सुशांत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कुछ बुनियादी जानकारियाँ कम!
भारत ने पकड़ा संयुक्त राष्ट्र के नाम पर पाकिस्तान का 'झूठ' – प्रेस रिव्यू
पाकिस्तान को अपने एक दावे की वजह से अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर सवालों का सामना करना पड़ रहा है.
द ट्रिब्यून अख़बार के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में अलग-थलग पड़े पाकिस्तान ने अपने स्थाई मिशन की वेबसाइट पर एक झूठा दावा पेश किया कि 'उसकी ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद के मुद्दे पर भाषण दिया गया', जबकि सच्चाई ये है कि पाकिस्तान के राजदूत ने परिषद में आतंकवाद पर कोई भाषण नहीं दिया.
अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़, पाकिस्तान सोमवार को हुई परिषद की ऑनलाइन मीटिंग में वक्ताओं की लिस्ट में भी नहीं था और ना ही परिषद की बैठक के असली वीडियो में पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि मुनीर अक़रम हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, मुनीर अक़रम का बयान सोशल मीडिया पर भी शेयर किया जा रहा है जिसमें कहा गया है कि 'तहरीक़े इंसाफ़ तालिबान पाकिस्तान और जमात-उल-अहरार को भारतीय चरमपंथी सिंडिकेट का समर्थन प्राप्त है और भारत ने 'भाड़े के चरमपंथियों' का इस्तेमाल किया.' पाकिस्तान ने दावा किया कि यह बयान मुनीर अक़रम ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दिया.
लेकिन भारत ने सवाल उठाया है कि 'हम यह जानने में विफल हैं कि पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि ने अपना बयान आख़िर दिया कहाँ, क्योंकि सुरक्षा परिषद के सोमवार के सत्र में ग़ैर-सदस्य राष्ट्रों को बोलने की अनुमति नहीं थी.' पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं है.
सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे मुनीर अक़रम के बयान पर भारत ने कहा कि 'यह बयान ऐसे देश से आ रहे हैं जो सीमा पर आतंकवाद का ज्ञात प्रायोजक है और जिसने पूरे विश्व को अपनी हरकतों से नुक़सान पहुँचाया है.'
अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत ने इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र को औपचारिक रूप से पत्र लिखा है और पाकिस्तान के 'झूठे दावे' के बारे में अपनी बात रखी है.
अख़बार लिखता है कि संयुक्त राष्ट्र में फ़र्ज़ी चीज़ें पेश करना पाकिस्तान की पुरानी रणनीति है. साल 2017 में महासभा के सत्र में उस समय पाकिस्तान की स्थाई प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने गाज़ा पट्टी की एक फ़लस्तीनी लड़की की तस्वीर को दिखाते हुए यह दावा किया था कि वो लड़की कश्मीरी है.
NEET और JEE की परीक्षा टलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे सात राज्यों के मुख्यमंत्री
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया अख़बार के अनुसार, नीट और जेईई की परीक्षाएं स्थगित करने की माँग का समर्थन करते हुए विपक्ष शासित प्रदेशों के सात मुख्यमंत्रियों ने बुधवार को निर्णय लिया कि वे इस मुद्दे पर संयुक्त रूप से उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे.
नीट और जेईई की परीक्षाएं मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिये ली जाती हैं और इस वर्ष कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को देखते हुए छात्र और अभिभावक इन परीक्षाओं को थोड़ा टालने की माँग कर रहे हैं.
अख़बार ने लिखा है कि छह प्रदेशों और एक केंद्र शासित प्रदेश ने परीक्षाएं स्थगित करने की माँग का समर्थन किया है.
इनमें द्रमुक और आम आदमी पार्टी ने कोरोना संकट के समय इन परीक्षाओं को स्थगित करने की माँग का समर्थन किया है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ डिजिटल बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने कहा कि इन परीक्षाओं को रोकने के लिए राज्यों को उच्चतम न्यायालय का रुख करना चाहिए.
हालांकि, झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि न्यायालय जाने से पहले मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात कर परीक्षाओं को टालने की माँग करनी चाहिए.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का कहना था कि 'सितंबर में कोरोना वायरस के मामले और बढ़ सकते हैं, ऐसी स्थिति में परीक्षाएं कैसे कराई जा सकती हैं?' वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सवाल किया कि 'आज कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है और संकट बढ़ गया है तो परीक्षाएं कैसे ली जा सकती हैं?'
