सऊदी प्रिंस सलमान पर पूर्व जासूस की हत्या की साज़िश रचने का आरोप

 


क्राउन प्रिंस सलमानइमेज कॉपीरइटREUTERS

सऊदी अरब के शहज़ादे प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर एक पूर्व सऊदी ख़ुफ़िया अधिकारी को मारने के लिए कनाडा में हिट स्क्वाड भेजने का आरोप लगाया गया है. 

अमरीका की एक अदालत में दायर किये गए दस्तावेज़ों में आरोप लगाया गया है कि साद अल-जाबरी को मारने की ये साज़िश पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या के तुरंत बाद रची गई थी.

सऊदी अरब में एक वरिष्ठ अधिकारी रहे साद अल जाबरी तीन साल पहले भागकर निर्वासन में कनाडा चले गए थे. उसके बाद से वो टोरंटो में रह रहे हैं जहाँ उन्होंने प्राइवेट सुरक्षाकर्मियों की सेवा ली हुई है.

अदालती दस्तावेज़ों के मुताबिक़, यह कथित साज़िश तब असफल हो गई जब टोरंटो के पियर्सन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यात्रियों के पासपोर्ट की जाँच करने वाले अधिकारियों को कनाडा जाना चाह रहे हिट-स्क्वाड के लोगों पर शक हुआ.

61 वर्षीय जाबरी कई सालों तक ब्रिटेन की एमआई6 और सऊदी अरब में पश्चिमी देशों की कई जासूसी एजेंसियों के एक महत्वपूर्ण मददगार रहे थे.

उन्होंने पश्चिमी देशों के ख़िलाफ़ अल क़ायदा के बम धमाके की साज़िश को नाकाम करने में मदद की थी.

इस शिकायत पत्र में क्या कहा गया है?

वॉशिंगटन डीसी में दायर इस 106 पन्नों क अप्रमाणित शिकायत पत्र में क्राउन प्रिंस पर जाबरी की हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है.

इन दस्तावेजों में कथित भ्रष्टाचार की भी बात की गई है साथ ही टाइगर स्क्वायड का भी ज़िक्र किया गया है.

क्राउन प्रिंस सलमानइमेज कॉपीरइटBANDAR AL-GALOUD
Image captionसाद अल जाबरी (पीले घेरे में) तीन साल पहले कनाडा निर्वासित हो गए थे

टाइगर स्क्वायड के सदस्य पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या में शामिल थे. 

जमाल ख़ाशोज्जी सऊदी अरब के नागरिक थे, लेकिन वो अमरीका में रहते थे. ख़ाशोज्जी सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में कुछ दस्तावेजों के लिए गए थे, लेकिन वो वहां से लौटे नहीं.

आरोप पत्रों में कुछ जगहों पर क्राउन प्रिंस सलमान से जुड़ी बेहद संवेदनशील और अपमानजनक जानकारी है.

इसके अलावा जाबरी की कुछ ऐसी रिकॉर्डिंग भी हैं जिसमें उन्होंने उनकी हत्या की आशंका जताई थी.

खाशोज्जीइमेज कॉपीरइटEPA

आरोप पत्र के मुताबिक़, "यही वजह है कि प्रतिवादी प्रिंस सलमान उन्हें मारना चाहते हैं और पिछले तीन सालों से वो इसे अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं."

जाबरी ने आरोप लगाया है कि क्राउन प्रिंस सलमान ने उन्हें वापस सऊदी लाने की बार-बार कोशिश की. यहां तक कि निजी संदेश तक भेजे. जिसमें से एक संदेश में उन्होंने लिखा "हम निश्चित रूप से आप तक पहुंचेंगे."

जाबरी का दावा है कि जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या के सिर्फ़ दो हफ़्ते बाद टाइगर स्क्वायड ने उन्हें मारने के लिए कनाडा की यात्रा की थी. इनमें से एक शख़्स उस डिपार्टमेंट का भी था जिस डिपार्टमेंट के एक शख़्स पर काले रंग के दो बैग में फॉरेंसिक टूल्स लिए हुए था. 

खाशोज्जी मामले में तुर्की के अधिकारियों का कहना था कि उनके पास वो सबूत हैं, जिससे यह पता चलता है कि ख़ाशोज्जी की सऊदी अरब के एजेंट्स की एक टीम ने हत्या की है.तुर्की के सरकार में क़रीबी संपर्क रखने वाले अख़बार ने कथित ऑडियो के भयानक डिटेल्स छापे थे, इस ऑडियो में पूछताछ और यातना दिए जाने के दौरान ख़ाशोज्जी की चीखों की आवाज़ आने का दावा किया गया था.

तुर्की के मीडिया का कहना था कि उन्होंने संदिग्ध सऊदी एजेंटों की एक 15 सदस्यीय टीम की पहचान की है जो ख़ोशोज्जी के गायब होने के दिन इस्तांबुल से बाहर निकल गई थी.तुर्की के अधिकारियों का कहना है कि ये ग्रुप अपने साथ एक बोन कटर लेकर इस देश में आया था और ग्रुप का एक सदस्य पोस्टमॉर्टम के बाद के कामों का विशेषज्ञ डॉक्टर था.

हालांकि इन आरोप पत्रों में यह भी कहा गया है कि यह एजेंट्स कनाडाई एजेंट्स की नज़रों में तुरंत आ गए और उसके बाद संदिग्धता के आधार पर उनसे पूछताछ की गई और उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई.

