दिख रहे थे. अंतिम संस्कार के दौरान वो अपनी मां के साथ-साथ ही दिखाई दिया.
वहीं विकास दुबे के पिता ने पहले ही कह दिया था कि वे अपने बेटे के अंतिम दर्शन के लिए नहीं जाएंगे. विकास दुबे की मां को जब बेटे के मौत की ख़बर मिली तो वे गुमसुम हो गईं. हालांकि बाद में जब लोगों ने उनसे बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि विकास को किये की सज़ा मिली है. वो भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुईं.
शुक्रवार को हुई मुठभेड़ मे क़रीब पांच पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. अख़बार ने इस काफ़िले में शामिल पुलिस कर्मियों के हवाले से लिखा है कि हिरासत में होने के बावजूद विकास की दबंगई में कोई कमी नहीं आई थी और वो रास्ते में भी पुलिस वालों को धमका रहा था. उसने पुलिस वालों को चुनौती दी थी कि कोई उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगा.



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विकास दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका

विकास दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाख़िल की थी जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस को उनकी जान की हिफ़ाज़त करने का निर्देश जारी करने की मांग की थी.
जनसत्ता अख़बार की ख़बर के मुताबिक़, विकास दुबे ने शुक्रवार को हुई मुठभेड़ के कुछ घंटे पहले ही यह याचिका दायर की थी. अख़बार के मुताबिक़, विकास दुबे ने याचिका में यह सुनिश्चित करने की मांग की थी कि वह पुलिस के हाथों ना मारा जाए.
याचिका में कानपुर के चौबेपुर थाना अंतर्गत हुई मुठभेड़ और उसमें मारे गए आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में कथित तौर पर विकास दुबे के सहयोगियों की मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर एफ़आईआर दर्ज करने और शीर्ष अदालत की देखरेख में सीबीआई जांच की मांग की गई थी.



योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद से अब तक 119 की क्रॉस फ़ायरिंग में मौत

साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट के निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत उत्तर प्रदेश सरकार विकास दुबे की मौत की जांच करेगी.
साल 2017 में योगी आदित्यनाथ के राज्य की सत्ता संभालने के बाद से क्रॉस फ़ायरिंग में अब तक 119 लोगों की मौत हो चुकी है. विकास दुबे इस क्रम में 119वां शख़्स था. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, एंकाउंटर के 74 मामलों में मजिस्ट्रेट स्तर की पूछताछ और जांच पूरी हो चुकी है. ये वो मामले हैं जिनमें मौत हुई और इन सभी मामलों में पुलिस को क्लीन चिट मिली है.
वहीं 61 मामलों में पुलिस द्वारा दायर की गई क़्लोज़र रिपोर्ट को अदालत ने स्वीकार कर लिया है. रिकॉर्ड्स के मुताबिक़, अब तक 6145 ऑपरेशन हुए हैं जिसमें 119 लोगों की मौत हुई है और 2258 लोग घायल हुए हैं. 13 पुलिस कर्मियों की जान गई है, इसमें से आठ बीती 2-3 जुलाई को मारे गए पुलिसकर्मी हैं. वहीं 885 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं.

बीजेपी नेता उमा भारती ने उज्जैन से गिरफ़्तारी पर उठाए सवाल

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती ने विकास दुबे की उज्जैन से गिरफ़्तारी पर सवाल उठाए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, उमा भारती ने सवाल उठाया है "आख़िर विकास दुबे उज्जैन पहुंचा कैसे? उसने मंदिर प्रांगण में कितना समय व्यतीत किया? आख़िर उसकी पहचान होने में इतना समय क्यों लगा जबकि टीवी पर लगातार उसका चेहरा दिखाया जा रहा था?"

बिना ट्रांज़िट रिमांड के ही कानपुर ले जाया जा रहा था- एमपी पुलिस

विकास दुबे को गुरुवार के दिन उज्जैन से गिरफ़्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले कर दिया गया था.
मध्य प्रदेश पुलिस का हवाला देते हुए द हिंदू अख़बार लिखता है कि विकास दुबे को बिना मजिस्ट्रेट से ट्रांज़िट रिमांड लिए बग़ैर ही कानपुर ले जाया जा रहा था. मध्य प्रदेश के एडीजी आदर्श कटियार के मुताबिक़, 'ट्रांज़िट रिमांड उत्तर प्रदेश पुलिस को लेना था क्योंकि उन्हें उसकी तलाश थी, ये फ़ैसला उनको करना था'.



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उत्र प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने गुरूवार को कहा था कि दुबे को ट्रांज़िट रिमांड पर प्रदेश लाया जाएगा.
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