डॉक्टर कफ़ील ख़ान की हिरासत अवधि बढ़ी, 13 नवंबर तक जेल में रहेंगे: दिन भर की बड़ी ख़बरें


डॉक्टर कफ़ील की हिरासत अवधि बढ़ी, 13 नवंबर तक रहेंगे जेल मेंइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित डॉक्टर कफ़ील ख़ान की हिरासत अवधि तीन महीने तक के लिए और बढ़ा दी गई है. डॉक्टर कफ़ील पिछले 6 महीने से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मथुरा जेल में बंद हैं.पिछले चार अगस्त को गृह विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 (2) के तहत कफ़ील खान को 13 फरवरी 2020 को अलीगढ़ ज़िला मजिस्ट्रेट के आदेश पर निरुद्ध किया गया है. आदेश में आगे कहा गया है कि इस अधिनियम की धारा 10 के तहत यह प्रकरण कंसल्टेटिव काउंसिल के पास भेजा गया था जिसने रिपोर्ट दी है कि कफ़ील को जेल में रखने के पर्याप्त कारण मौजूद हैं, लिहाज़ा बीते छह मई को उन्हें रासुका के तहत तीन महीने और जेल में रखे जाने के आदेश दिए थे. आदेश में कहा गया है कि परामर्शदात्री परिषद की रिपोर्ट के आधार पर सरकार को यह समाधान हो गया है कि उन्हें अभी और निरुद्ध रखने की ज़रूरत है. यानी अब डॉ. कफील कम से कम 13 नवंबर तक जेल में रहेंगे. इस दौरान, इलाहाबाद हाईकोर्ट मे कई बार उनकी ज़मानत पर सुनवाई नहीं हो सकी. इस आदेश से नाराज़ डॉक्टर कफ़ील की पत्नी डॉ. शबिस्ता ख़ान ने एक विडियो जारी करके सवाल किया है कि उनके पति को किस जुर्म की सज़ा दी जा रही है.

जनता दल (यूनाइटेड) ने श्याम रजक को निकाला

बिहार सरकार में मंत्री श्याम रजक को जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता राजीव रंजन ने श्याम रजक के निष्कासन पर कहा है कि उन पर दल विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था. यह अनुशासनहीनता है और पार्टी से बड़ा कोई नहीं होता है.
इस निष्कासन के बाद उन्हें नीतीश कुमार सरकार से उद्योग मंत्री के तौर पर भी हटा दिया गया है.
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"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"