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी इन परीक्षाओं को स्थगित करने की पैरवी की और केंद्र सरकार के निर्णय के ख़िलाफ़ न्यायालय का रुख करने के विचार से सहमति जताई.
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नीट और जेईई की परीक्षाएं स्थगित करने की माँग करते हुए केन्द्र सरकार से छात्रों के चयन के लिये वैकल्पिक पद्धति पर काम करने का भी अनुरोध किया.
सिसोदिया ने कहा, ''तमाम क़दम उठाने के बावजूद बहुत सारे शीर्ष नेता संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. ऐसे में हम 28 लाख छात्रों को परीक्षा केन्द्र भेजने का जोखिम कैसे उठा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे इसकी चपेट में नहीं आएंगे.''
ग़ौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेन) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) तय कार्यक्रम के अनुसार सितंबर में ही आयोजित की जाएंगी.
सुशांत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कुछ बुनियादी जानकारियाँ कम!
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में लगातार नई चीज़ें सामने आ रही हैं.
मुंबई मिरर अख़बार ने लिखा है कि सीबीआई ने बुधवार को सुशांत सिंह राजपूत के केस में उनके रसोइये नीरज सिंह और दोस्त सिद्धार्थ पिठाने से पूछताछ की.
रिपोर्ट के अनुसार, पिठाने मुंबई के अंधेरी स्थित एक होटल के मुलाज़िम हैं और कथित तौर पर वे कई सप्ताह से उसी होटल में रह रहे थे.
अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई की टीम इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या 14-15 जून को सुशांत की ओटॉप्सी करने में किसी तरह की देरी की गई. अधिकारियों के मुताबिक़, सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का संभावित समय और अंतिम भोजन के बारे में कोई ब्यौरा नहीं है.
दैनिक अख़बार अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, सुशांत के दोस्त सिद्धार्थ पिठाने ने सीबीआई से पूछताछ के दौरान यह भी बताया कि सुशांत का घर छोड़ने से पहले रिया चक्रवर्ती ने एक आईटी प्रोफ़ेशनल को भी बुलाया था और उससे आठ कम्पयूटर हार्डडिस्क नष्ट कराये थे. इसके बाद रिया अपने भाई शोविक के साथ सुशांत का घर छोड़कर चली गई थीं.
पिठाने ने बताया कि यह पूरी घटना 8 जून को हुई थी.
पिठाने के इस बयान पर बुधवार रात सुशांत के पारिवारिक वकील विकास सिंह का बयान आया. उन्होंने कहा, 'जब आप कुछ दिनों के लिए जा रही थीं तो हार्डड्राइव ले जाने का औचित्य समझ नहीं आता. साफ़ था कि वे हमेशा के लिए जा रही थीं और उनको ये भी अंदेशा था कि सुशांत के साथ कुछ होने वाला है और ये हार्डड्राइव सुशांत के नहीं रहने के बाद उनको दिक्कत पहुँचा सकती हैं.'
उन्होंने यह भी कहा कि 'उन हार्डड्राइव्स में कुछ तो ऐसा था जिससे रिया की भागेदारी स्पष्ट होती है. वो हार्डड्राइव ड्रग्स से जुड़ा था या किसी और चीज़ को साबित करने के लिए था, ये तो जाँच ही बताएगी.'
अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को रिया चक्रवर्ती के डिलीट किये हुए मैसेज भी निकाले गये. इनके अनुसार सुशांत भी ड्रग्स ले रहे थे.
इन संदेशों पर विकास सिंह ने कहा कि सुशांत के 'दिमाग़ को नियंत्रित' करने के लिए शायद उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती ने बिना उनकी जानकारी के उन्हें प्रतिबंधित ड्रग खिलाये हों.
विकास सिंह ने कहा, ''ऐसा जान पड़ता है कि सुशांत की जानकारी के बिना उन्हें प्रतिबंधित ड्रग दिये गये ताकि उनके दिमाग को नियंत्रित करने और उन्हें सामान्य स्थिति से दूर रखा जा सके."
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