दावा इस बात का भी है क्राउन प्रिंस सलमान ने जाबरी को मारने के लिए उत्तरी अमरीका में भी एक हिट-स्क्वायड भेजा था. 

जाबरी ने क्राउन प्रिंस पर यूएस टॉर्चर विक्टिम  प्रोटेक्शन के उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है.

हालांकि सऊदी सरकार की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है. 

मई महीने में बीबीसी ने साद के बड़े बेटे के हवाले से ख़बर दी थी कि उनके बच्चों को एक तरह से बंधक बनाकर रखा गया है. 

क्राउन प्रिंस सलमानइमेज कॉपीरइटAFP

साद अल जाबरी कौन हैं?

वर्षों तक साद अल जाफ़री सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन नाएफ़ के दाहिने हाथ माने जाते थे. उन्हें 2000 के दशक में देश में अल क़ायदा के विद्रोह को हराने का श्रेय दिया जाता है.

उन्हें अमरीका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड की ख़ुफ़िया एजेंसियों के साथ सऊदी अरब के रिश्तों की अहम कड़ी माना जाता था.उनके साथ काम करने वाले पश्चिमी देश के एक पूर्व ख़ुफ़िया अधिकारी का मानना है कि इसी अहम कड़ी ने 2010 में सैकड़ों लोगों की जान बचाई थी.

यमन स्थित अल क़ायदा ने शिकागो जाने वाले एक कार्गो विमान में शक्तिशाली बम प्लांट किया था. ये बम प्रिंटर के इंक टोनर कारट्रिज़ में छिपाया गया था.सऊदी ख़ुफ़िया अधिकारी का एक मुख़बिर अल क़ायदा में था, जिसने एमआई16 को ये सूचना दी. उस मुख़बिर ने उस डिवाइस का सीरियल नंबर तक बता दिया गया था, जिसमें बम छिपाया गया था.

ब्रिटेन की आतंकवाद निरोधक पुलिस ने बम का पता लगा लिया और फिर ईस्ट मिडलैंड्स एयरपोर्ट पर प्लेन के अंदर ही इस बम को निष्क्रिय कर दिया गया.

एक पूर्व ख़ुफ़िया अधिकारी के मुताबिक़ अगर पूर्व नियोजित साज़िश के अनुसार शिकागो में धमाका होता, तो सैकड़ों लोगों की जान जा सकती थी. इस अधिकारी ने ये भी बताया कि डॉक्टर साद अल जाबरी ने सऊदी अरब की आतंकवाद के ख़िलाफ़ कोशिशों का काया पलट करके रख दिया था.

उनके मुताबिक़ पुराने सिस्टम की जगह साद अल जाबरी ने सऊदी ख़ुफ़िया को आधुनिक बनाया, जिसमें फ़ॉरेंसिक्स और कंप्यूटर आधारित डेटा का इस्तेमाल होने लगा.

कम बोलने वाले डॉक्टर साद अल जाबरी ने एडिनबरा यूनिवर्सिटी से आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस में डॉक्टरेट किया था. वे कैबिनेट मंत्री के रैंक तक पहुँचे थे और आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय में मेजर जनरल के रैंक पर भी काम किया था. लेकिन 2015 आते आते सब कुछ बदल गया. किंग अब्दुल्लाह की मौत हो गई और उनके सौतले भाई सलमान सत्ता पर आसीन हुई.

उन्होंने अपने युवा भाई मोहम्मद बिन सलमान को रक्षा मंत्री बना दिया.मोहम्मद बिन सलमान ने अपने देश की सेना को यमन के गृह युद्ध में दखल देने का आदेश दिया. लेकिन डॉक्टर साद अल जाबरी ने इस क़दम का विरोध किया.

उनका तर्क ये था कि सऊदी अरब के पास वहाँ से बाहर निकलने की कोई रणनीति नहीं है.आज पाँच साल बाद भी सऊदी अरब यमन से निकलने का रास्ता तलाश रहा है, जो उसके लिए काफ़ी ख़र्चीला भी साबित हुआ है.वर्ष 2017 में मोहम्मद बिन सलमान ने अपने पिता की सहमति से बग़ावत की.

हालांकि इसमें कोई ख़ून ख़राबा नहीं हुआ. प्रिंस मोहम्मद बिन नाएफ़ की जगह वे ख़ुद क्राउन प्रिंस बन गए.आज मोहम्मद बिन नाएफ़ हिरासत में हैं, उनकी संपत्तियाँ जब्त हो गई हैं. जिन लोगों ने भी उनके साथ काम किया था, उन्हें उनके पद से हटा दिया गया है. डॉक्टर साद भाग कर कनाडा चले गए.

पश्चिमी ख़ुफ़िया अधिकारी ये मानते हैं कि मोहम्मद बिन सलमान डॉक्टर साद अल जाबरी को अपने लिए ख़तरा मानते हैं.

एक ख़ुफ़िया अधिकारी कहते हैं, "मोहम्मद बिन सलमान एक ऐसे व्यक्ति को आज़ाद नहीं देख सकते जो उनके ख़िलाफ़ शक्तियों को एकजुट कर सकता है."

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूबपर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Comments

Popular posts from this blog

#Modi G ! कब खुलेंगी आपकी आंखें ? CAA: एक हज़ार लोगों की थी अनुमति, आए एक लाख-अंतरराष्ट्रीय मीडिया

"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"